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सोलर इंजीनियर बनकर करें कमाई, गवर्नमेंट ITI और निजी संस्था का अनोखा प्रयोग - JABALPUR SOLAR PANEL TRAINING JOB

जबलपुर के में छात्रों को सोलर पैनल बनाने और लगाने के लिए दी जा रही ट्रेनिंग, मिलेंगे रोजगार के नए अवसर.

JABALPUR STUDENTS TRAINED SOLAR JOB
सोलर पैनल के बारे में ट्रेनिंग देते अधिकारी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 25, 2025, 11:19 AM IST

जबलपुर: सरकार चाहती है कि बड़े पैमाने पर सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल घरों, ऑफिस और फैक्ट्रियों में करें. सरकार का प्लान तो यहां तक है कि किसान के खेतों तक सोलर ऊर्जा पहुंचे, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए स्किल्ड वर्कफोर्स नहीं है. इसके लिए जबलपुर के सरकारी आईटीआई इग्नाइट नाम की एक संस्था और एक निजी कंपनी ने मिलकर एक प्रयास किया है. जिसमें सरकारी कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को निशुल्क सोलर ऊर्जा की ट्रेनिंग दी जा रही है.

सरकार चला रही कई योजना

जानकारों का कहना है कि इससे जल्द ही सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार दिया जा सकता है. भारत सरकार बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा पर विशेष ध्यान दे रही है. इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं. सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार रूफटॉप सोलर सब्सिडी योजना चला रही है.

इग्नाइट संस्था ने आईटीआई के छात्रों को दे रही ट्रेनिंग (ETV Bharat)

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 3 किलोवॉट तक के सोलर पैनल स्थापित करने की योजना है. इसमें 2 किलोवाट तक के लिए 60% की सब्सिडी और 3 किलोवाट के लिए 40% सब्सिडी दी जा रही है. कुल मिलाकर केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 75021 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए हैं.

प्रधानमंत्री कुसुम योजना

इसके तहत किसानों को सोलर ऊर्जा आधारित पंप दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है. इसमें भी सरकार किसानों को सोलर ऊर्जा के सेटअप पर 30 से 50% तक की सब्सिडी दे रही है.

दूसरी योजनाएं: इसके अलावा भारत सरकार की सौर पार्क योजना, बीजेएफ योजना, सीपीएसयू योजना, रक्षा योजना, कैनाल योजना, कैनाल टॉप स्कीम, बंडलिक स्कीम भी ऐसी योजनाएं हैं. जिनके जरिए सोलर बिजली का उत्पादन किया जा रहा है.

स्किल्ड मैनपॉवर की कमी

बिजली लगातार महंगी हो रही है. सोलर के जरिए पैदा हुई बिजली सस्ती है, इसलिए लोग सोलर का इस्तेमाल करना चाहते हैं. सरकार सब्सिडी दे रही है बाजार में सोलर कंपनियां आ गई हैं, लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में स्किल्ड मैनपॉवर की कमी है, जो सोलर पैनल को स्थापित कर दे उनके मेंटेनेंस कर सके. इसलिए भारत सरकार और जर्मनी सरकार की एक संस्था काम कर रही है. इस संस्था का नाम इंडो जर्मन इनीशिएटिव फॉर टेक्निकल एजुकेशन इग्नाइट है.

1000 से ज्यादा बच्चों को दी जा रही ट्रेनिंग

इग्नाइट के कोऑर्डिनेटर जागेश्वर रावत ने बताया, " सोलर के क्षेत्र में रोजगार की अच्छी संभावनाएं हैं. इसलिए इग्नाइट के माध्यम से आईटीआई करने वाले छात्र-छात्राओं को वे ऐसे संस्थानों में लेकर जा रहे है. जहां छात्र-छात्राओं को सोलर ऊर्जा से जुड़ी हुई तकनीकी ट्रेनिंग दी जा सके, जिससे पढ़ाई खत्म करने के बाद छात्र-छात्राएं सीधे कंपनियों में ट्रेंड कर्मी के रूप में काम कर सकें. इग्नाइट अपने माध्यम से 1000 से ज्यादा बच्चों को ट्रेनिंग देने की तैयारी कर रहा है."

ट्रेनिंग के बाद छात्रों मिलेगी नौकरियां

जबलपुर की एक संस्था सनराइज ने बरगी आईटीआई के छात्र-छात्राओं को सोलर ऊर्जा पैनल की ट्रेनिंग और तकनीकी शिक्षा देने का काम शुरू किया है. इस संस्था से जुड़े हुए इंजीनियर दिलीप सिंह ठाकुर का कहना है कि उनके माध्यम से छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग के बाद छात्र-छात्राएं तुरंत नौकरी पा सकेंगे, क्योंकि सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में अभी भी ट्रेंड वर्कर्स की बहुत कमी है. इस ट्रेनिंग के बाद छात्र-छात्राएं खुद भी अपना व्यापार स्थापित कर सकते हैं. यदि वे खुद अपना व्यापार स्थापित नहीं करना चाहते हैं, तो उनको बड़ी कंपनियों में नौकरियां मिल सकती हैं."

बरगी आईटीआई के छात्र कपिल विश्वकर्मा ने कहा, " बड़ी उम्मीद से इस ट्रेनिंग के लिए आए हैं. उन्हें उम्मीद है कि आईटीआई करने के बाद भी मुझे एक अच्छी नौकरी मिल जाएगी. उनके कॉलेज में इतने किस्म के सोलर पैनल उपलब्ध नहीं है, जिन सब पर ट्रेनिंग की जा सके. निजी संस्था में काम करने के बाद उन्हें इस क्षेत्र में काम करने में आसानी होगी."

