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चंबल का ऐसा जांबाज जिसने पैर खोने के बाद रचा इतिहास, बना एशिया का पहला पैरा स्विम

ग्वालियर के सत्येंद्र इंग्लिश चैनल पार करने वाले एशिया के पहले पैरास्विमर हैं. 12 घंटे 26 मिनट में 36 किमी लंबा इंग्लिश चैनल पार कर बनाया रिकार्ड. बचपन से ही सत्येंद्र के पैर थे कमजोर.

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Published : Feb 9, 2019, 2:25 AM IST

पैरास्विमर सत्येंद्र लोहिया

ग्वालियर। हिम्मत हारने वालों को कुछ नहीं मिलता जिंदगी में, मुश्किलों से लड़ने वालों के कदमों में जहां होता है. कुछ ऐसी ही कहानी है ग्वालियर के पैरास्विमर सत्येंद्र लोहिया की. जिसने अपने हौसले के दम पर अलग मुकाम हासिल किया और 12 घंटे 26 मिनट में 36 किमी लंबा इंग्लिश चैनल पार कर एशिया के पहले पैरा स्विमर बने. इसके अलावा अब तक तैराकी में16 तमगा हासिल कर चुके हैं.

पैरास्विमर सत्येंद्र लोहिया
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इंटरनेशनल पैरास्विमर सत्येंद्र 3 जून को मुंबई के रास्ते लंदन पहुंचे, जहां कुछ दिन की प्रैक्टिस के बाद 30 जून से 8 जुलाई के बीच मौसम की अनुकूलता के हिसाब से इंग्लिश चैनल में तैराकी की और सतेंद्र ने भारत की झोली में ये खिताब डाल दिया. इंग्लिश चैनल पार करने के लिये भारत के चार पैरास्विमर समुद्र में उतरे थे. रिले की तर्ज पर सत्येंद्र ने इनकी अगुवाई की थी. सत्येंद्र ने पिछले साल मुंबई के समुद्र में भी 36 किमी लंबी तैराकी की थी. सत्येंद्र का कहना है कि पिछली बार अकेले के दम पर इंग्लिश चैनल पार करने का सपना अधूरा रह गया था, जिसे इस बार पूरा कर लिया.

बचपन से ही सत्येंद्र के पैर इतने कमजोर हैं कि उसके शरीर का भी वजन नहीं उठा सकते. जन्म के 15 दिन बाद ही ग्लूकोज ड्रिप रिएक्शन के चलते दोनों पैर खराब हो गए थे. लेकिन सत्येंद्र के जज्बे के आगे इस कमजोरी ने दम तोड़ दिया और लक्ष्मीबाई शारीरिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेकर सत्येंद्र ने खुद को एक मजबूत खिलाड़ी के तौर पर स्थापित कर लिया.

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इंग्लिश चैनल एक ऐसा वॉटर बॉडी चैनल है, जो साउथ इंग्लैंड और नॉर्थ फ्रांस को अलग करता है. साथ ही नॉर्थ सी के दक्षिणी हिस्से को अटलांटिक महासागर से जोड़ता है. दोनों देशों के बीच बने इस चैनल की चौड़ाई 21 मील यानी लगभग 34 किमी है. जिसे पार करने में 7 से 28 घंटे का समय लगता है. स्विमर अपनी तैराकी ब्रिटेन के शेक्सपियर क्लिफ या सैम्फायर से शुरू करते हैं और फ्रांस के कैप ग्रिस नेज पर खत्म करते हैं. इसमे जो अव्वल आता है, इंग्लिश चैनल पार करने का खिताब उसी के नाम हो जाता है.

ग्वालियर। हिम्मत हारने वालों को कुछ नहीं मिलता जिंदगी में, मुश्किलों से लड़ने वालों के कदमों में जहां होता है. कुछ ऐसी ही कहानी है ग्वालियर के पैरास्विमर सत्येंद्र लोहिया की. जिसने अपने हौसले के दम पर अलग मुकाम हासिल किया और 12 घंटे 26 मिनट में 36 किमी लंबा इंग्लिश चैनल पार कर एशिया के पहले पैरा स्विमर बने. इसके अलावा अब तक तैराकी में16 तमगा हासिल कर चुके हैं.

पैरास्विमर सत्येंद्र लोहिया
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इंटरनेशनल पैरास्विमर सत्येंद्र 3 जून को मुंबई के रास्ते लंदन पहुंचे, जहां कुछ दिन की प्रैक्टिस के बाद 30 जून से 8 जुलाई के बीच मौसम की अनुकूलता के हिसाब से इंग्लिश चैनल में तैराकी की और सतेंद्र ने भारत की झोली में ये खिताब डाल दिया. इंग्लिश चैनल पार करने के लिये भारत के चार पैरास्विमर समुद्र में उतरे थे. रिले की तर्ज पर सत्येंद्र ने इनकी अगुवाई की थी. सत्येंद्र ने पिछले साल मुंबई के समुद्र में भी 36 किमी लंबी तैराकी की थी. सत्येंद्र का कहना है कि पिछली बार अकेले के दम पर इंग्लिश चैनल पार करने का सपना अधूरा रह गया था, जिसे इस बार पूरा कर लिया.

