ग्वालियर। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे ही इलाकों में सियासी पारा गरमाने लगा है. ऐसा ही एक मामला ग्वालियर से आया है, जहां जिला पंचायत सदस्य नेहा परिहार ने शनिवार को पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल को एक आवेदन सौंपा है. इसमें उन्होंने पूर्व मंत्री और लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी पर धमकाने और अपने लाखों रुपए हड़पने का आरोप लगाया है.
नेहा परिहार का कहना है- "इमरती देवी उसकी राजनीतिक सलाहकार रही हैं और कई मौकों उन्होंने उसकी मदद भी की है.
उन्होंने बताया कि अध्यक्ष बनवाने के लिए इमरती देवी ने 45 लाख रुपए लिए थे. वह पैसे भी इमरती देवी ने वापस नहीं किए हैं. जबकि, वह जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं बन सकी थी. इमरती देवी डबरा में किसी दूसरी अनुसूचित जाति की महिला को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी के रूप में खड़े होने देना नहीं चाहती हैं. इसलिए उन्हें और उनके पति सहित बच्चों को खत्म करने की धमकी दी जा रही है.
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एसपी राजेश चंदेल ने मामले में जांच के बाद कोई कार्रवाई करने का आश्वासन जिला पंचायत सदस्य को दिया है. गौरतलब है कि नेहा परिहार भी डबरा विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी जता रही हैं.
इसी के बाद से दोनों भाजपा समर्थित नेताओं में आपस में तलवारें खिंची हुई है. हालांकि नेहा परिहार ने लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी को 45 लाख रुपए देने एवं धमकाने के संबंध में कोई भी सबूत एसपी के सामने पेश नहीं कर सकी हैं. फिलहाल यह दोनों सनसनीखेज आरोप जिला पंचायत सदस्य की तरफ से लगाए गए हैं, जिसकी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.