ग्वालियर। पूरे देश भर में कोरोना संक्रमण ने कोहराम मचा दिया है. संक्रमण के कारण कई परिवार उजड़ चुके हैं. अस्पताल के जिन कर्मचारियों पर मरीजों की सेवा का दायित्व है, वही बेहोशी की हालत में कोरोना मरीजों के बदन से गहने नोच रहे हैं. मरीज की मौत के बाद उसका सामान नहीं लौटाया जा रहा है. इस तरह के मामलों कई शिकायत थाने में पहुंच चुकी हैं. इसको लेकर प्रभारी एसपी हितका वासल ने सभी थानों को निर्देश जारी कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की कोई शिकायत आती है, तो ऐसी इंसानियत के दुश्मनों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करें.
आपदा में अवसर तलाश रहे है इंसानियत के दुश्मन
इंसानियत के दुश्मन मौके का फायदा उठाकर मरीज की मौत के बाद उनका सामान भी नहीं लौटा रहे हैं. शहर के अस्पतालों में चोर सक्रिय हैं. जब भी इन्हें मौका मिलता है, तो अटेंडरों का सामान पार कर लेते हैं. इनकी नजर मोबाइल पर रहती है. कुछ लोग यह सोच कर शांत रह जाते हैं, कि उनकी जीवन भर की पूंजी के साथ घर का सदस्य चला गया, अब सामान के लिए कौन थाने व कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाए. लगातार ऐसे मामले बढ़ने के कारण अब थानों में यह शिकायत पहुंचने लगी हैं.
अस्पताल प्रबंधन ही इन मामलों में गैर जिम्मेदार
संक्रमण काल में मरीज के सामान की पहली जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधक की रहती है. संक्रमित मरीज के साथ न तो उसके परिजन रहते हैं और न ही पुलिस उस में प्रवेश करती है. ऐसे में स्टाफ की गतिविधियों पर नजर रखने की पहली जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधक की होती है, लेकिन वह भी इस मामले में गैर जिम्मेदार हैं. यही वजह है कि लगातार अस्पताल में भर्ती मरीजों के गहने गायब हो रहे हैं या फिर उनके पैसे चोरी होते जा रहे हैं. इंसानियत के दुश्मन मौका मिलते ही ऐसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
जान गंवाने वालों के सामान हो रही चोरी
जीआरएमसी के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने के बाद जान गंवाने वालों का सामान चोरी हो रहा है, उनके पर्स, मोबाइल, ऑक्सीमीटर से लेकर अन्य सामान जो मरीजों के साथ अंदर चला जाता है. उसे लेने के लिए परिजनों को भटकाया जा रहा है. अंदर सामान है या नहीं इसकी जानकारी सुपर स्पेशलिटी का प्रबंधक नहीं बता रहे हैं. यही वजह है कि अब मरीजों के परिजन सामान को वापस लेने के लिए थानों के चक्कर काट रहे हैं. अभी 10 दिन में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनका सामान चोरी हो गया है या कहीं उनका सामान उनको वापस नहीं मिला है.
पहला केस
मुरार शहर की रहने वाली साक्षी पांडे के पिता सुनील वासुदेव पांडे का कोरोना संक्रमण के कारण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में निधन हो गया था. साक्षी जब अपने परिजनों के साथ पिता का सामान मोबाइल, ऑक्सीमीटर व अन्य चीजें वापस लेने पहुंची तो सुपर स्पेशलिटी केयर सेक्शन में तैनात स्टाफ ने मना कर दिया. बाहर तैनात पुलिस फोर्स के सामान की मांग की तो उन्होंने कहा के अंदर नहीं जाने देंगे, आप थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाओ.
दूसरा केस
मुरार जिला अस्पताल में 50 वर्षीय महिला कोरोना संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती है. दो दिन पहले महिला बेहोशी की हालत में होने के कारण उसके कानों के टॉप्स गायब थे। इन कर्मचारियों पर ऑक्सीजन की लेजम के साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप है. इस मामले में मुरार थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
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पुलिस ने की मरीजों के परिजनों से अपील
लगातार मिल रही शिकायतों को लेकर एडिशनल एसपी हितिका वासल का कहना है कि मरीजों के परिजनों से अपील है कि मरीज को भर्ती कराने से पहले उनके गहनों को उतार लें. मरीज के साथ महंगे आइटम भी न रखें. उनका कहना है कि ऐसी शिकायतों पर हम तत्काल एक्शन ले रहे हैं.