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बदनुमा दाग : ग्वालियर बन रहा मानव तस्करी का हब - ग्वालियर

मावनता को शर्मसार कर देने वाली मानव तस्करी सभ्य समाज के माथे पर बदनुमा दाग है, मानव तस्करी का यह दाग ग्वालियर में साफ नजर आ रहा है. ग्वालियर जिले में लगातार मानव तस्करों द्वारा नादान बच्चियों की खरीद-फरोख्त कर उन्हें रेड लाइट एरिया में देह व्यापार के लिए धकेला जा रहा है.

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मानव तस्करी
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Published : Mar 3, 2021, 10:24 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 10:57 PM IST

ग्वालियर। अपराधों के लिए बदनाम रहा ग्वालियर चंबल अंचल अब मानव तस्करी का बड़ा सेंटर बनता जा रहा है. ग्वालियर जिले में लगातार मानव तस्करों द्वारा नादान बच्चियों की खरीद-फरोख्त कर उन्हें रेड लाइट एरिया में देह व्यापार के लिए धकेला जा रहा है. इस देह व्यापार में गरीब परिवारों की बच्चियां मानव तस्करों के रडार पर रहती हैं, उन्हें चोरी करने से लेकर अपने शिकंजे में रखना और फिर दिल्ली- मुंबई की रेड लाइट एरिया तक पहुंचाना उनका काम है.

जिले के बदनापुर और रेशमपुरा ऐसे दो बड़े इलाके हैं, जहां पर सबसे ज्यादा देह व्यापार का काम किया जाता है. यहीं से नाबालिग बच्चियों को अगवा और खरीद फरोख्त कर रेड लाइट एरिया में भेजा जाता है. पुलिस की नाकामी और ढीली कार्यप्रणाली के चलते यह मानव तस्करी का काम लगातार तेजी से बढ़ रहा है.

मानव तस्करी का हब बन रहा ग्वालियर

वैसे तो ग्वालियर चंबल अंचल अपराधों के लिए बदनाम है, लेकिन अब यहां मानव तस्करी का काम भी होने लगा है. ग्वालियर अंचल के इलाकों में मानव तस्करों की गैंग लगातार नाबालिग बच्चियों को अपने निशाने पर ले रही है.

मानव तस्करों की रडार पर गरीब और भीख मांगने वाले परिवार

यह मानव तस्कर गैंग गरीब परिवार की बच्चियां, मजदूर और भीख मांगने वाले नाबालिग बच्चियों को अपने टारगेट पर रखती है, क्योंकि बच्चों को चोरी करने के बाद उन्हें पकड़े जाने का डर कम होता है. इन परिवारों को कानून की ज्यादा समझ नहीं होती है. यह मानव तस्कर पहले उनके परिवार का पोषण करने की जिम्मेदारी का भरोसा दिलाते हैं, उसके बाद उन्हें ले जाते हैं और उनकी बच्चियों को अगवा कर लेते हैं.

बदनापुर और रेशमपुरा बन रहा है मानव तस्करी का सबसे बड़ा सेंटर

ग्वालियर जिले के दो इलाके बदनापुर और रेशमपुरा देह व्यापार के लिए मशहूर है, इन इलाकों में सबसे ज्यादा देह व्यापार होता है. इन इलाकों में रहने वाले लोग नाबालिग बच्चियों को देह व्यापार के लिए रेड लाइट एरिया में भेजते हैं. इसी इलाके में यह मानव तस्कर नाबालिगों को लेकर आते हैं और इन्हीं इलाकों में देह व्यापार का काम कराते हैं. इस इलाके में पुलिस ने कई नाबालिग बच्चियों को उनके कब्जे से छुड़ाया है.

मानव तस्करों की रडार पर रहते हैं यह इलाके

पुलिस अधिकारी मानते है कि बच्चों को अगवा करने वालों का फोकस शहर की आउटर बस्ती पर ज्यादा रहता है . रेलवे स्टेशन बस स्टैंड के बाहर खुले आसमान के नीचे रहने वाले परिवार रहते हैं, इन इलाकों से ही यह मानव तस्कर बच्चियों को बहला-फुसलाकर या अगवा कर ले जाते हैं और उसके बाद उन्हें दूसरे स्थान पर बेच देते हैं. या फिर देह व्यापार में धकेल देते हैं.

Police control room
पुलिस कंट्रोल रुम

पुलिस ने अभी तक पकड़े गये मानव तस्करों से नेटवर्क का किया खुलासा

देह व्यापार का काम करने वाले राममिलन किन्नर और उसकी पार्टनर लक्ष्मी जाटव से पुलिस ने इन दो मासूम बच्चियों को बरामद किया था. यह दोनों 4 साल की मासूम को चोरी कर बदनापुरा बस्ती में जिस्मफरोशी को बेचने का काम करते थे.

