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G20 सम्मेलन से कश्मीरी पंडितों को आस, बोले- वादियों से जा रहा विश्वभर में शांति का संदेश

जम्मू कश्मीर में G20 शिखर सम्मेलन चल रहा है जिसमें G20 समूह में शामिल विश्व के विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं. सम्मलेन को लेकर ग्वालियर में रह रहे कश्मीर के विस्थापित पंडितों ने खुशी जाहिर की है और इसे सरकार की अच्छी पहल बताया है.

g20 Summit 2023 in Kashmir
जी20 शिखर सम्मेलन 2023
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Published : May 24, 2023, 5:05 PM IST

जी20 शिखर सम्मेलन पर कश्मीरियों की राय

ग्वालियर। जम्मू कश्मीर में G20 शिखर सम्मेलन का बुधवार को तीसरा दिन है. कश्मीर में हो रही G20 बैठक काफी महत्वपूर्ण है. इस G20 बैठक में देशों के साथ विभिन्न देशों के डेलिगेट्स ने भाग लिया है. बताया जा रहा है कि इस बैठक से कश्मीर में काफी कुछ परिवर्तन देखने को मिलेगा, दुनिया के सामने एक नई कश्मीर की तस्वीर सामने आएगी. G20 सम्मेलन को लेकर कश्मीरी लोगों में काफी खुशी का माहौल है और इसी को लेकर ETV Bharat ने उन लोगों से बातचीत की जो 90 के दशक में कश्मीर से पलायन कर अलग-अलग इलाकों में रह रहे हैं.

वादी में शांती: G20 सम्मेलन को लेकर ग्वालियर में रह रहे कश्मीरी पंडितों से ETV Bharat ने बातचीत की. ग्वालियर में कश्मीर समाज के अध्यक्ष डॉक्टर ओ एन कोल ने कहा है कि इस G20 सम्मेलन से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि जिस तरीके से पाकिस्तान और अन्य देशों के अलावा यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोपगेंडा फैलाया जा रहा था कि कश्मीर में अभी कोई शांति नहीं है, लेकिन अब तरीके G20 बैठक में अलग-अलग देशों के प्रतिनिधि वहां पर पहुंचे है और जानेंगे कि अब कश्मीर पूरी तरह शांत है.

डॉ. कोल ने कहा कि कश्मीर में ऐसे सैकड़ों एनजीओ हैं जो देशद्रोही, देशों के फंडों से चलते हैं और कश्मीर के खिलाफ प्रोपगेंडा फैलाते हैं ताकि कश्मीर में प्रॉब्लम बनी रहे. G20 बैठक उनके लिए एक बहुत बड़ा तमाचा है. डॉ कोल ने बताया कि इस बैठक से कश्मीर में काफी बदलाव देखने को मिलेगा. कश्मीर में रोजगार भी बढ़ेगा और जो कश्मीर में इंडस्ट्रीज है जो ट्रेड फेयर के लिए दुनिया में जानी जाती है.

g20 Summit Kashmir
जी20 शिखर सम्मेलन से कश्मीरी पंडितों में खुशी

G20 सम्मेलन सरकार की अच्छी पहल: ग्वालियर में कश्मीरी समाज के सेक्रेटरी एस एस एल सप्रू ने कहा कि अगर में कश्मीरी हिंदू के नाते बात करूं तो अभी तक कोई ज्यादा अंतर नहीं आया है अंतर तब आएगा जब हम सब कश्मीरी पंडित भाई जिंदा रह कर वहां पर रह सकें. हमारे समाज के लोग वहां पर रहना चाहते हैं उनके लिए अभी भी कोई सुरक्षा नहीं है लेकिन उन्हें उम्मीद है प्रशासन की जो नीति चल रही है कि मुझसे कहीं ना कहीं वहां चलने वाली देश विरोधी एनजीओ की फंडिंग को खत्म किया जा रहा है. इसके साथ ही उनका कहना है कि कश्मीर में G20 का सम्मेलन केंद्र सरकार की एक बड़ी पहल है और निश्चित ही कश्मीर बदलाव की ओर है इस बैठक से वहां के स्थानीय लोगों में काफी कॉन्फिडेंस देखने को मिलेगा क्योंकि जो लोग इस बैठक में बाहर से आएंगे और देखेंगे कि कश्मीर के हालात काफी बहुत अच्छी हैं क्योंकि विरोधी पड़ोसी देशों के द्वारा कश्मीर की छवि को लगातार बिगाड़ा जा रहा है और कई तरह की अफवाह फैलाई जाती है.

