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Gwalior FIR Doctors मेडिकल छात्र चला रहा था अस्पताल, डायरेक्टर और नर्स सहित 7 लोगों पर FIR - ज्यादा खून बहने से नवजात की मौत

ग्वालियर के मुरार थाना क्षेत्र स्थित रुद्राक्ष अस्पताल के संचालक सहित दो महिला डॉक्टर एवं चार अन्य के खिलाफ लापरवाही बरतने का मुकदमा दर्ज किया गया है. पिछले साल 21 नवंबर को गलत तरीके से डिलीवरी कराने के दौरान गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई थी. वहीं प्रसूता की जान बमुश्किल बच सकी थी. इस मामले में महिला के पति ने रुद्राक्ष अस्पताल के प्रबंधन स्टाफ तथा आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं पुलिस को आवेदन दिया था. Gwalior Fir against 4 doctors, Gwalior Rudraksh hospital, Gwalior fake hospital, Medical student running hospital

Medical student running hospital
मेडिकल छात्र चला रहा था नर्सिंग होम
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Published : Sep 3, 2022, 4:25 PM IST

Updated : Sep 3, 2022, 4:51 PM IST

ग्वालियर। जांच में सीएमएचओ ने जांच में पाया कि रुद्राक्ष अस्पताल का संचालन संजीव शर्मा नामक चिकित्सक कर रहा था. जो फिलहाल एमबीबीएस के तीसरे वर्ष में अध्ययनरत है. मौके पर प्रसूता को कोई ट्रेंड लेडी डॉक्टर नहीं मिली. अस्पताल के दूसरे स्टाफ ने डिलीवरी कराई, जिससे गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई. मुरार पुलिस ने रुद्राक्ष अस्पताल के डॉक्टर और नर्स सहित 7 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. आरोपियों में डॉ.अनीता श्रीवास्तव, डॉ.ज्योत्सना सिंह राजावत, डॉ.मनप्रीत कौर, डॉ.संजीव शर्मा के साथ ही पुष्पलता, प्रभा व मीना शामिल हैं. पुलिस की कार्रवाई जारी है.

ज्यादा खून बहने से गर्भस्थ शिशु की मौत : मुरार थाना क्षेत्र के मेहरा गांव में रहने जितेंद्र शर्मा की पत्नी प्राची शर्मा को नियमित चेकअप के लिए मुरार जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन डिलीवरी के दौरान वहां किसी डॉक्टर के कहने पर महिला अपने पति के साथ रुद्राक्ष अस्पताल पहुंच गई. आधी रात को महिला को दर्द होने पर डॉक्टर नहीं पहुंची. इस पर नर्स ने सामान्य डिलीवरी कराने की कोशिश की तो महिला के पेट के पहली बच्ची के जन्म के दौरान लगाए गए टांके खुल गए. अधिक खून बह जाने से शिशु की मौत हो गई. महिला को दूसरे निजी अस्पताल में रेफर कर एक माह के इलाज के बाद बमुश्किल बचाया जा सका था.

पीड़ित ने सबूत सहित की थी शिकायत : इस मामले को लेकर जितेंद्र ने पुलिस और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की शिकायत की थी. स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ की जांच में यह तथ्य भी स्पष्ट हुआ कि अस्पताल संचालक डॉ.संजीव मेडिकल छात्र थे और अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर आयुर्वेदिक चिकित्सक थे. अस्पताल में तैनात नर्सिंग स्टाफ भी अपात्र था. इसे लापरवाही मानते हुए तत्काल सीएमएचओ ने इसकी शिकायत थाने में की.

ये कैसे डॉक्टर हैं? महिला को जिंदा ही भेज दिया मॉर्चुरी, इलाज के 8 घंटे बाद हुई मौत

सभी आरोपी होंगे गिरफ्तार : सीएसपी ग्वालियर ऋषिकेश मीना ने बताया " डॉ.अनीता श्रीवास्तव, डॉ.ज्योत्सना सिंह राजावत, डॉ.मनप्रीत कौर, डॉ.संजीव शर्मा और तीन नर्स पुष्पलता, प्रभा व मीना सहित 7 के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है. फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. जल्द ही इसमें गिरफ्तारी की जाएगी."

ग्वालियर। जांच में सीएमएचओ ने जांच में पाया कि रुद्राक्ष अस्पताल का संचालन संजीव शर्मा नामक चिकित्सक कर रहा था. जो फिलहाल एमबीबीएस के तीसरे वर्ष में अध्ययनरत है. मौके पर प्रसूता को कोई ट्रेंड लेडी डॉक्टर नहीं मिली. अस्पताल के दूसरे स्टाफ ने डिलीवरी कराई, जिससे गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई. मुरार पुलिस ने रुद्राक्ष अस्पताल के डॉक्टर और नर्स सहित 7 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. आरोपियों में डॉ.अनीता श्रीवास्तव, डॉ.ज्योत्सना सिंह राजावत, डॉ.मनप्रीत कौर, डॉ.संजीव शर्मा के साथ ही पुष्पलता, प्रभा व मीना शामिल हैं. पुलिस की कार्रवाई जारी है.

ज्यादा खून बहने से गर्भस्थ शिशु की मौत : मुरार थाना क्षेत्र के मेहरा गांव में रहने जितेंद्र शर्मा की पत्नी प्राची शर्मा को नियमित चेकअप के लिए मुरार जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन डिलीवरी के दौरान वहां किसी डॉक्टर के कहने पर महिला अपने पति के साथ रुद्राक्ष अस्पताल पहुंच गई. आधी रात को महिला को दर्द होने पर डॉक्टर नहीं पहुंची. इस पर नर्स ने सामान्य डिलीवरी कराने की कोशिश की तो महिला के पेट के पहली बच्ची के जन्म के दौरान लगाए गए टांके खुल गए. अधिक खून बह जाने से शिशु की मौत हो गई. महिला को दूसरे निजी अस्पताल में रेफर कर एक माह के इलाज के बाद बमुश्किल बचाया जा सका था.

पीड़ित ने सबूत सहित की थी शिकायत : इस मामले को लेकर जितेंद्र ने पुलिस और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की शिकायत की थी. स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ की जांच में यह तथ्य भी स्पष्ट हुआ कि अस्पताल संचालक डॉ.संजीव मेडिकल छात्र थे और अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर आयुर्वेदिक चिकित्सक थे. अस्पताल में तैनात नर्सिंग स्टाफ भी अपात्र था. इसे लापरवाही मानते हुए तत्काल सीएमएचओ ने इसकी शिकायत थाने में की.

ये कैसे डॉक्टर हैं? महिला को जिंदा ही भेज दिया मॉर्चुरी, इलाज के 8 घंटे बाद हुई मौत

सभी आरोपी होंगे गिरफ्तार : सीएसपी ग्वालियर ऋषिकेश मीना ने बताया " डॉ.अनीता श्रीवास्तव, डॉ.ज्योत्सना सिंह राजावत, डॉ.मनप्रीत कौर, डॉ.संजीव शर्मा और तीन नर्स पुष्पलता, प्रभा व मीना सहित 7 के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है. फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. जल्द ही इसमें गिरफ्तारी की जाएगी."

Last Updated : Sep 3, 2022, 4:51 PM IST
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