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Gwalior News: ड्रग्स के मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, कहा- विवेचना दोषपूर्ण

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ड्रग्स के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने कहा कि ड्रग लाने का स्रोत और उसको तस्करी करने वालों की स्थिति साफ नहीं की है. इससे पुलिस की विवेचना दोषपूर्ण रहती है.

Gwalior News
MP हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ
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Published : Aug 6, 2023, 4:40 PM IST

ग्वालियर खंडपीठ ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक बार फिर नशीले पदार्थों की तस्करी और उसकी विवेचना को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि "ड्रग्स बरामदगी के मामले में पुलिस कैरियर या पेडलर को पकड़ लेती है, लेकिन ड्रग लाने का स्रोत और किन लोगों को यह पहुंचाया जा रहा है. इसको लेकर पुलिस स्थिति साफ नहीं करती है, जिसके कारण पुलिस की विवेचना दोषपूर्ण रहती है. इस बारे में पहले भी प्रदेश के पुलिस मुखिया को हाईकोर्ट ने ड्रग्स के मामलों में सतर्कता के साथ जांच करने के निर्देश दिए थे, लेकिन उसका पालन अब तक नहीं हो पा रहा है."

आरोपी अरविंद सिंह की 7वीं जमानत याचिका खारिजः ड्रग्स से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भिंड के आरोपी अरविंद सिंह की 7वीं जमानत याचिका खारिज की है. हाईकोर्ट ने पिछले साल 18 नवंबर को अपनी ओपिनियन में स्पष्ट किया था कि प्रदेश के डीजीपी ड्रग सरगना को पकड़ने की कोशिश करे. केवल ड्रग्स को इधर से उधर भेजने वालों तक ही अपनी कार्रवाई को सीमित नहीं करें. हाईकोर्ट ने यह भी सुझाव दिया था कि ड्रग्स के मामले में पुलिस अधिकारियों को विशेष ट्रेनिंग की जरूरत है. एक बार फिर हाईकोर्ट ने पुलिस मुखिया को ड्रग्स के मामले में विवेचना को जमीनी स्तर पर करने और अधिकारियों को ट्रेनिंग कार्यक्रम के जरिए परिपक्व करने के भी हाई कोर्ट ने निर्देश दिए हैं.

गांजे के साथ आरोपी को किया था अरेस्टः भिंड की बरौही थाने की पुलिस ने अरविंद सिंह को आधा क्विंटल से ज्यादा गांजे के साथ 13 मार्च को पिछले साल का गिरफ्तार किया था, तभी से एनडीपीएस के मामले में वह जेल में बंद है. हालांकि उसने कोर्ट में अपनी जमानत अर्जी दाखिल करते समय बताया है कि उसे पुलिस ने झूठा फंसाया है उसकी कई बार जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. 7वीं बार भी उसकी जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज किया है. इस मामले में जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर अनीता गुर्जर और बृजमोहन को तलब किया गया था. कोर्ट ने इन जांच अधिकारियों से पूछा कि आरोपी किस व्यक्ति से यह ड्रग्स लेकर आया था और किसे देने जा रहा था. इस पर सब इंस्पेक्टर सहित अन्य अधिकारी कोई ठोस जवाब नहीं दे सके.

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कोर्ट ने प्रभावी कार्रवाई के दिए निर्देशः एसआई अनीता गुर्जर ने कहा कि "उसे इस बरामदगी के कुछ दिनों बाद मामले की विवेचना दी गई थी. इसलिए वह ड्रग्स के स्रोत तक नहीं पहुंच पाई थी, जबकि कोर्ट ने कहा है कि ऐसे मामलों में पुलिस को मुख्य अपराधी तक पहुंचने की जरूरत है. इसके साथ ही कोर्ट ने ड्रग्स के आने की पूरी सिलसिलेवार कड़ियों को जोड़कर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं."

ग्वालियर खंडपीठ ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक बार फिर नशीले पदार्थों की तस्करी और उसकी विवेचना को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि "ड्रग्स बरामदगी के मामले में पुलिस कैरियर या पेडलर को पकड़ लेती है, लेकिन ड्रग लाने का स्रोत और किन लोगों को यह पहुंचाया जा रहा है. इसको लेकर पुलिस स्थिति साफ नहीं करती है, जिसके कारण पुलिस की विवेचना दोषपूर्ण रहती है. इस बारे में पहले भी प्रदेश के पुलिस मुखिया को हाईकोर्ट ने ड्रग्स के मामलों में सतर्कता के साथ जांच करने के निर्देश दिए थे, लेकिन उसका पालन अब तक नहीं हो पा रहा है."

आरोपी अरविंद सिंह की 7वीं जमानत याचिका खारिजः ड्रग्स से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भिंड के आरोपी अरविंद सिंह की 7वीं जमानत याचिका खारिज की है. हाईकोर्ट ने पिछले साल 18 नवंबर को अपनी ओपिनियन में स्पष्ट किया था कि प्रदेश के डीजीपी ड्रग सरगना को पकड़ने की कोशिश करे. केवल ड्रग्स को इधर से उधर भेजने वालों तक ही अपनी कार्रवाई को सीमित नहीं करें. हाईकोर्ट ने यह भी सुझाव दिया था कि ड्रग्स के मामले में पुलिस अधिकारियों को विशेष ट्रेनिंग की जरूरत है. एक बार फिर हाईकोर्ट ने पुलिस मुखिया को ड्रग्स के मामले में विवेचना को जमीनी स्तर पर करने और अधिकारियों को ट्रेनिंग कार्यक्रम के जरिए परिपक्व करने के भी हाई कोर्ट ने निर्देश दिए हैं.

गांजे के साथ आरोपी को किया था अरेस्टः भिंड की बरौही थाने की पुलिस ने अरविंद सिंह को आधा क्विंटल से ज्यादा गांजे के साथ 13 मार्च को पिछले साल का गिरफ्तार किया था, तभी से एनडीपीएस के मामले में वह जेल में बंद है. हालांकि उसने कोर्ट में अपनी जमानत अर्जी दाखिल करते समय बताया है कि उसे पुलिस ने झूठा फंसाया है उसकी कई बार जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. 7वीं बार भी उसकी जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज किया है. इस मामले में जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर अनीता गुर्जर और बृजमोहन को तलब किया गया था. कोर्ट ने इन जांच अधिकारियों से पूछा कि आरोपी किस व्यक्ति से यह ड्रग्स लेकर आया था और किसे देने जा रहा था. इस पर सब इंस्पेक्टर सहित अन्य अधिकारी कोई ठोस जवाब नहीं दे सके.

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कोर्ट ने प्रभावी कार्रवाई के दिए निर्देशः एसआई अनीता गुर्जर ने कहा कि "उसे इस बरामदगी के कुछ दिनों बाद मामले की विवेचना दी गई थी. इसलिए वह ड्रग्स के स्रोत तक नहीं पहुंच पाई थी, जबकि कोर्ट ने कहा है कि ऐसे मामलों में पुलिस को मुख्य अपराधी तक पहुंचने की जरूरत है. इसके साथ ही कोर्ट ने ड्रग्स के आने की पूरी सिलसिलेवार कड़ियों को जोड़कर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं."

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