Jammu Kashmir News : जी-20 बैठक से पहले कश्मीरी पंडितों-अल्पसंख्यकों को सतर्क रहने की हिदायत

Srinagar G-20 meeting: जम्मू कश्मीर में जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक का आज आखिरी दिन

कश्मीरी पंडितों को घर लौटने की उम्मीद: विभिन्न देशों के प्रतिनिधि जब कश्मीर को अपनी आंखों से देखेंगे तो कश्मीर की एक अलग ही छवि देखने को मिलेगी क्योंकि जो हालात है कि वह अब अच्छी होने लगी है. साथ ही उनका कहना है कि कश्मीर में उद्योग और वहां के स्थानीय कला है उसको रोजगार मिलेगा और एक बड़ी पहचान देखने को मिलेगी. साथ ही वहां के स्थानीय लोगों को एक रोजगार मिलेगा. जब कश्मीर में लोगों की संख्या बढ़ेगी तो वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और वह देश विरोधी प्रोपगेंडा से बाहर हो जाएंगे और वह सिर्फ अपने परिवार और कमाई के जरिए पर ध्यान देंगे.

कश्मीरी लोगों का एक दर्द यह भी झलकता है कि 90 के दशक में हजारों कश्मीरी लोग अन्य देशों में विस्थापित हो गए हैं अब उनको लाने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए. अभी ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है कि कश्मीरी परिवार वहां जाकर रह सकें क्योंकि अभी भी सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. लेकिन कश्मीरी लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार के द्वारा जिस तरीके से पहल शुरू की जा रही है और ऐसे ही हालात रहे तो हमें उम्मीद है कि जरूर हम एक दिन अपने घर यानी कश्मीर में पहुंचेंगे और वहां पर रह सकेंगे.

कश्मीर में बढ़ेगा टूरिज्म: कश्मीरी वरिष्ठ शिक्षिका उमा सप्रू का कहना है कि 1996 के बाद कश्मीर में टूरिज्म को लेकर G20 की मीटिंग हो रही है. इस मीटिंग को लेकर हम केंद्र सरकार का हृदय से धन्यवाद करते हैं. इस G20 सम्मेलन से सीधा-सीधा वहां के लोगों को लाभ मिलेगा. इस सम्मेलन से सबसे अधिक टूरिज्म में बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि जो बाहर से लोग वहां पर पहुंचते हैं वह अभी डर का माहौल बना होता है लेकिन अब कश्मीर पूरी तरह बदल गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कश्मीर के रोजगार में काफी लाभ इस सम्मेलन से मिलने वाला है. कश्मीर पूरी तरह से डूब गया था लेकिन आदरणीय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर को एकदम से उभार दिया है. पिछले साल कश्मीर में पौने दो करोड़ टूरिस्ट घूमने के लिए पहुंचे थे लेकिन अब उम्मीद है कि इससे दुगनी संख्या में लोग वहां पर पहुंचेंगे और इसका सीधा सीधा फायदा वहां के लोगों को पहुंचेगा. सबसे बड़ा रोजगार मिलेगा और जब रोजगार मिलेगा तो देश विरोधी नीतियों से बाहर निकल कर सामने आएंगे.

जी20 शिखर सम्मेलन पर कश्मीरियों की राय

ग्वालियर। जम्मू कश्मीर में G20 शिखर सम्मेलन का बुधवार को तीसरा दिन है. कश्मीर में हो रही G20 बैठक काफी महत्वपूर्ण है. इस G20 बैठक में देशों के साथ विभिन्न देशों के डेलिगेट्स ने भाग लिया है. बताया जा रहा है कि इस बैठक से कश्मीर में काफी कुछ परिवर्तन देखने को मिलेगा, दुनिया के सामने एक नई कश्मीर की तस्वीर सामने आएगी. G20 सम्मेलन को लेकर कश्मीरी लोगों में काफी खुशी का माहौल है और इसी को लेकर ETV Bharat ने उन लोगों से बातचीत की जो 90 के दशक में कश्मीर से पलायन कर अलग-अलग इलाकों में रह रहे हैं.

वादी में शांती: G20 सम्मेलन को लेकर ग्वालियर में रह रहे कश्मीरी पंडितों से ETV Bharat ने बातचीत की. ग्वालियर में कश्मीर समाज के अध्यक्ष डॉक्टर ओ एन कोल ने कहा है कि इस G20 सम्मेलन से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि जिस तरीके से पाकिस्तान और अन्य देशों के अलावा यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोपगेंडा फैलाया जा रहा था कि कश्मीर में अभी कोई शांति नहीं है, लेकिन अब तरीके G20 बैठक में अलग-अलग देशों के प्रतिनिधि वहां पर पहुंचे है और जानेंगे कि अब कश्मीर पूरी तरह शांत है.

