ग्वालियर। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब निजी अस्पतालों द्वारा अपने मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर रहा है. इसके चलते ग्वालियर में 13 निजी अस्पतालों के पंजीयन निरस्त कर दिए गए हैं. इसके अलावा मेडिकल वेस्ट खुले में फेंकने और अनियमित रूप से नगर निगम के कचरे में शामिल करने के चलते करीब एक दर्जन अस्पतालों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं.
ग्वालियर चंबल अंचल से मिली सैकड़ा अस्पतालों की सूचीः प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि "उन्हें ग्वालियर चंबल अंचल के करीब एक सैकड़ा अस्पतालों की सूची मिली थी, जो सीबीडब्ल्यूटीएफ ने ग्वालियर के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजी थी. इनमें अधिकांश अस्पताल सीबीडब्ल्यूटीएफ के सदस्य नहीं थे. इसका मतलब सीधे तौर पर यह था कि वह अपने अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट और अन्य कचरे को नगर निगम की कचरा गाड़ियों में फेंक रहे थे, जिसके कारण वायु और अन्य प्रदूषण फैल सकते थे. इसी चलते पहली बार क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निजी अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. इनमें अधिकांश अस्पताल ग्वालियर के ही हैं जबकि 4 अस्पताल दतिया के हैं और एक अस्पताल भिंड का बताया गया है. मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्देश अस्पतालों द्वारा मेडिकल वेस्ट खुले में फेंकने और अनियमित रूप से निष्पादन करने के चलते दिए गए हैं. साथ में 11 अस्पतालों को बंद करने के निर्देश दिए हैं.
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11 अस्पतालों को बंद करने के दिए निर्देशः इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ऋषिराज सेंगर ने बताया कि, ''एनजीटी के निर्देशों के मुताबिक हमने करीब 100 अस्पतालों की सूची तैयार की थी, जिसके बाद 11 अस्पतालों को बंद करने के निर्देश दिए हैं. 13 अस्पतालों का पंजीयन निरस्त करने और 35 अस्पतालों पर नोटिस की कार्रवाई की गई है. इन अस्पतालों द्वारा सीबीडब्ल्यूटीएफ की सदस्यता नहीं लिए जाने से शहर में मेडिकल वेस्ट यहां-वहां फेंकने से प्रदूषण और संक्रमण का खतरा बना हुआ था, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई है.