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कांस्टेबल भर्ती मामले में सीबीआई कोर्ट ने 7 दोषियों को सुनाई सात-सात साल की सजा

सीबीआई न्यायालय ने 61 गवाहों व 300 दस्तावेजों के आधार पर सुनाया फैसला. कोर्ट ने दोषियों पर दस-दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया.

CBI COURT BHOPAL
CBI COURT BHOPAL (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 26, 2024, 8:54 PM IST

भोपाल: राजधानी भोपाल में सीबीआई की विशेष न्यायालय ने व्यापम मामले में एक बार फिर सजा सुनाते हुए सात आरोपियों को 7-7 साल के कारावास के साथ-साथ 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. इस पूरे मामले में एसटीएफ ने मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा साल 2013 के मामले में 16 मई 2015 में चालान पेश किया था. व्यापम से जुड़े विशेष सीबीआई न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने मामले में कुल सात आरोपियों को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपये के अर्थ दंड से भी दंडित किया है.

व्यापम द्वारा 7.4.2013 को आयोजित की गई थी मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा साल

सीबीआई के लोक अभियोजक सुशील कुमार पाण्डेय ने बताया "व्यापम द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा साल 7.4.2013 को आयोजित की गई थी. जिसमें तीन अभ्यर्थियों विवेक त्यागी, चरण सिंह सिकरवार तथा सुनील रावत ने अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को लिखित परीक्षा तथा शारीरिक दक्षता परीक्षा में बैठा कर परीक्षा पास की थी."

विवेक त्यागी के स्थान पर संदीप नायक तथा बृजेन्द्र सिंह रावत ने, चरण सिंह सिकरवार के स्थान पर श्रीनिवास सिंघल ने और सुनील रावत के स्थान पर स्वर्गीय लेखराज रावत, बंटी रावत तथा हरिओम रावत ने परीक्षा दी थी. परिणामस्वरूप ये तीनों पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 प्रथम में पास हो गए थे.

61 गवाहों, 300 दस्तावेजों और आर्टिकल्स आधार पर कोर्ट ने दोषियों को सुनाई सजा

न्यायालय ने 61 गवाहों, 300 दस्तावेजों और आर्टिकल्स आधार पर तीन आरोपियों विवेक त्यागी, चरण सिंह सिकरवार तथा सुनील रावत तथा 5 प्रतिरूपकों संदीप नायक, बृजेन्द्र सिंह रावत, श्रीनिवास सिंघल तथा हरिओम रावत को सजा सुनाई है. सभी को न्यायालय ने सात-सात वर्ष के कारावास तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है.

भोपाल: राजधानी भोपाल में सीबीआई की विशेष न्यायालय ने व्यापम मामले में एक बार फिर सजा सुनाते हुए सात आरोपियों को 7-7 साल के कारावास के साथ-साथ 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. इस पूरे मामले में एसटीएफ ने मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा साल 2013 के मामले में 16 मई 2015 में चालान पेश किया था. व्यापम से जुड़े विशेष सीबीआई न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने मामले में कुल सात आरोपियों को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपये के अर्थ दंड से भी दंडित किया है.

व्यापम द्वारा 7.4.2013 को आयोजित की गई थी मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा साल

सीबीआई के लोक अभियोजक सुशील कुमार पाण्डेय ने बताया "व्यापम द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा साल 7.4.2013 को आयोजित की गई थी. जिसमें तीन अभ्यर्थियों विवेक त्यागी, चरण सिंह सिकरवार तथा सुनील रावत ने अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को लिखित परीक्षा तथा शारीरिक दक्षता परीक्षा में बैठा कर परीक्षा पास की थी."

विवेक त्यागी के स्थान पर संदीप नायक तथा बृजेन्द्र सिंह रावत ने, चरण सिंह सिकरवार के स्थान पर श्रीनिवास सिंघल ने और सुनील रावत के स्थान पर स्वर्गीय लेखराज रावत, बंटी रावत तथा हरिओम रावत ने परीक्षा दी थी. परिणामस्वरूप ये तीनों पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 प्रथम में पास हो गए थे.

61 गवाहों, 300 दस्तावेजों और आर्टिकल्स आधार पर कोर्ट ने दोषियों को सुनाई सजा

न्यायालय ने 61 गवाहों, 300 दस्तावेजों और आर्टिकल्स आधार पर तीन आरोपियों विवेक त्यागी, चरण सिंह सिकरवार तथा सुनील रावत तथा 5 प्रतिरूपकों संदीप नायक, बृजेन्द्र सिंह रावत, श्रीनिवास सिंघल तथा हरिओम रावत को सजा सुनाई है. सभी को न्यायालय ने सात-सात वर्ष के कारावास तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है.

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