ETV Bharat / state

महामारी की आड़ में बदमाशों की मौज ! लॉकडाउन में पुलिस क्राइम इन्वेस्टिगेशन के चौंकाने वाले आंकड़े

author img

By

Published : Jul 16, 2020, 5:02 PM IST

लॉकडाउन में पुलिस का क्राइम इन्वेस्टिगेशन प्रभावित हुआ है, इसका सबसे बड़ा कारण ये रहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते अपराधियों को पकड़ने और छानबीन के लिए पुलिस एक राज्य से दूसरे राज्य में नहीं पहुंच पाई.

Police investigation affected
पुलिस क्राइम इन्वेस्टिगेशन हुआ प्रभावित

ग्वालियर। कोविड 19 के चलते पूरे देश में लगे लॉकडाउन के दौरान आपराधिक गतिविधियों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है. जहां पुलिस सड़कों पर उतर कर लॉकडाउन का पालन करवाती रही तो दूसरी तरफ अपराधी अपने मंसूमों को अंजाम देते रहे. लॉकडाउन में राज्य की क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम भी पूरी तरह से प्रभावित हुई और इसका सबसे बड़ा कारण ये रहा कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते अपराधियों को पकड़ने और छानबीन के लिए पुलिस एक राज्य से दूसरे राज्य में नहीं पहुंच पाई है और यही वजह है कि अपराधी इस समय खुलेआम घूम रहे हैं.

पुलिस क्राइम इन्वेस्टिगेशन हुआ प्रभावित

पुलिस का काम हुआ प्रभावित

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते इन्वेस्टिगेशन टीम भी अपराधियों को पकड़ने के लिए बाहर नहीं जा पाई, इस वजह से लॉकडाउन में पुलिस विवेचना भी पूरी तरह प्रभावित हुई है. अनलॉक के बाद धीरे-धीरे पुलिस अपराधियों तक पहुंच रही है, और अपने काम में तेजी ला रही हैं. इस लॉकडाउन के अंतराल में पुलिस का क्राइम इन्वेस्टिगेशन 50 से 60 प्रतिशत बाधित हुआ है. यही वजह है सामान्य दिनों की अपेक्षा लॉकडाउन में अपराधियों को जेल तक पहुंचाने के लिए 50 प्रतिशत की कमी आई है. नतीजा अब शहर में लूट, हत्या और चोरी की वारदातें करने वाले छोटे और बड़े अपराधियों की संख्या ज्यादा हो चुकी है.

अनलॉक प्रक्रिया में अपराधी दूसरे राज्यों की सीमा में पहुंच जाते हैं लेकिन दूसरे राज्यों में अपराधियों की धरपकड़ करने में अब पुलिस की रफ्तार और कम हो गई है. ग्वालियर जोन के आईजी और एडीजी राजा बाबू का कहना है यह बात सही है कि इस लॉकडाउन में पुलिस का क्राइम इन्वेस्टिगेशन पूरी तरह से बाधित हुआ है. क्योंकि जबसे कोरोना संक्रमण आया है तब से ज्यादातर पुलिस अपने मुख्य कार्य को छोड़कर लोगों की सुरक्षा में लगी हुई है. यही वजह है कि जो अपराधी प्रवृत्ति के लोग हैं वह खुलेआम घूम रहे हैं.

पुलिस मुख्यालय से मॉनिटरिंग का काम

आईजी राजा बाबू का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस मुख्यालय से मॉनिटरिंग का काम शुरू हुआ है,और कई विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. वहीं अब पुलिस ने लोगों की तलाश करना शुरू कर दिया है जो अपराध करने के बाद घूम रहे हैं या फिर जो पुराने बदमाश हैं, कोरोना संक्रमण काल में पुलिस ने कई वारंटियों को पकड़ा, लेकिन पकड़ते वक्त खुद पुलिस वाले भी संक्रमित हो गए.

ग्वालियर जिला अपराध के लिए बदनाम रहा है. यहां पर कई हिस्ट्रीशीटर बदमाश मौजूद हैं. बता दें कि जिला पुलिस को करीब 150 से ज्यादा इनामी बदमाशों की तलाश है. जिन पर हत्या लूट डकैती के संगीन वारदातों को अंजाम देने वालों के अलावा चिटफंड और मुन्ना भाई की तर्ज पर परीक्षा देने वाली भी शामिल हैं.