जबलपुर: सरकार चाहती है कि बड़े पैमाने पर सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल घरों, ऑफिस और फैक्ट्रियों में करें. सरकार का प्लान तो यहां तक है कि किसान के खेतों तक सोलर ऊर्जा पहुंचे, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए स्किल्ड वर्कफोर्स नहीं है. इसके लिए जबलपुर के सरकारी आईटीआई इग्नाइट नाम की एक संस्था और एक निजी कंपनी ने मिलकर एक प्रयास किया है. जिसमें सरकारी कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को निशुल्क सोलर ऊर्जा की ट्रेनिंग दी जा रही है.

सरकार चला रही कई योजना

जानकारों का कहना है कि इससे जल्द ही सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार दिया जा सकता है. भारत सरकार बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा पर विशेष ध्यान दे रही है. इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं. सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार रूफटॉप सोलर सब्सिडी योजना चला रही है.

इग्नाइट संस्था ने आईटीआई के छात्रों को दे रही ट्रेनिंग (ETV Bharat)

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 3 किलोवॉट तक के सोलर पैनल स्थापित करने की योजना है. इसमें 2 किलोवाट तक के लिए 60% की सब्सिडी और 3 किलोवाट के लिए 40% सब्सिडी दी जा रही है. कुल मिलाकर केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 75021 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए हैं.

प्रधानमंत्री कुसुम योजना

इसके तहत किसानों को सोलर ऊर्जा आधारित पंप दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है. इसमें भी सरकार किसानों को सोलर ऊर्जा के सेटअप पर 30 से 50% तक की सब्सिडी दे रही है.

दूसरी योजनाएं: इसके अलावा भारत सरकार की सौर पार्क योजना, बीजेएफ योजना, सीपीएसयू योजना, रक्षा योजना, कैनाल योजना, कैनाल टॉप स्कीम, बंडलिक स्कीम भी ऐसी योजनाएं हैं. जिनके जरिए सोलर बिजली का उत्पादन किया जा रहा है.

स्किल्ड मैनपॉवर की कमी

बिजली लगातार महंगी हो रही है. सोलर के जरिए पैदा हुई बिजली सस्ती है, इसलिए लोग सोलर का इस्तेमाल करना चाहते हैं. सरकार सब्सिडी दे रही है बाजार में सोलर कंपनियां आ गई हैं, लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में स्किल्ड मैनपॉवर की कमी है, जो सोलर पैनल को स्थापित कर दे उनके मेंटेनेंस कर सके. इसलिए भारत सरकार और जर्मनी सरकार की एक संस्था काम कर रही है. इस संस्था का नाम इंडो जर्मन इनीशिएटिव फॉर टेक्निकल एजुकेशन इग्नाइट है.

1000 से ज्यादा बच्चों को दी जा रही ट्रेनिंग

इग्नाइट के कोऑर्डिनेटर जागेश्वर रावत ने बताया, " सोलर के क्षेत्र में रोजगार की अच्छी संभावनाएं हैं. इसलिए इग्नाइट के माध्यम से आईटीआई करने वाले छात्र-छात्राओं को वे ऐसे संस्थानों में लेकर जा रहे है. जहां छात्र-छात्राओं को सोलर ऊर्जा से जुड़ी हुई तकनीकी ट्रेनिंग दी जा सके, जिससे पढ़ाई खत्म करने के बाद छात्र-छात्राएं सीधे कंपनियों में ट्रेंड कर्मी के रूप में काम कर सकें. इग्नाइट अपने माध्यम से 1000 से ज्यादा बच्चों को ट्रेनिंग देने की तैयारी कर रहा है."

ट्रेनिंग के बाद छात्रों मिलेगी नौकरियां

जबलपुर की एक संस्था सनराइज ने बरगी आईटीआई के छात्र-छात्राओं को सोलर ऊर्जा पैनल की ट्रेनिंग और तकनीकी शिक्षा देने का काम शुरू किया है. इस संस्था से जुड़े हुए इंजीनियर दिलीप सिंह ठाकुर का कहना है कि उनके माध्यम से छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग के बाद छात्र-छात्राएं तुरंत नौकरी पा सकेंगे, क्योंकि सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में अभी भी ट्रेंड वर्कर्स की बहुत कमी है. इस ट्रेनिंग के बाद छात्र-छात्राएं खुद भी अपना व्यापार स्थापित कर सकते हैं. यदि वे खुद अपना व्यापार स्थापित नहीं करना चाहते हैं, तो उनको बड़ी कंपनियों में नौकरियां मिल सकती हैं."

बरगी आईटीआई के छात्र कपिल विश्वकर्मा ने कहा, " बड़ी उम्मीद से इस ट्रेनिंग के लिए आए हैं. उन्हें उम्मीद है कि आईटीआई करने के बाद भी मुझे एक अच्छी नौकरी मिल जाएगी. उनके कॉलेज में इतने किस्म के सोलर पैनल उपलब्ध नहीं है, जिन सब पर ट्रेनिंग की जा सके. निजी संस्था में काम करने के बाद उन्हें इस क्षेत्र में काम करने में आसानी होगी."

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