ग्वालियर। बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने अब केंद्र सरकार के खिलाफ इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल (Electricity Amendment Bill 2021) को लेकर मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश में आंदोलन भी शुरू हो गया है. आज ग्वालियर की रोशनी घर बिजली मुख्यालय पर बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने प्रदर्शन किया. साथ ही प्रधानमंत्री, केंद्रीय बिजली मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा. एमपी यूनाइटेड फोरम के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि आज सांकेतिक प्रदर्शन पूरे मध्य प्रदेश में है. लेकिन आने वाले 15 दिसंबर को विद्युत संशोधन विधेयक 2021 का विरोध करने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा.
बिजली विभाग के कर्मचारियों का क्या है कहना?
बिजली विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि 1 फरवरी 2022 यानी संसद के बजट सत्र के दौरान भी 1 दिन का राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन होगा. बता दें कि पूरे मध्यप्रदेश के साथ-साथ देश भर में बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर सभी कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर निजीकरण का बिल लागू हो गया तो देश और प्रदेश की जनता को बिजली चार गुनी महंगी मिलेगी. इसके साथ ही बिजली कर्मचारियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. यही वजह है कि इसके विरोध में लगातार प्रदेश के साथ-साथ देश भर के बिजली कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं.