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सालभर में सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा पर खुलता है कार्तिकेय मंदिर, इसके पीछे है रोचक पौराणिक कथा

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रदेश का एकमात्र भगवान कार्तिकेय का मंदिर लोगों के दर्शन के लिए खुल गया है. लगभग 450 साल प्राचीन भगवान कार्तिकेय मंदिर साल में एक बार कार्तिक पूर्णिमा को खुलता है. मंदिर खुलते ही भक्तों की कतारें लग गईं. इस मंदिर के पट सालभर में केवल 24 घंटे खुलने की वजह रोचक पौराणिक कथा है. Gwalior temple of Kartikeya

temple of Lord Kartikeya opens only for 24 hours
सालभर में सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा पर खुलता है कार्तिकेय का मंदिर
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 27, 2023, 3:16 PM IST

सालभर में सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा पर खुलता है कार्तिकेय का मंदिर

ग्वालियर। भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु सालभर इंतजार करते हैं. रविवार रात 12 बजे कार्तिक पूर्णिमा की शुरुआत होते ही कार्तिकेय मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. 24 घंटे के लिए इस मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे. इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. बता दें कि ग्वालियर के जीवाजी गंज में यह प्रदेश का इकलौता कार्तिकेय स्वामी मंदिर है. इस मंदिर के पट साल में एक बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन खुलते हैं.

ये किवदंती प्रचलन में : ये किवदंती है कि पूर्णिमा के अलावा अन्य दिन कार्तिकेय भगवान दर्शन करने वाली महिलाएं विधवा हो जाती हैं तो वहीं दर्शन करने वाला पुरुष सात जन्मों तक नरक में जाता है. इसलिए साल में सिर्फ एक बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कार्तिकेय के दर्शन किए जाते हैं. पट खुलने के बाद पुजारी ने मंदिर की साफ सफाई की. इसके बाद भगवान कार्तिकेय का श्रंगार और अभिषेक किया. सोमवार को सुबह जैसे ही श्रद्धालुओं के लिए पट खुले तो उसके बाद यहां भक्तों का सैलाब उमड़ने लगा. यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि भगवान कार्तिकेय के दरबार में आने वालों की मन्नत पूरी होती है. कार्तिकेय के दर्शन करने से घरों में खुशहाली और सुख शांति बनी रहती है.

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नाराज हो गए थे कार्तिकेय भगवान : भगवान कार्तिकेय के साल में एक बार दर्शन देने को लेकर मान्यता है कि श्री गणेश जी के प्रथम पूज्य बनने के बाद कार्तिकेय नाराज हो गए थे और किसी को दर्शन न देने की सौगंध खा ली थी. लेकिन माता पार्वती के समझाने पर भगवान कार्तिकेय साल में एक बार अपनी जन्मदिन के मौके पर कार्तिक पूर्णिमा पर दर्शन देने के लिए राजी हुए. यही वजह है कि ग्वालियर का यह मंदिर कार्तिक पूर्णिमा पर ही खुलता है. मंदिर में भगवान कार्तिकेय के साथ हनुमान जी, गंगा, जमुना, सरस्वती और लक्ष्मी नारायण विराजमान हैं.

सालभर में सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा पर खुलता है कार्तिकेय का मंदिर

ग्वालियर। भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु सालभर इंतजार करते हैं. रविवार रात 12 बजे कार्तिक पूर्णिमा की शुरुआत होते ही कार्तिकेय मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. 24 घंटे के लिए इस मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे. इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. बता दें कि ग्वालियर के जीवाजी गंज में यह प्रदेश का इकलौता कार्तिकेय स्वामी मंदिर है. इस मंदिर के पट साल में एक बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन खुलते हैं.

ये किवदंती प्रचलन में : ये किवदंती है कि पूर्णिमा के अलावा अन्य दिन कार्तिकेय भगवान दर्शन करने वाली महिलाएं विधवा हो जाती हैं तो वहीं दर्शन करने वाला पुरुष सात जन्मों तक नरक में जाता है. इसलिए साल में सिर्फ एक बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कार्तिकेय के दर्शन किए जाते हैं. पट खुलने के बाद पुजारी ने मंदिर की साफ सफाई की. इसके बाद भगवान कार्तिकेय का श्रंगार और अभिषेक किया. सोमवार को सुबह जैसे ही श्रद्धालुओं के लिए पट खुले तो उसके बाद यहां भक्तों का सैलाब उमड़ने लगा. यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि भगवान कार्तिकेय के दरबार में आने वालों की मन्नत पूरी होती है. कार्तिकेय के दर्शन करने से घरों में खुशहाली और सुख शांति बनी रहती है.

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