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गरीबों के निवाले पर राजनीति , राशन नहीं मिलने पर दीनदयाल रसोई योजना पर लगा ताला

राशन नहीं मिलने से शहर के स्टेशन बजरिया स्थित बस स्टैंड पर स्थित दीनदयाल रसोई बंद हो गई है. बता दें कि पूर्व की शिवराज सरकार ने इस योजना को शुरू किया था.

राशन नहीं मिलने पर दीनदयाल रसोई योजना पर लगा ताला
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Published : Jul 24, 2019, 3:22 PM IST

Updated : Jul 24, 2019, 3:48 PM IST

ग्वालियर। शहर में गरीबों को 5 रुपए में भरपेट दी जाने वाली थाली राजनीति की भेंट चढ़ गई है. पूर्व की शिवराज सरकार ने यह योजना शुरू की थी. वहीं अब कमलनाथ सरकार में राशन नहीं मिलने से दीनदयाल रसोई योजना पर ताला लग गया है. यह हाल तब है जब कमलनाथ सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ग्वालियर के विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर हैं, हालांकि रसोई संचालक को उम्मीद है कि जल्दी ही सरकार गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराएगी.

राशन नहीं मिलने पर दीनदयाल रसोई योजना पर लगा ताला

बता दें कि स्टेशन बजरिया स्थित बस स्टैंड पर तत्कालीन शिवराज सरकार ने गरीबों को सस्ते दरों पर खाना उपलब्ध कराने के लिए दीनदयाल रसोई योजना की शुरुआत की थी. यहां मात्र 5 रुपए में गरीबों को भरपेट भोजन कराया जाता था, लेकिन 1 जुलाई से ये योजना बंद कर दी गई. बताया जा रहा है कि खाद्यान्न नहीं मिल पाने की वजह से गरीब की रसोई पर ताला जड़ दिया गया है. इसे लेकर गरीबों और मजदूरों में खासा आक्रोश है, क्योंकि दिनभर मजदूरी करने के बाद वे सस्ते दर पर भरपेट खाना खाते थे.

वहीं दीनदयाल रसोई के संचालक की मानें तो रसोई में प्रतिदिन 700 से लेकर 1000 गरीब खाना खाते थे, लेकिन राशन नहीं मिल पाने की वजह से 1 जुलाई से ये योजना बंद कर दी गई है. उन्हें उम्मीद है कि गरीबों की रसोई जल्दी ही शुरू की जाएगी. रसोई संचालक का कहना है कि सरकार से उन्हें कंट्रोल रेट पर गेहूं और चावल ही उपलब्ध होता है, बाकी राशन वे वैश्य महासभा से चंदा करके जुटाते हैं. रसोई संचालक का कहना है कि एक माह में दीनदयाल रसोई पर करीबन दो से ढाई लाख रुपए का खर्च आता है.

ग्वालियर। शहर में गरीबों को 5 रुपए में भरपेट दी जाने वाली थाली राजनीति की भेंट चढ़ गई है. पूर्व की शिवराज सरकार ने यह योजना शुरू की थी. वहीं अब कमलनाथ सरकार में राशन नहीं मिलने से दीनदयाल रसोई योजना पर ताला लग गया है. यह हाल तब है जब कमलनाथ सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ग्वालियर के विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर हैं, हालांकि रसोई संचालक को उम्मीद है कि जल्दी ही सरकार गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराएगी.

राशन नहीं मिलने पर दीनदयाल रसोई योजना पर लगा ताला

बता दें कि स्टेशन बजरिया स्थित बस स्टैंड पर तत्कालीन शिवराज सरकार ने गरीबों को सस्ते दरों पर खाना उपलब्ध कराने के लिए दीनदयाल रसोई योजना की शुरुआत की थी. यहां मात्र 5 रुपए में गरीबों को भरपेट भोजन कराया जाता था, लेकिन 1 जुलाई से ये योजना बंद कर दी गई. बताया जा रहा है कि खाद्यान्न नहीं मिल पाने की वजह से गरीब की रसोई पर ताला जड़ दिया गया है. इसे लेकर गरीबों और मजदूरों में खासा आक्रोश है, क्योंकि दिनभर मजदूरी करने के बाद वे सस्ते दर पर भरपेट खाना खाते थे.

