ग्वालियर। शहर में गरीबों को 5 रुपए में भरपेट दी जाने वाली थाली राजनीति की भेंट चढ़ गई है. पूर्व की शिवराज सरकार ने यह योजना शुरू की थी. वहीं अब कमलनाथ सरकार में राशन नहीं मिलने से दीनदयाल रसोई योजना पर ताला लग गया है. यह हाल तब है जब कमलनाथ सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ग्वालियर के विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर हैं, हालांकि रसोई संचालक को उम्मीद है कि जल्दी ही सरकार गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराएगी.
बता दें कि स्टेशन बजरिया स्थित बस स्टैंड पर तत्कालीन शिवराज सरकार ने गरीबों को सस्ते दरों पर खाना उपलब्ध कराने के लिए दीनदयाल रसोई योजना की शुरुआत की थी. यहां मात्र 5 रुपए में गरीबों को भरपेट भोजन कराया जाता था, लेकिन 1 जुलाई से ये योजना बंद कर दी गई. बताया जा रहा है कि खाद्यान्न नहीं मिल पाने की वजह से गरीब की रसोई पर ताला जड़ दिया गया है. इसे लेकर गरीबों और मजदूरों में खासा आक्रोश है, क्योंकि दिनभर मजदूरी करने के बाद वे सस्ते दर पर भरपेट खाना खाते थे.
वहीं दीनदयाल रसोई के संचालक की मानें तो रसोई में प्रतिदिन 700 से लेकर 1000 गरीब खाना खाते थे, लेकिन राशन नहीं मिल पाने की वजह से 1 जुलाई से ये योजना बंद कर दी गई है. उन्हें उम्मीद है कि गरीबों की रसोई जल्दी ही शुरू की जाएगी. रसोई संचालक का कहना है कि सरकार से उन्हें कंट्रोल रेट पर गेहूं और चावल ही उपलब्ध होता है, बाकी राशन वे वैश्य महासभा से चंदा करके जुटाते हैं. रसोई संचालक का कहना है कि एक माह में दीनदयाल रसोई पर करीबन दो से ढाई लाख रुपए का खर्च आता है.