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Flood Fear Gwalior : पिछले साल बाढ़ से हुई तबाही का दर्द नहीं भूल पाए किसान, अब फिर सिर पर खतरा

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Published : Aug 8, 2022, 5:16 PM IST

मध्यप्रदेश में हो रही बारिश के कारण ग्वालियर- चंबल अंचल में अब किसानों को बाढ़ का डर सताने लगा है. यही कारण है कि जिला प्रशासन ने ग्वालियर - चंबल अंचल में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश से मड़ीखेड़ा बांध और राजघाट बांध ओवरफ्लो हो गए हैं. जल संसाधन विभाग ने इन बांधों के गेट खोल दिए हैं. यह पानी कैनाल के रास्ते से छोटे बाधों में पहुंचा, जहां से अब पानी चंबल और सिंध नदी में छोड़ा जाने लगा है.इस वजह से नदियों का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है. (Farmers not forget pain of Flood) (Now again in danger of flood) (Fear of flood in Gwalior Chambal)

Farmers not forget pain of Flood
ग्वालियर चंबल अंचल में बाढ़ का डर

ग्वालियर। चंबल नदी खतरे के निशान से 4 मीटर नीचे बह रही है और यही स्थिति कुंवारी और सिंध नदी की होती जा रही है. यही कारण है कि अब ग्वालियर- चंबल अंचल के किसानों को यह डर सताने लगा है कि पिछले साल की तरह इस बार भी बाढ़ का पानी उन्हें बर्बाद न कर दे. चंबल इलाके की सिंध, पार्वती और चंबल नदी उफान पर हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है. इसके साथ ही नदी के आसपास इलाके के गांव में अलर्ट जारी कर दिया है.

ग्वालियर चंबल अंचल में बाढ़ का डर

बीते साल के जख्म अभी तक नहीं भरे : पिछले साल ग्वालियर चंबल अंचल में आई बाढ़ तबाही मचा दी थी. हजारों लोग बेघर हो गए थे. इसके साथ ही लगभग 8000 करोड का नुकसान हुआ था. ऐसे में अबकी बार फिर अंचल में बाढ़ के संकेत देखने को मिल रहे हैं. इसी को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिस तरीके से ग्वालियर-चंबल अंचल की नदियों में लगातार उफान आ रहा है. वैसी ही ग्वालियर चंबल अंचल की किसानों की चिंताएं तेज होने लगी हैं. उनको डर है कि पिछले साल की तरह कहीं बाढ़ फिर से तबाही न मचा दे.

दो सौ गांवों पर बाढ़ का खतरा : किसानों का कहना है कि पिछले साल ग्वालियर की लगभग 200 से अधिक गांव ऐसे थे, जो पूरी तरह से बर्बाद हो चुके थे. सरकार ने कई वादे भी किए, उनके घर बनाए जाएंगे. मुआवजा भी दिया जाएगा. लेकिन किसानों को कुछ भी नहीं मदद मिल पाई. उनको डर है कि कहीं अबकी बार फिर से बाढ़ तबाही न मचा दे. यही कारण है गांव के कुछ ऐसे हैं जिन्होंने अभी से बाहर निकलने की तैयारियां कर ली है. किसानों का कहना है के इस समय बांध और नदियां उफान पर हैं. कभी भी कुछ भी हो सकता है.

Rain Alert in MP: प्रदेश में बाढ़ जैसे हालातों के बीच बारिश का ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी, कई जगहों पर उफनते पानी में डूबे वाहन, देखें तस्वीरें

अभी तक धान की रोपाई नहीं की : ग्वालियर अंचल में लगभग 2 सैकड़ा से अधिक ऐसे गांव हैं, जो धान की खेती पर निर्भर हैं. इस समय खेत में धान की रोपाई का समय है लेकिन किसानों ने अभी तक धान की रोपाई को रोक कर रखा हुआ है. पिछले साल खेत में खड़ी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. इसलिए आधे से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक धान की फसल की रोपाई नहीं की है. ऐसे में कांग्रेस नेता आरपी सिंह का कहना है कि शिवराज सरकार ने अंचल के लोगों के साथ विश्वासघात किया है. (Farmers not forget pain of Flood) (Now again in danger of flood) (Fear of flood in Gwalior Chambal)

ग्वालियर। चंबल नदी खतरे के निशान से 4 मीटर नीचे बह रही है और यही स्थिति कुंवारी और सिंध नदी की होती जा रही है. यही कारण है कि अब ग्वालियर- चंबल अंचल के किसानों को यह डर सताने लगा है कि पिछले साल की तरह इस बार भी बाढ़ का पानी उन्हें बर्बाद न कर दे. चंबल इलाके की सिंध, पार्वती और चंबल नदी उफान पर हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है. इसके साथ ही नदी के आसपास इलाके के गांव में अलर्ट जारी कर दिया है.

ग्वालियर चंबल अंचल में बाढ़ का डर

बीते साल के जख्म अभी तक नहीं भरे : पिछले साल ग्वालियर चंबल अंचल में आई बाढ़ तबाही मचा दी थी. हजारों लोग बेघर हो गए थे. इसके साथ ही लगभग 8000 करोड का नुकसान हुआ था. ऐसे में अबकी बार फिर अंचल में बाढ़ के संकेत देखने को मिल रहे हैं. इसी को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिस तरीके से ग्वालियर-चंबल अंचल की नदियों में लगातार उफान आ रहा है. वैसी ही ग्वालियर चंबल अंचल की किसानों की चिंताएं तेज होने लगी हैं. उनको डर है कि पिछले साल की तरह कहीं बाढ़ फिर से तबाही न मचा दे.

दो सौ गांवों पर बाढ़ का खतरा : किसानों का कहना है कि पिछले साल ग्वालियर की लगभग 200 से अधिक गांव ऐसे थे, जो पूरी तरह से बर्बाद हो चुके थे. सरकार ने कई वादे भी किए, उनके घर बनाए जाएंगे. मुआवजा भी दिया जाएगा. लेकिन किसानों को कुछ भी नहीं मदद मिल पाई. उनको डर है कि कहीं अबकी बार फिर से बाढ़ तबाही न मचा दे. यही कारण है गांव के कुछ ऐसे हैं जिन्होंने अभी से बाहर निकलने की तैयारियां कर ली है. किसानों का कहना है के इस समय बांध और नदियां उफान पर हैं. कभी भी कुछ भी हो सकता है.

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अभी तक धान की रोपाई नहीं की : ग्वालियर अंचल में लगभग 2 सैकड़ा से अधिक ऐसे गांव हैं, जो धान की खेती पर निर्भर हैं. इस समय खेत में धान की रोपाई का समय है लेकिन किसानों ने अभी तक धान की रोपाई को रोक कर रखा हुआ है. पिछले साल खेत में खड़ी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. इसलिए आधे से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक धान की फसल की रोपाई नहीं की है. ऐसे में कांग्रेस नेता आरपी सिंह का कहना है कि शिवराज सरकार ने अंचल के लोगों के साथ विश्वासघात किया है. (Farmers not forget pain of Flood) (Now again in danger of flood) (Fear of flood in Gwalior Chambal)

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