Sticky Trap Protect Crops: अभी कुछ दिन पहले पूरे मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला हुआ था. अधिकतर जगहों पर बारिश का दौर भी देखने को मिला. ऐसे में फसलों पर कीट का प्रकोप ज्यादा देखने को मिल रहा है. जिससे किसानों की परेशानी भी बढ़ रही है. लेकिन अब किसानों की इस समस्या का बड़ा समाधान मिल गया है. अब गिनती के पैसों में और थोड़ी जुगाड़ लगा लें तो फ्री में अपनी फसलों से कीटों को कंट्रोल कर सकते हैं.
स्टिकी ट्रैप किसानों का दोस्त
बदलते मौसम के दौर में फसलों पर अक्सर देखा जाता है की तरह-तरह के कीट लगने लगते हैं, जिससे किसान परेशान होता है. इससे निजात पाने के लिए किसानों को तरह-तरह की दवाइयां का इस्तेमाल करना पड़ता है, जो काफी महंगे दामों पर आती हैं. फिर उसे खरीद कर लाना खेतों में डलवाना, अगर खुद नहीं डाल रहे हैं मजदूरों से डलवाना पड़ता है, उसमें भी पैसे लगते हैं. इस तरह से फसलों पर किसानों की लागत बढ़ जाती है.
लेकिन स्टिकी ट्रैप किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि स्टिकी ट्रैप बहुत आसानी से और कम पैसे में मिल जाता है. किसान उसे खुद बना सकते हैं, क्योंकि इसे बनाना भी बहुत आसान है. यह फसलों को कीटों से भी सुरक्षित कर देता है. एक तरह से कहा जाए तो स्टिकी ट्रैप किसानों का दोस्त बन सकता है. क्योंकि यह फसलों पर लगने वाली लागत भी बचाएगा, और कीटों से फसल को सुरक्षित करते हुए बंपर उत्पादन होगा.
स्टिकी ट्रैप क्या है?
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति बताते हैं कि, ''फसलों को कीटों से नियंत्रित करने की यांत्रिक विधि है स्टिकी ट्रैप. ये चार प्रकार के होते हैं, पीला, नीला, लाल और काला. ये अलग-अलग तरह के कीटों को आकर्षित करने का काम करते हैं, इसे खेतों में फसलों के ऊपर लगाया जाता है और बड़ी आसानी से इसमें कीट आकर चिपक जाते हैं. जिससे फसलों से कीट नियंत्रण हो जाता है और किसानों की फसल बच जाती है.''
अलग रंग अलग काम
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बी के प्रजापति बताते हैं कि, ''अलग-अलग रंग के स्टिकी ट्रैप अलग-अलग काम के लिए होते हैं. जैसे की सरसों,मटर और कद्दू की सब्जियों में इन दिनों माहू नाम का कीट लगता है. जिसे एफिड कीट भी कहते हैं. ये सरसों के पौधे के रस को चूस कर सरसों के दाने और फली को कमजोर कर देता है. जिससे दाने पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाते. ऐसे में येलो स्टिकी ट्रैप का उपयोग करके इस कीट को नियंत्रित किया जा सकता है. येलो स्टिकी ट्रैप में एफिड नाम का ये कीट चिपक जाएगा और रासायनिक दवाइयां के छिड़काव से किसान बच जाएगा. येलो स्टिकी ट्रैप एफिड नामक कीट के लिए तो कारगर है ही इसके अलावा लीफ माइनर जो कीट होता है उसके नियंत्रण में भी कारगर है.
''इसी तरह से ब्लू स्टिकी ट्रैप मुख्य रूप से जो थ्रिप्स कीट होते हैं, जो मिर्च आदि में लगते हैं, उसके नियंत्रण में काम आता है. इसी प्रकार से लाल और काला रंग का स्टिकी ट्रैप, लीफ माइनर के साथ-साथ जो शिकाडा नाम का कीट होता है, इसके नियंत्रण में कारगर होता है. शिकाडा नामक कीट एक तरह से मक्खी होती है.''
स्टिकी ट्रैप के लिए कितना पैसा
कृषि वैज्ञानिक डॉ बी के प्रजापति बताते हैं कि, ''अगर बाजार से खरीदेंगे तो 25 से 30 रुपए में एक स्टिकी ट्रैप आपको मिल जाएगा. लेकिन किसान उसे घर में भी बड़ी आसानी से बना सकते हैं. इसके बनाने का तरीका भी बहुत आसान है. एक्स-रे की प्लेट हर घर में आसानी से मिल जाती है. अगर एक्स-रे की प्लेट नहीं है तो तेल के टीन को काट कर जिस भी रंग में हमें बनाना है उसे तैयार कर सकते हैं. जैसे पीले कलर का बनाना है तो उसमें पीले कलर का ग्रीस पोत दें.
''इसके अलावा रेड़ी का तेल भी उसमें लगा सकते हैं और इसे लगाकर अपने खेत में फसल की ऊंचाई पर उसे टंगा दें. जब भी मौसम अनुकूल होगा और कीट का असर होगा, तो वो कीट इस स्टिकी ट्रैप पर आकर चिपक जाएंगे और फसल बच जाएगी. दवाइयां के छिड़काव से भी किसान बच जाएगा और किसान को किसी भी तरह का कोई खर्च नहीं आएगा.''
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एक एकड़ में कितने स्टिकी ट्रैप
कृषि वैज्ञानिक डॉ बी के प्रजापति बताते हैं कि, ''अगर आप एक एकड़ में 8 से 10 स्टिकी ट्रैप लगा देते हैं तो यह संख्या भी पर्याप्त है. वैसे जिस तरह से कीट हैं अगर आप ज्यादा से ज्यादा स्टिकी ट्रैप लगाएंगे तो बहुत जल्दी आपकी फसलों से कीट का नियंत्रण होगा. इसकी संख्या आप 20 तक भी बढ़ा सकते हैं, जिससे ज्यादा कीट चिपकेंगे और आपकी फसल बच जाएगी.
कब होता है कीट का प्रकोप
कृषि वैज्ञानिक डॉ बी के प्रजापति बताते हैं कि, ''इस समय मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. कभी बादल छाए रहते हैं, नमी बनी रहती है. कई बार बारिश भी रुक रुक कर होती रहती है. इस अवस्था में आद्रता बढ़ जाती है, जिससे फसलों पर कीट लगते हैं. इस तरह अलग-अलग फसलों में अलग-अलग तरह के कीट लगते हैं, जिससे समय पर बचाव जरूरी है. नहीं तो आपकी फसल बर्बाद हो सकती है. उसके लिए ये स्टिकी ट्रैप बहुत कारगर साबित होगी.''