ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक पिता द्वारा अपनी पुत्री के कथित अपरहण को लेकर पुलिस की भूमिका पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने विवेचना अधिकारी को केस की पूरी जानकारी और अब तक की गई जांच डिटेल के साथ तलब किया है. कोर्ट ने ये टिप्पणी भी की है कि लगता है पुलिस अपने तौर-तरीके से जांच नहीं कर रही है, बल्कि लड़की के पिता के इशारों पर नाच रही है.
मामला देवास जिले के पिपरिया थाना क्षेत्र का है, जहां एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि वह पिता से अलग रह रही है, जबकि उसकी बेटी पिता के साथ रहती है. पिता कभी भी बेटी की शादी कर सकता है. जिससे उसकी नाबालिग बेटी का जीवन खतरे में पड़ सकता है. बाद में लड़की किसी तरह अपनी मां के पास आ गई और उसके साथ रहने लगी, तब पिता ने लड़की के कथित अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी.
मामले की जानकारी मिलने पर लड़की की मां ने कोर्ट को बताया कि पति उसकी बेटी की शादी जबरन कहीं कराना चाह रहा था. इसलिए बेटी भागकर उसके पास आ गई और उसने सुरक्षा की दृष्टि से ये याचिका प्रस्तुत की है. अब पुलिस उसे परेशान कर रही है. उस पर जबरन धारा 164 के बयान देने के लिए दबाव डाला जा रहा है.
कोर्ट ने इस मामले में थाना प्रभारी और जांच अधिकारी हिमांशु पांडे की भूमिका पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा है कि जांच अधिकारी को न्यायालय में हाजिर होकर बताना होगा कि किस प्रावधान के तहत बालिका की मां को दिशा-निर्देश दे रहे थे.