साथ ही शहर में इंटर स्टेट बदमाशों की आवाजाही भी शहर के लिए इस लॉकडाउन में सिरदर्द बन गई है. क्योंकि अभी हाल में ही यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे की गैंग का कनेक्शन शहर में जुड़ने से एक बार फिर इंटरस्टेट क्रिमिनल शहर में घुसपैठ का खुलासा हुआ था. क्योंकि ग्वालियर जिले की सीमाएं उत्तर प्रदेश और राजस्थान से मिलती हैं इस जिले के अपराधी अपराध करने के बाद दूसरी सीमा में प्रवेश कर जाते हैं.

ग्वालियर। कोविड 19 के चलते पूरे देश में लगे लॉकडाउन के दौरान आपराधिक गतिविधियों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है. जहां पुलिस सड़कों पर उतर कर लॉकडाउन का पालन करवाती रही तो दूसरी तरफ अपराधी अपने मंसूमों को अंजाम देते रहे. लॉकडाउन में राज्य की क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम भी पूरी तरह से प्रभावित हुई और इसका सबसे बड़ा कारण ये रहा कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते अपराधियों को पकड़ने और छानबीन के लिए पुलिस एक राज्य से दूसरे राज्य में नहीं पहुंच पाई है और यही वजह है कि अपराधी इस समय खुलेआम घूम रहे हैं.

पुलिस क्राइम इन्वेस्टिगेशन हुआ प्रभावित

पुलिस का काम हुआ प्रभावित

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते इन्वेस्टिगेशन टीम भी अपराधियों को पकड़ने के लिए बाहर नहीं जा पाई, इस वजह से लॉकडाउन में पुलिस विवेचना भी पूरी तरह प्रभावित हुई है. अनलॉक के बाद धीरे-धीरे पुलिस अपराधियों तक पहुंच रही है, और अपने काम में तेजी ला रही हैं. इस लॉकडाउन के अंतराल में पुलिस का क्राइम इन्वेस्टिगेशन 50 से 60 प्रतिशत बाधित हुआ है. यही वजह है सामान्य दिनों की अपेक्षा लॉकडाउन में अपराधियों को जेल तक पहुंचाने के लिए 50 प्रतिशत की कमी आई है. नतीजा अब शहर में लूट, हत्या और चोरी की वारदातें करने वाले छोटे और बड़े अपराधियों की संख्या ज्यादा हो चुकी है.

अनलॉक प्रक्रिया में अपराधी दूसरे राज्यों की सीमा में पहुंच जाते हैं लेकिन दूसरे राज्यों में अपराधियों की धरपकड़ करने में अब पुलिस की रफ्तार और कम हो गई है. ग्वालियर जोन के आईजी और एडीजी राजा बाबू का कहना है यह बात सही है कि इस लॉकडाउन में पुलिस का क्राइम इन्वेस्टिगेशन पूरी तरह से बाधित हुआ है. क्योंकि जबसे कोरोना संक्रमण आया है तब से ज्यादातर पुलिस अपने मुख्य कार्य को छोड़कर लोगों की सुरक्षा में लगी हुई है. यही वजह है कि जो अपराधी प्रवृत्ति के लोग हैं वह खुलेआम घूम रहे हैं.

पुलिस मुख्यालय से मॉनिटरिंग का काम

आईजी राजा बाबू का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस मुख्यालय से मॉनिटरिंग का काम शुरू हुआ है,और कई विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. वहीं अब पुलिस ने लोगों की तलाश करना शुरू कर दिया है जो अपराध करने के बाद घूम रहे हैं या फिर जो पुराने बदमाश हैं, कोरोना संक्रमण काल में पुलिस ने कई वारंटियों को पकड़ा, लेकिन पकड़ते वक्त खुद पुलिस वाले भी संक्रमित हो गए.

ग्वालियर जिला अपराध के लिए बदनाम रहा है. यहां पर कई हिस्ट्रीशीटर बदमाश मौजूद हैं. बता दें कि जिला पुलिस को करीब 150 से ज्यादा इनामी बदमाशों की तलाश है. जिन पर हत्या लूट डकैती के संगीन वारदातों को अंजाम देने वालों के अलावा चिटफंड और मुन्ना भाई की तर्ज पर परीक्षा देने वाली भी शामिल हैं.

साथ ही शहर में इंटर स्टेट बदमाशों की आवाजाही भी शहर के लिए इस लॉकडाउन में सिरदर्द बन गई है. क्योंकि अभी हाल में ही यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे की गैंग का कनेक्शन शहर में जुड़ने से एक बार फिर इंटरस्टेट क्रिमिनल शहर में घुसपैठ का खुलासा हुआ था. क्योंकि ग्वालियर जिले की सीमाएं उत्तर प्रदेश और राजस्थान से मिलती हैं इस जिले के अपराधी अपराध करने के बाद दूसरी सीमा में प्रवेश कर जाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.