ग्वालियर। व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक आरोपी को कोरोना वारियर्स के रूप में काम करने की शर्त पर जमानत दी है. इसके लिए उसे मुरैना जिले के कलेक्टर से संपर्क करना होगा और कलेक्टर के निर्देश पर कोरोना काल में वॉरियर्स बनकर लोगों की सेवा करनी होगी. यदि उसने आदेश की अवहेलना की तो मुरैना कलेक्टर को हाईकोर्ट को सूचित करना होगा. उसके बाद हाईकोर्ट युवक की जमानत याचिका पर पुनर्विचार करेगा.
मामला 2013 का फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा से जुड़ा हुआ है. इस मामले में आरोपी विनय शाक्य ने मनोज शाक्य की जगह एक सॉल्वर का इंतजाम किया था और बिचौलिए की भूमिका निभाई थी. सीबीआई कोर्ट ने उसके खिलाफ झांसी रोड थाने में 2014 में मामला दर्ज किया था. बाद में यह मामला एसआईटी से सीबीआई के सुपुर्द हो गया था.उसके खिलाफ धोखाधड़ी कूट रचित दस्तावेज बनाने और परीक्षा अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और 2017 से वो जेल में है. उसने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे कोरोना काल में वारियर बनकर काम करने की शर्त पर जमानत दी है. धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार विनय शाक्य 2017 में अपनी गिरफ्तारी के बाद ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंद है. उसने निचली कोर्ट में भी जमानत आवेदन लगाया था, लेकिन आवेदन खारिज होने के बाद उसने हाईकोर्ट में जमानत याचिका के लिए अप्लाई किया था. लंबी कोशिश के बाद उसे हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत का लाभ दिया है. इससे पहले भी हाईकोर्ट ने दो अन्य मामलों में आरोपियों को कोरोना वारियर के रूप में काम करने की शर्त पर जमानत दी है.