मध्य प्रेदश : छह बार बेची गई युवती, दरिंदगी से तंग आकर फंदे पर झूली

कुछ दिन पहले मजदूर परिवार की एक नाबालिग को बदनापुर में आकाश काल और उसकी भाभी के कब्जे से बरामद किया था. जिस्मफरोशी के दलाल अंकित कंजर ने गरीब परिवार का फायदा उठाकर बच्ची को पहले गोद ले लिया और उसके बाद उसने बदनापुरा में उसे बेच दिया था.

पुलिस ने पांच साल की नाबालिग को किया था बरामद

मुरैना जिले में अभी हाल में ही एक बड़ा खुलासा हुआ. पुलिस ने व्यापार के आरोप में एक महिला को पकड़ा था. इस महिला से 5 साल की एक नाबालिग भी बरामद हुई. महिला ने 5 साल पहले एक डॉक्टर से नवजात के रूप में बच्ची को खरीदा था. यह महिला इस बच्ची को 13 साल की होने पर उसे मुंबई में बेचने की साजिश कर रही थी. यह आरोपी महिला नवजात बच्चों को खरीदने का काम करती थी. बच्चों को बड़ा दिखाने के लिए वह उन्हें बियर भी पिलाती थी, जिससे वह समय से पहले बड़ी दिखने लगे.

पुलिस ने अलग-अलग राज्यों से 90 लापता लड़कियों को किया बरामद

पिछले महीने ऑपरेशन मुस्कान के तहत बड़ी सफलता मिली थी. ग्वालियर पुलिस ने 25 दिन में 90 लापता लड़कियों को बरामद किया था. यह लड़की यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से बरामद की गई थी. पुलिस की यह बड़ी सफलता मानी जा रही है. बरामद हुई लड़कियों में कई लड़कियां ऐसी थीं जिन्हें देह व्यापार में धकेल दिया था.

2013 से 2020 तक फुल 175 लड़कियां लापता हुई

इन 7 सालों में ग्वालियर जिले से कुल 150 लड़कियां लापता हुईं हैं. इसके साथ ही जनवरी 2021 में 27 नाबालिग लड़कियां और लापता हो चुकी हैं.

जिले में देह व्यापार के बड़े नेटवर्क तक पहुंचना चुनौती

जिले में लगातार मानव तस्करों द्वारा नाबालिग बच्चियों और लड़कियों को देह व्यापार में धकेला जा रहा है, लेकिन जिले की पुलिस अब इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. साल भर में एक या दो कार्रवाई की जाती है. उसके बाद पुलिस सुस्त हो जाती है. यही वजह है कि मानव तस्करों गिरोह लगातार नाबालिग बच्चियों को अपनी रडार पर ले रहा है. वहीं इस बारे में ग्वालियर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी का कहना है कि कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां पर देह व्यापार की सूचना आती रहती है. इसके लिए हम एक टीम गठित कर रहे हैं और इनके मुख्य सरगना तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इन लोगों पर बड़ी कार्रवाई की जा सके.

ग्वालियर। अपराधों के लिए बदनाम रहा ग्वालियर चंबल अंचल अब मानव तस्करी का बड़ा सेंटर बनता जा रहा है. ग्वालियर जिले में लगातार मानव तस्करों द्वारा नादान बच्चियों की खरीद-फरोख्त कर उन्हें रेड लाइट एरिया में देह व्यापार के लिए धकेला जा रहा है. इस देह व्यापार में गरीब परिवारों की बच्चियां मानव तस्करों के रडार पर रहती हैं, उन्हें चोरी करने से लेकर अपने शिकंजे में रखना और फिर दिल्ली- मुंबई की रेड लाइट एरिया तक पहुंचाना उनका काम है.

जिले के बदनापुर और रेशमपुरा ऐसे दो बड़े इलाके हैं, जहां पर सबसे ज्यादा देह व्यापार का काम किया जाता है. यहीं से नाबालिग बच्चियों को अगवा और खरीद फरोख्त कर रेड लाइट एरिया में भेजा जाता है. पुलिस की नाकामी और ढीली कार्यप्रणाली के चलते यह मानव तस्करी का काम लगातार तेजी से बढ़ रहा है.

मानव तस्करी का हब बन रहा ग्वालियर

वैसे तो ग्वालियर चंबल अंचल अपराधों के लिए बदनाम है, लेकिन अब यहां मानव तस्करी का काम भी होने लगा है. ग्वालियर अंचल के इलाकों में मानव तस्करों की गैंग लगातार नाबालिग बच्चियों को अपने निशाने पर ले रही है.

मानव तस्करों की रडार पर गरीब और भीख मांगने वाले परिवार

यह मानव तस्कर गैंग गरीब परिवार की बच्चियां, मजदूर और भीख मांगने वाले नाबालिग बच्चियों को अपने टारगेट पर रखती है, क्योंकि बच्चों को चोरी करने के बाद उन्हें पकड़े जाने का डर कम होता है. इन परिवारों को कानून की ज्यादा समझ नहीं होती है. यह मानव तस्कर पहले उनके परिवार का पोषण करने की जिम्मेदारी का भरोसा दिलाते हैं, उसके बाद उन्हें ले जाते हैं और उनकी बच्चियों को अगवा कर लेते हैं.

