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Gwalior : BEd में फर्जी परीक्षार्थी मामले में पुलिस को बड़े रैकेट की आशंका

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Published : Mar 4, 2023, 6:00 PM IST

ग्वालियर में बीएड परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बनकर आए तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब इस मामले में किसी बड़े रैकेट की संलिप्तता मान रही है. क्योंकि चार दिन पहले ही झांसी रोड पुलिस ने एक युवती को फर्जी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा में शामिल होने पर गिरफ्तार किया था. इस मामले में उसके भाई को भी गिरफ्तार किया गया है.

big racket in BEd fake candidate case
BEd में फर्जी परीक्षार्थी मामले में पुलिस बड़े रैकेट की आशंका
BEd में फर्जी परीक्षार्थी मामले में पुलिस बड़े रैकेट की आशंका

ग्वालियर। शुक्रवार को मुरार वीआरजी कॉलेज में पकड़े गए बिहार के ही युवक सिकेंद्र यादव ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया है कि उसके दोस्त यानी मूल परीक्षार्थी सुनील महतो की 28 फरवरी को बिहार में शादी थी. दोनों में पटना में कोचिंग पढ़ाई के दौरान गहरी मित्रता हो गई थी. इसी के चलते सुनील महतो पर कहने पर वह परीक्षा देने ग्वालियर आया था. इसके एवज में सुनील ने सिकेंद्र यादव को 5 हजार रुपए किराया और रहने खाने के लिए दिए थे. सिकेन्द्र ने इस बात से इनकार किया है कि वह किसी गिरोह का सदस्य है.

पुलिस को आरोपी की बात पर भरोसा नहीं : सिकेंद्र का कहना है कि उसने तो सिर्फ दोस्ती निभाने के लिए फर्जी छात्र बनना स्वीकार किया था लेकिन सिकंदर का यह बयान पुलिस के गले नहीं उतर रहा है कि कोई पढ़ने लिखने वाला छात्र कैसे सिर्फ दोस्ती की खातिर अपना कैरियर दांव पर लगा सकता है. क्योंकि इस मामले में यदि उससे उस पर आरोप साबित हो जाता है तो वह किसी भी सरकारी नौकरी के काबिल नहीं रहेगा. इसलिए पुलिस अब इस मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है. चार दिन पहले पकड़े गए पूजा कुमारी और अनिमेष जायसवाल भी बिहार के ही रहने वाले बताए गए हैं. मूल परीक्षार्थी सुचिता कुमारी और सुनील महतो पुलिस द्वारा आरोपी बनाए जाने के बावजूद अभी गिरफ्त से बाहर हैं. जबकि फर्जी परीक्षार्थी के रूप में पेपर सॉल्व करने आए तीनों लोगों को यहां पकड़ा जा चुका है. एसएपी राजेश दण्डौतिया का कहना है कि मामले की जांच जारी है.

फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले 3 गिरफ्तार : ग्वालियर की बहोडा़पुर पुलिस ने संभागभर में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले तीन शातिर लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से फर्जी जाति जन्म प्रमाण पत्र के अलावा अन्य सर्टिफिकेट एवं सील और अन्य सामान बरामद किया है. पिछले साल अक्टूबर महीने में पुलिस को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी. इस मामले में शुरुआत में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. बाद में शहर के जनकगंज थाना क्षेत्र से ऋषभ जैन को पकड़ा गया उससे पूछताछ के बाद टीम चीनौर पहुंची और यहां से हेमंत पवैया को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद दतिया के उनाव इलाके से संतोष साहू को भी गिरफ्तार किया गया है.

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लैपटॉप व अन्य दस्तावेज जब्त : पुलिस ने इनसे पूछताछ कर वारदात में प्रयुक्त लैपटॉप व अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं. आरोपियों को काफी दिनों से पुलिस तलाश रही थी लेकिन ये लोग पुलिस को चकमा देकर फरार थे और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई थी. हर बार वह पुलिस की पकड़ से बच जाते थे। तीन और लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है आरोपियों ने अभी तक कितने फर्जी बर्थ सार्टिफिकेट या अन्य प्रमाण पत्र बना चुके हैं इसके बारे में जानकारी हासिल कर रही है. पुलिस टीम ने सबसे पहले शहर के लक्ष्मीगंज से ऋषभ जैन को पकड़ा और उससे पूछताछ के बाद पुलिस टीम चीनौर पहुंची और यहां से हेमंत पवैया और इसके बाद दतिया उन्नाव में दबिश देकर संतोष साहू को दबोचा है.