बचपन से ही सत्येंद्र के पैर इतने कमजोर हैं कि उसके शरीर का भी वजन नहीं उठा सकते. जन्म के 15 दिन बाद ही ग्लूकोज ड्रिप रिएक्शन के चलते दोनों पैर खराब हो गए थे. लेकिन सत्येंद्र के जज्बे के आगे इस कमजोरी ने दम तोड़ दिया और लक्ष्मीबाई शारीरिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेकर सत्येंद्र ने खुद को एक मजबूत खिलाड़ी के तौर पर स्थापित कर लिया.

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इंग्लिश चैनल एक ऐसा वॉटर बॉडी चैनल है, जो साउथ इंग्लैंड और नॉर्थ फ्रांस को अलग करता है. साथ ही नॉर्थ सी के दक्षिणी हिस्से को अटलांटिक महासागर से जोड़ता है. दोनों देशों के बीच बने इस चैनल की चौड़ाई 21 मील यानी लगभग 34 किमी है. जिसे पार करने में 7 से 28 घंटे का समय लगता है. स्विमर अपनी तैराकी ब्रिटेन के शेक्सपियर क्लिफ या सैम्फायर से शुरू करते हैं और फ्रांस के कैप ग्रिस नेज पर खत्म करते हैं. इसमे जो अव्वल आता है, इंग्लिश चैनल पार करने का खिताब उसी के नाम हो जाता है.

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चंबल का ऐसा जांबाज जिसने पैर खोने के बाद रचा इतिहास, बना एशिया का पहला पैरा स्विमर



ग्वालियर। हिम्मत हारने वालों को कुछ नहीं मिलता जिंदगी में, मुश्किलों से लड़ने वालों के कदमों में जहां होता है. कुछ ऐसी ही कहानी है ग्वालियर के पैरास्विमर सत्येंद्र लोहिया की. जिसने अपने हौसले के दम पर अलग मुकाम हासिल किया और 12 घंटे 26 मिनट में 36 किमी लंबा इंग्लिश चैनल पार कर एशिया के पहले पैरा स्विमर बने. इसके अलावा अब तक तैराकी में16 तमगा हासिल कर चुके हैं.



इंटरनेशनल पैरास्विमर सत्येंद्र 3 जून को मुंबई के रास्ते लंदन पहुंचे, जहां कुछ दिन की प्रैक्टिस के बाद 30 जून से 8 जुलाई के बीच मौसम की अनुकूलता के हिसाब से इंग्लिश चैनल में तैराकी की और सतेंद्र ने भारत की झोली में ये खिताब डाल दिया. इंग्लिश चैनल पार करने के लिये भारत के चार पैरास्विमर समुद्र में उतरे थे. रिले की तर्ज पर सत्येंद्र ने इनकी अगुवाई की थी. सत्येंद्र ने पिछले साल मुंबई के समुद्र में भी 36 किमी लंबी तैराकी की थी. सत्येंद्र का कहना है कि पिछली बार अकेले के दम पर इंग्लिश चैनल पार करने का सपना अधूरा रह गया था, जिसे इस बार पूरा कर लिया.



बचपन से ही सत्येंद्र के पैर इतने कमजोर हैं कि उसके शरीर का भी वजन नहीं उठा सकते. जन्म के 15 दिन बाद ही ग्लूकोज ड्रिप रिएक्शन के चलते दोनों पैर खराब हो गए थे. लेकिन सत्येंद्र के जज्बे के आगे इस कमजोरी ने दम तोड़ दिया और लक्ष्मीबाई शारीरिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेकर सत्येंद्र ने खुद को एक मजबूत खिलाड़ी के तौर पर स्थापित कर लिया. 



इंग्लिश चैनल एक ऐसा वॉटर बॉडी चैनल है, जो साउथ इंग्लैंड और नॉर्थ फ्रांस को अलग करता है. साथ ही नॉर्थ सी के दक्षिणी हिस्से को अटलांटिक महासागर से जोड़ता है. दोनों देशों के बीच बने इस चैनल की चौड़ाई 21 मील यानी लगभग 34 किमी है. जिसे पार करने में 7 से 28 घंटे का समय लगता है. स्विमर अपनी तैराकी ब्रिटेन के शेक्सपियर क्लिफ या सैम्फायर से शुरू करते हैं और फ्रांस के कैप ग्रिस नेज पर खत्म करते हैं. इसमे जो अव्वल आता है, इंग्लिश चैनल पार करने का खिताब उसी के नाम हो जाता है.


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