ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म की प्राथमिकी को इस आधार पर निरस्त कर दिया है, क्योंकि कोर्ट ने माना है कि लड़की 2 महीने बाद ही बालिग होने वाली थी और इस उम्र की लड़की अपने अच्छे बुरे के बारे में सोच सकती है. इसलिए आरोपी पर बलात्कार का आरोप कैलाश शर्मा (निवासी- अंबाह,मुरैना) सही साबित नहीं होता है. नाबालिग लड़की ने पिछले साल 28 दिसंबर को यह मामला दर्ज कराया था.
क्या था मामला: 30 साल के आरोपी और लड़की की पहचान सोशल मीडिया के जरिए हुई थी, 10 दिसंबर 2022 को आरोपी ने पीड़िता को मिलने के लिए ग्वालियर के एक होटल में बुलाया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. इससे पहले आरोपी ने खुद को अविवाहित बताया था और उसने यह भी कहा था कि लड़की से वह जल्द शादी करेगा. रेप के दौरान आरोपी ने लड़की के अश्लील फोटोग्राफ भी खींचे थे, इसके बाद आरोपी ने लड़की का 18 दिसंबर 2022 और 23 दिसंबर 2022 को भी दुष्कर्म किया था. बाद आरोपी ने लड़की को अपनी हकीकत बताई और बताया कि वह शादीशुदा है, इसलिए वह उससे शादी नहीं कर सकता, तब लड़की ने पड़ाव पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पास्को एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था.
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इस मामले में कोर्ट की टिप्पणी: ग्वालियर हाईकोर्ट में बचाव पक्ष ने कहा कि एफआईआर एक साल बाद दर्ज कराई गई है, यदि दोनों के बीच संबंध बने हैं तो वह आपसी सहमति से बने हैं. जबरन लड़की से आरोपी ने संबंध नहीं बनाए थे. जस्टिस दीपक अग्रवाल ने कहा कि "लड़की भले ही नाबालिग श्रेणी में आती है, लेकिन इस उम्र के बच्चे अपने अच्छे-बुरे के बारे में फैसला ले सकते हैं, इसलिए आरोपी पर दर्ज पड़ाव थाने की एफआईआर को निरस्त किया जाता है."