ग्वालियर। मध्य प्रदेश का चंबल इलाका एक समय बीहड़, बागी और डकैतों के नाम से जाना जाता था. लेकिन आज यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है. यह इलाका कभी बेटियों के लिए अभिशाप माना जाता था. यहां ऐसा दौर भी था कि बेटी के जन्म लेने पर लोगों के चेहरे पर दुखों का पहाड़ टूट जाता था. लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है. अब चंबल की बेटियां अलग-अलग क्षेत्र में देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में नाम रोशन कर रही हैं. यहां अब बेटियों को बड़े गर्व से पाला जाता है. उन्हें उच्च स्तर की शिक्षा दिलाई जाती है. ऐसी ही चंबल की बेटी है नंदिनी अग्रवाल. नंदनी ने विश्व की सबसे युवा महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट होने का खिताब गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया है.Chambal Girl World Record
सीए एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 1 : नंदिनी अग्रवाल की प्रारंभिक परीक्षा चंबल के मुरैना जिले में हुई. इन्होंने साल 2021 में सीए की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की थी. नंदिनी के पिता नरेश अग्रवाल ने ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत करते हुए बताया कि नंदिनी ने गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड की टीम से संपर्क किया. उसके बाद टीम ने नंदिनी से बातचीत की और बाद में जांच हड़ताल करने के बाद गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने नंदिनी को यह प्रमाण पत्र जारी किया. फिलहाल नंदनी मुंबई में सिंगापुर की एक कंपनी में 35 लाख सालाना के पैकेज पर काम कर रही हैं. नंदिनी के पिता नरेश अग्रवाल पैसे से वकील है और इनकी मां हाउस वाइफ हैं. वह दो भाई-बहन हैं. इनके भाई का नाम सचिन अग्रवाल है. सचिन ने भी वर्ष 2021 में सीए की परीक्षा में ऑल इंडिया 18 वीं रैंक हासिल की थी.
बहुत मेधावी छात्रा रही हैं : नरेश अग्रवाल बताते हैं कि नंदिनी हमेशा जल्दबाजी में रहती थी. इन्होंने दो क्लास जंप करते हुए मात्र 13 साल की उम्र में 10 वीं की परीक्षा पास की, फिर 15 की उम्र में 12 वीं और मात्र 19 साल की उम्र में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला. नंदनी मध्यप्रदेश के मुरैना के गंज की निवासी है. वर्तमान में नंदिनी करीब 20 साल की हैं. नंदिनी के पिता ने बताया कि वह बचपन से ही काफी जल्दबाजी में रहती थी और यह बात इसकी एजुकेशन पर भी सटीक बैठती है. दोनों भाई-बहन ने साल 2017 में 12 वीं की बोर्ड परीक्षा में संयुक्त रूप से जिले में 94.50% अंक प्राप्त कर टॉप किया था.
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स्कूली जीवन से बनाया लक्ष्य : नरेश अग्रवाल ने बताया कि नंदनी का भाई सचिन उससे दो क्लास आगे था. जिसके कारण उसने दो क्लास जंप कर 10 वीं की परीक्षा दी और दोनों एक ही क्लास में आ गए. वहीं, नंदिनी अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वह कक्षा 11वी में पढ़ती थी तो एक दिन उनकी स्कूल में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम आई थी. टीम को देखकर वह इतनी प्रभावित हो गई कि उसने सपना देखना शुरू कर दिया कि वह भी एक दिन अपना नाम गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हासिल करके रहेगी. आज उसका ये सपना पूरा हो गया है. Chambal Girl World Record