वहीं दीनदयाल रसोई के संचालक की मानें तो रसोई में प्रतिदिन 700 से लेकर 1000 गरीब खाना खाते थे, लेकिन राशन नहीं मिल पाने की वजह से 1 जुलाई से ये योजना बंद कर दी गई है. उन्हें उम्मीद है कि गरीबों की रसोई जल्दी ही शुरू की जाएगी. रसोई संचालक का कहना है कि सरकार से उन्हें कंट्रोल रेट पर गेहूं और चावल ही उपलब्ध होता है, बाकी राशन वे वैश्य महासभा से चंदा करके जुटाते हैं. रसोई संचालक का कहना है कि एक माह में दीनदयाल रसोई पर करीबन दो से ढाई लाख रुपए का खर्च आता है.

Intro:एंकर - ग्वालियर में गरीबों को 5 रुपये में भरपेट दी जाने वाली थाली राजनीति की भेंट चढ़ गई है। पता चला है शिवराज सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना दीनदयाल रसोई पर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने खाद्यान का आबंटन रोककर ताला जड़ दिया है। जबकि सूबे की सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री शहर के लाडले विधायक प्रधुम्न सिंह तोमर हैं। हालांकि रसोई संचालक को उम्मीद है जल्दी ही सरकार गरीबों को निबाला उपलब्ध कराएगी।

Body:वीओ 1- गौरतलब है कि स्टेशन बजरिया स्थित बस स्टैंड पर पूर्ववर्ती भाजपा शासित शिवराज सरकार ने गरीबों को सस्ती दरों पर खाना उपलब्ध कराने के लिए दीनदयाल रसोई योजना की शुरुआत की थी। यहां मात्र 5 रुपये में गरीबों को भरपेट भोजन कराया जाता था। लेकिन 1 जुलाई से ये योजना बंद कर दी गई। बताते हैं कि खाद्यान नहीं मिल पाने की वजह से गरीब की रसोई पर ताला जड़ दिया गया है। इसे लेकर गरीबों और मजदूरों में खासा आक्रोश है। क्योंकि दिनभर मजदूरी करने के बाद ये लोग जितना कमाते हैं परिवार के लिए दो जून की रोटी जुटाने में पूरा खर्च कर देते हैं।

Conclusion:वीओ 2- वहीं दीनदयाल रसोई के संचालक की माने तो ये रसोई प्रतिदित यहां 700 से लेकर 1000 गरीबों का पेट केवल 5 रुपये में भरती थी। लेकिन खाद्यान नहीं मिल पाने की वजह से 1 जुलाई से बंद कर दी गई है। उन्हें उम्मीद है कि गरीबों की रसोई जल्दी ही शुरू की जाएगी। रसोई संचालक का बताते है सरकार से उन्हें कंट्रोल रेट पर गेंहू और चावल ही उपलब्ध कराती है। बाकी खाद्यान आदि सामग्री वे वैश्य महासभा से चंदा करके जुटाते है। अगर रसोई संचालक की बात पर यकीन करें तो एक माह में दीनदयाल रसोई पर करीबन दो से ढाई लाख रुपये का व्यय आता है।


वीओ 3- बहरहाल शिवराज सरकार की अतिमहत्वाकांशी और जनहितैषी योजना बंद हो गई है। जानकार इस योजना के बंद हो जाने को लेकर दबी जुबान से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मगर अफसोस की बात ये है कि प्रदेश सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर के गृह जिले में गरीब की थाली छीनी गई है।



बाइट-3 प्रमोद कुमार बस क्लीनर

बाइट-2 संतोष सिंह यादव बस कंडक्टर

बाइट-1 रसोई संचालक




Last Updated : Jul 24, 2019, 3:48 PM IST
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