BEd में फर्जी परीक्षार्थी मामले में पुलिस बड़े रैकेट की आशंका

ग्वालियर। शुक्रवार को मुरार वीआरजी कॉलेज में पकड़े गए बिहार के ही युवक सिकेंद्र यादव ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया है कि उसके दोस्त यानी मूल परीक्षार्थी सुनील महतो की 28 फरवरी को बिहार में शादी थी. दोनों में पटना में कोचिंग पढ़ाई के दौरान गहरी मित्रता हो गई थी. इसी के चलते सुनील महतो पर कहने पर वह परीक्षा देने ग्वालियर आया था. इसके एवज में सुनील ने सिकेंद्र यादव को 5 हजार रुपए किराया और रहने खाने के लिए दिए थे. सिकेन्द्र ने इस बात से इनकार किया है कि वह किसी गिरोह का सदस्य है.

पुलिस को आरोपी की बात पर भरोसा नहीं : सिकेंद्र का कहना है कि उसने तो सिर्फ दोस्ती निभाने के लिए फर्जी छात्र बनना स्वीकार किया था लेकिन सिकंदर का यह बयान पुलिस के गले नहीं उतर रहा है कि कोई पढ़ने लिखने वाला छात्र कैसे सिर्फ दोस्ती की खातिर अपना कैरियर दांव पर लगा सकता है. क्योंकि इस मामले में यदि उससे उस पर आरोप साबित हो जाता है तो वह किसी भी सरकारी नौकरी के काबिल नहीं रहेगा. इसलिए पुलिस अब इस मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है. चार दिन पहले पकड़े गए पूजा कुमारी और अनिमेष जायसवाल भी बिहार के ही रहने वाले बताए गए हैं. मूल परीक्षार्थी सुचिता कुमारी और सुनील महतो पुलिस द्वारा आरोपी बनाए जाने के बावजूद अभी गिरफ्त से बाहर हैं. जबकि फर्जी परीक्षार्थी के रूप में पेपर सॉल्व करने आए तीनों लोगों को यहां पकड़ा जा चुका है. एसएपी राजेश दण्डौतिया का कहना है कि मामले की जांच जारी है.

फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले 3 गिरफ्तार : ग्वालियर की बहोडा़पुर पुलिस ने संभागभर में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले तीन शातिर लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से फर्जी जाति जन्म प्रमाण पत्र के अलावा अन्य सर्टिफिकेट एवं सील और अन्य सामान बरामद किया है. पिछले साल अक्टूबर महीने में पुलिस को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी. इस मामले में शुरुआत में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. बाद में शहर के जनकगंज थाना क्षेत्र से ऋषभ जैन को पकड़ा गया उससे पूछताछ के बाद टीम चीनौर पहुंची और यहां से हेमंत पवैया को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद दतिया के उनाव इलाके से संतोष साहू को भी गिरफ्तार किया गया है.

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लैपटॉप व अन्य दस्तावेज जब्त : पुलिस ने इनसे पूछताछ कर वारदात में प्रयुक्त लैपटॉप व अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं. आरोपियों को काफी दिनों से पुलिस तलाश रही थी लेकिन ये लोग पुलिस को चकमा देकर फरार थे और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई थी. हर बार वह पुलिस की पकड़ से बच जाते थे। तीन और लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है आरोपियों ने अभी तक कितने फर्जी बर्थ सार्टिफिकेट या अन्य प्रमाण पत्र बना चुके हैं इसके बारे में जानकारी हासिल कर रही है. पुलिस टीम ने सबसे पहले शहर के लक्ष्मीगंज से ऋषभ जैन को पकड़ा और उससे पूछताछ के बाद पुलिस टीम चीनौर पहुंची और यहां से हेमंत पवैया और इसके बाद दतिया उन्नाव में दबिश देकर संतोष साहू को दबोचा है.

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