बदनापुर और रेशमपुरा बन रहा है मानव तस्करी का सबसे बड़ा सेंटर

ग्वालियर जिले के दो इलाके बदनापुर और रेशमपुरा देह व्यापार के लिए मशहूर है, इन इलाकों में सबसे ज्यादा देह व्यापार होता है. इन इलाकों में रहने वाले लोग नाबालिग बच्चियों को देह व्यापार के लिए रेड लाइट एरिया में भेजते हैं. इसी इलाके में यह मानव तस्कर नाबालिगों को लेकर आते हैं और इन्हीं इलाकों में देह व्यापार का काम कराते हैं. इस इलाके में पुलिस ने कई नाबालिग बच्चियों को उनके कब्जे से छुड़ाया है.

मानव तस्करों की रडार पर रहते हैं यह इलाके

पुलिस अधिकारी मानते है कि बच्चों को अगवा करने वालों का फोकस शहर की आउटर बस्ती पर ज्यादा रहता है . रेलवे स्टेशन बस स्टैंड के बाहर खुले आसमान के नीचे रहने वाले परिवार रहते हैं, इन इलाकों से ही यह मानव तस्कर बच्चियों को बहला-फुसलाकर या अगवा कर ले जाते हैं और उसके बाद उन्हें दूसरे स्थान पर बेच देते हैं. या फिर देह व्यापार में धकेल देते हैं.

Police control room
पुलिस कंट्रोल रुम

पुलिस ने अभी तक पकड़े गये मानव तस्करों से नेटवर्क का किया खुलासा

देह व्यापार का काम करने वाले राममिलन किन्नर और उसकी पार्टनर लक्ष्मी जाटव से पुलिस ने इन दो मासूम बच्चियों को बरामद किया था. यह दोनों 4 साल की मासूम को चोरी कर बदनापुरा बस्ती में जिस्मफरोशी को बेचने का काम करते थे.

मध्य प्रेदश : छह बार बेची गई युवती, दरिंदगी से तंग आकर फंदे पर झूली

कुछ दिन पहले मजदूर परिवार की एक नाबालिग को बदनापुर में आकाश काल और उसकी भाभी के कब्जे से बरामद किया था. जिस्मफरोशी के दलाल अंकित कंजर ने गरीब परिवार का फायदा उठाकर बच्ची को पहले गोद ले लिया और उसके बाद उसने बदनापुरा में उसे बेच दिया था.

पुलिस ने पांच साल की नाबालिग को किया था बरामद

मुरैना जिले में अभी हाल में ही एक बड़ा खुलासा हुआ. पुलिस ने व्यापार के आरोप में एक महिला को पकड़ा था. इस महिला से 5 साल की एक नाबालिग भी बरामद हुई. महिला ने 5 साल पहले एक डॉक्टर से नवजात के रूप में बच्ची को खरीदा था. यह महिला इस बच्ची को 13 साल की होने पर उसे मुंबई में बेचने की साजिश कर रही थी. यह आरोपी महिला नवजात बच्चों को खरीदने का काम करती थी. बच्चों को बड़ा दिखाने के लिए वह उन्हें बियर भी पिलाती थी, जिससे वह समय से पहले बड़ी दिखने लगे.

पुलिस ने अलग-अलग राज्यों से 90 लापता लड़कियों को किया बरामद

पिछले महीने ऑपरेशन मुस्कान के तहत बड़ी सफलता मिली थी. ग्वालियर पुलिस ने 25 दिन में 90 लापता लड़कियों को बरामद किया था. यह लड़की यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से बरामद की गई थी. पुलिस की यह बड़ी सफलता मानी जा रही है. बरामद हुई लड़कियों में कई लड़कियां ऐसी थीं जिन्हें देह व्यापार में धकेल दिया था.

2013 से 2020 तक फुल 175 लड़कियां लापता हुई

इन 7 सालों में ग्वालियर जिले से कुल 150 लड़कियां लापता हुईं हैं. इसके साथ ही जनवरी 2021 में 27 नाबालिग लड़कियां और लापता हो चुकी हैं.

जिले में देह व्यापार के बड़े नेटवर्क तक पहुंचना चुनौती

जिले में लगातार मानव तस्करों द्वारा नाबालिग बच्चियों और लड़कियों को देह व्यापार में धकेला जा रहा है, लेकिन जिले की पुलिस अब इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. साल भर में एक या दो कार्रवाई की जाती है. उसके बाद पुलिस सुस्त हो जाती है. यही वजह है कि मानव तस्करों गिरोह लगातार नाबालिग बच्चियों को अपनी रडार पर ले रहा है. वहीं इस बारे में ग्वालियर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी का कहना है कि कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां पर देह व्यापार की सूचना आती रहती है. इसके लिए हम एक टीम गठित कर रहे हैं और इनके मुख्य सरगना तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इन लोगों पर बड़ी कार्रवाई की जा सके.

Last Updated : Mar 3, 2021, 10:57 PM IST
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