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DSP संतोष पटेल ने 30 मिनट में 30 गड्डे खुदवाकर श्मशान घाट को अतिक्रमण मुक्त कराया

घाटीगांव सर्किल के डीएसपी संतोष पटेल लोगों की अलग-अलग अंदाज से मदद करते हैं. उनका यह अंदाज सोशल मीडिया पर खूब वायरल होता है. सोशल मीडिया पर इनकी फैन फॉलोइंग काफी अधिक है. ऐसे ही मामले में डीएसपी संतोष पटेल ने आदिवासियों की मदद की. श्मशान घाट पिछले कई सालों से कब्जे में था. संतोष पटेल ने महज सूचना मिलते ही 30 मिनट के अंदर कई गड्ढे खोदकर उसे अतिक्रमण से मुक्त करा दिया.

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घाटीगांव में श्मशान घाट को अतिक्रमण से कराया मुक्त
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Published : May 9, 2023, 5:27 PM IST

ग्वालियर: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में पदस्थ डीएसपी संतोष पटेल इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चित हैं. डीएसपी संतोष पटेल के द्वारा लोगों की मदद करने का मामला चर्चा में है. जिले के घाटीगांव में वर्षों से श्मशान घाट पर कब्जा था. आदिवासी परिवारों में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती थी तो वह सड़कों पर अंतिम संस्कार करते थे. अंतिम संस्कार की जमीन को मुक्त कराने के लिए वह धरने पर बैठे थे. जैसे ही इस बात की जानकारी डीएसपी संतोष पटेल को लगी तो वह तत्काल एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार, थानेदार के साथ जाकर श्मशान घाट के कटीले तारों से सुरक्षा कटिंग कराई. पुलिस प्रशासन ने 30 मिनट में 30 गड्ढे खोदकर श्मशान को अतिक्रमण से मुक्त कराया दिया.

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पुलिस ने कैसे की मदद: घाटीगांव तहसील में आदिवासी एकता महासभा व किसान महासभा द्वारा श्मशान को कब्जे से मुक्त कराने, वन भूमि के आवंटित पट्टों में कब्जा दिलाना और पेयजल की समस्या को लेकर धरना दिया गया था. जैसे ही पुलिस प्रशासन को श्मशान घाट की भूमि पर कब्जे का पता चला तो तत्काल एसडीएम घाटीगांव अनिल बनवारिया और एसडीओपी घाटीगांव संतोष पटेल को मौके पर भेजकर निराकरण के लिए निर्देशित किया. अधिकारीगण आदिवासियों के साथ सिमरिया गांव के श्मसान घाट पर पहुंचे. जहां गेहूं की नरवाई खड़ी थी और श्मशान का कोई नामोनिशान नहीं था. एसडीओपी संतोष पटेल ने वन विभाग रेंजर सागर शुक्ला की मदद से कंटीला तार मंगवाया और पुलिस प्रशासन ने 30 मिनट में 30 गड्ढे खोदकर तार की फेंसिंग कर अतिक्रमण मुक्त करवा दिया गया.

ग्वालियर: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में पदस्थ डीएसपी संतोष पटेल इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चित हैं. डीएसपी संतोष पटेल के द्वारा लोगों की मदद करने का मामला चर्चा में है. जिले के घाटीगांव में वर्षों से श्मशान घाट पर कब्जा था. आदिवासी परिवारों में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती थी तो वह सड़कों पर अंतिम संस्कार करते थे. अंतिम संस्कार की जमीन को मुक्त कराने के लिए वह धरने पर बैठे थे. जैसे ही इस बात की जानकारी डीएसपी संतोष पटेल को लगी तो वह तत्काल एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार, थानेदार के साथ जाकर श्मशान घाट के कटीले तारों से सुरक्षा कटिंग कराई. पुलिस प्रशासन ने 30 मिनट में 30 गड्ढे खोदकर श्मशान को अतिक्रमण से मुक्त कराया दिया.

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