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लॉकडाउन में सोशल मीडिया बना 'दुश्मन', पति-पत्नी के बीच ज्यादा हो रहे झगड़े

कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन में हर परिवार ने तमाम परेशानियों का सामना किया है. लेकिन ये लॉकडाउन महिलाओं के लिए और भारी साबित हुआ है. इस दौरान घरेलू हिंसा के मामले बढ़ गए हैं. सोशल मीडिया पर बिजी रहने और तमाम चीजों को लेकर दंपतियों में झगड़े हो रहे हैं.

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Published : Jul 1, 2020, 8:21 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 11:05 PM IST

ग्वालियर। लॉकडाउन के दौरान लोग अपने घरों में रहे. खाली समय में लोगों ने इंटरनेट को अहमियत दी. सोशल साइट्स से लेकर ऑनलाइन मूवी देखकर लोगों ने समय बिताया, लेकिन इससे दंपतियों के बीच झगड़े ज्यादा होने लगे. पहले शराब पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह थी, लेकिन लॉकडाउन और उसके बाद फेसबुक और मोबाइल में व्यस्थ रहने की आदत भी झगड़ों की वजह बन गई है. पुलिस की महिला सेल, पुलिस परामर्श केंद्र और थानों में 1 अप्रैल से 10 जून के बीच ऐसी करीब 100 शिकायतें दर्ज हुई हैं. इनमें पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह सोशल साइट्स और टीवी पर अधिक समय बिताना रहा है.

लॉकडाउन में बढ़ी घरेलू हिंसा

पति पत्नी के बीच झगड़े की शिकायतों के बढ़ते मामले को लेकर परामर्श केंद्र के जरिए काउंसलिंग कराई जा रही है. शिकायतों पर गौर किया जाए तो इनमें ज्यादातर महिलाओं ने ही अपने पति के खिलाफ शिकायत की है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति मोबाइल में व्यस्थ रहते हैं. जब वे टोकती हैं तो उसके साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. ग्वालियर की महिला थाना प्रभारी के के मुताबिक काफी मामले में शिकायत के बाद FIR भी दर्ज की गई है. जबकि कई मामलों में दंपतियों को समझाइश भी दी गई. काउंसलिंग के जरिए भी परिवारों को टूटने से बचाया गया है.

वहीं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ संदीप मल्होत्रा का कहना है कोरोना काल के चलते हुए लॉकडाउन में परिवार साथ रह रहे हैं. खासकर लंबे समय बाद पति-पत्नी और बच्चों ने एक साथ समय बिताया है. जिसके चलते कुछ काम न होने की वजह से पति और पत्नी सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिता रहे हैं. यही वजह है कि अब सोशल मीडिया दंपति परिवारों के लिए मुसीबत भी बनती जा रही है. इस समय बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं, बच्चे माता-पिता का फोन लेकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, ऐसे में लंबे समय तक उनका पढ़ना उनके माता-पिता को मोबाइल से दूरी बनाता है, इसलिए भी चिड़चिड़ाहट पैदा होती है. इस वजह से छोटी-छोटी बातों पर भी छोटे-छोटे झगड़े भी सीरियस हो जाते हैं.

लॉकडाउन ने यूं तो सबकी परेशानी बढ़ाई हैं, लेकिन महिलाओं की परेशानी और ज्यादा बढ़ गईं जो अपने ही घरों में घरेलू हिंसा की शिकार हो रही हैं. 23 मार्च से अब तक घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग भी चिंता जाहिर कर चुका है. लोग 24 घंटे एक-दूसरे के साथ हैं. हर बात में परिवार के सभी सदस्यों की मानसिकता एक जैसी नहीं हो सकती है.

ग्वालियर। लॉकडाउन के दौरान लोग अपने घरों में रहे. खाली समय में लोगों ने इंटरनेट को अहमियत दी. सोशल साइट्स से लेकर ऑनलाइन मूवी देखकर लोगों ने समय बिताया, लेकिन इससे दंपतियों के बीच झगड़े ज्यादा होने लगे. पहले शराब पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह थी, लेकिन लॉकडाउन और उसके बाद फेसबुक और मोबाइल में व्यस्थ रहने की आदत भी झगड़ों की वजह बन गई है. पुलिस की महिला सेल, पुलिस परामर्श केंद्र और थानों में 1 अप्रैल से 10 जून के बीच ऐसी करीब 100 शिकायतें दर्ज हुई हैं. इनमें पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह सोशल साइट्स और टीवी पर अधिक समय बिताना रहा है.

लॉकडाउन में बढ़ी घरेलू हिंसा

पति पत्नी के बीच झगड़े की शिकायतों के बढ़ते मामले को लेकर परामर्श केंद्र के जरिए काउंसलिंग कराई जा रही है. शिकायतों पर गौर किया जाए तो इनमें ज्यादातर महिलाओं ने ही अपने पति के खिलाफ शिकायत की है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति मोबाइल में व्यस्थ रहते हैं. जब वे टोकती हैं तो उसके साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. ग्वालियर की महिला थाना प्रभारी के के मुताबिक काफी मामले में शिकायत के बाद FIR भी दर्ज की गई है. जबकि कई मामलों में दंपतियों को समझाइश भी दी गई. काउंसलिंग के जरिए भी परिवारों को टूटने से बचाया गया है.

वहीं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ संदीप मल्होत्रा का कहना है कोरोना काल के चलते हुए लॉकडाउन में परिवार साथ रह रहे हैं. खासकर लंबे समय बाद पति-पत्नी और बच्चों ने एक साथ समय बिताया है. जिसके चलते कुछ काम न होने की वजह से पति और पत्नी सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिता रहे हैं. यही वजह है कि अब सोशल मीडिया दंपति परिवारों के लिए मुसीबत भी बनती जा रही है. इस समय बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं, बच्चे माता-पिता का फोन लेकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, ऐसे में लंबे समय तक उनका पढ़ना उनके माता-पिता को मोबाइल से दूरी बनाता है, इसलिए भी चिड़चिड़ाहट पैदा होती है. इस वजह से छोटी-छोटी बातों पर भी छोटे-छोटे झगड़े भी सीरियस हो जाते हैं.

लॉकडाउन ने यूं तो सबकी परेशानी बढ़ाई हैं, लेकिन महिलाओं की परेशानी और ज्यादा बढ़ गईं जो अपने ही घरों में घरेलू हिंसा की शिकार हो रही हैं. 23 मार्च से अब तक घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग भी चिंता जाहिर कर चुका है. लोग 24 घंटे एक-दूसरे के साथ हैं. हर बात में परिवार के सभी सदस्यों की मानसिकता एक जैसी नहीं हो सकती है.

Last Updated : Jul 1, 2020, 11:05 PM IST
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