डॉ. कोल ने कहा कि कश्मीर में ऐसे सैकड़ों एनजीओ हैं जो देशद्रोही, देशों के फंडों से चलते हैं और कश्मीर के खिलाफ प्रोपगेंडा फैलाते हैं ताकि कश्मीर में प्रॉब्लम बनी रहे. G20 बैठक उनके लिए एक बहुत बड़ा तमाचा है. डॉ कोल ने बताया कि इस बैठक से कश्मीर में काफी बदलाव देखने को मिलेगा. कश्मीर में रोजगार भी बढ़ेगा और जो कश्मीर में इंडस्ट्रीज है जो ट्रेड फेयर के लिए दुनिया में जानी जाती है.

g20 Summit Kashmir
जी20 शिखर सम्मेलन से कश्मीरी पंडितों में खुशी

G20 सम्मेलन सरकार की अच्छी पहल: ग्वालियर में कश्मीरी समाज के सेक्रेटरी एस एस एल सप्रू ने कहा कि अगर में कश्मीरी हिंदू के नाते बात करूं तो अभी तक कोई ज्यादा अंतर नहीं आया है अंतर तब आएगा जब हम सब कश्मीरी पंडित भाई जिंदा रह कर वहां पर रह सकें. हमारे समाज के लोग वहां पर रहना चाहते हैं उनके लिए अभी भी कोई सुरक्षा नहीं है लेकिन उन्हें उम्मीद है प्रशासन की जो नीति चल रही है कि मुझसे कहीं ना कहीं वहां चलने वाली देश विरोधी एनजीओ की फंडिंग को खत्म किया जा रहा है. इसके साथ ही उनका कहना है कि कश्मीर में G20 का सम्मेलन केंद्र सरकार की एक बड़ी पहल है और निश्चित ही कश्मीर बदलाव की ओर है इस बैठक से वहां के स्थानीय लोगों में काफी कॉन्फिडेंस देखने को मिलेगा क्योंकि जो लोग इस बैठक में बाहर से आएंगे और देखेंगे कि कश्मीर के हालात काफी बहुत अच्छी हैं क्योंकि विरोधी पड़ोसी देशों के द्वारा कश्मीर की छवि को लगातार बिगाड़ा जा रहा है और कई तरह की अफवाह फैलाई जाती है.

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कश्मीरी पंडितों को घर लौटने की उम्मीद: विभिन्न देशों के प्रतिनिधि जब कश्मीर को अपनी आंखों से देखेंगे तो कश्मीर की एक अलग ही छवि देखने को मिलेगी क्योंकि जो हालात है कि वह अब अच्छी होने लगी है. साथ ही उनका कहना है कि कश्मीर में उद्योग और वहां के स्थानीय कला है उसको रोजगार मिलेगा और एक बड़ी पहचान देखने को मिलेगी. साथ ही वहां के स्थानीय लोगों को एक रोजगार मिलेगा. जब कश्मीर में लोगों की संख्या बढ़ेगी तो वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और वह देश विरोधी प्रोपगेंडा से बाहर हो जाएंगे और वह सिर्फ अपने परिवार और कमाई के जरिए पर ध्यान देंगे.

कश्मीरी लोगों का एक दर्द यह भी झलकता है कि 90 के दशक में हजारों कश्मीरी लोग अन्य देशों में विस्थापित हो गए हैं अब उनको लाने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए. अभी ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है कि कश्मीरी परिवार वहां जाकर रह सकें क्योंकि अभी भी सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. लेकिन कश्मीरी लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार के द्वारा जिस तरीके से पहल शुरू की जा रही है और ऐसे ही हालात रहे तो हमें उम्मीद है कि जरूर हम एक दिन अपने घर यानी कश्मीर में पहुंचेंगे और वहां पर रह सकेंगे.

कश्मीर में बढ़ेगा टूरिज्म: कश्मीरी वरिष्ठ शिक्षिका उमा सप्रू का कहना है कि 1996 के बाद कश्मीर में टूरिज्म को लेकर G20 की मीटिंग हो रही है. इस मीटिंग को लेकर हम केंद्र सरकार का हृदय से धन्यवाद करते हैं. इस G20 सम्मेलन से सीधा-सीधा वहां के लोगों को लाभ मिलेगा. इस सम्मेलन से सबसे अधिक टूरिज्म में बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि जो बाहर से लोग वहां पर पहुंचते हैं वह अभी डर का माहौल बना होता है लेकिन अब कश्मीर पूरी तरह बदल गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कश्मीर के रोजगार में काफी लाभ इस सम्मेलन से मिलने वाला है. कश्मीर पूरी तरह से डूब गया था लेकिन आदरणीय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर को एकदम से उभार दिया है. पिछले साल कश्मीर में पौने दो करोड़ टूरिस्ट घूमने के लिए पहुंचे थे लेकिन अब उम्मीद है कि इससे दुगनी संख्या में लोग वहां पर पहुंचेंगे और इसका सीधा सीधा फायदा वहां के लोगों को पहुंचेगा. सबसे बड़ा रोजगार मिलेगा और जब रोजगार मिलेगा तो देश विरोधी नीतियों से बाहर निकल कर सामने आएंगे.

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