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मंत्री गोविंद सिंह के खिलाफ चुनावी याचिका पर बहस पूरी, फैसला सुरक्षित - Minister Govind Singh

सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह के खिलाफ पूर्व विधायक रसाल सिंह ने आपराधिक रिकॉर्ड और संपत्तियों की जानकारी छुपाने का आरोप लगाया है. जिस पर बहस पूरी होने के बाद फैसले को कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया है.

Debate over election petition against Minister Govind Singh completed
मंत्री गोविंद सिंह के खिलाफ चुनावी याचिका पर बहस पूरी
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Published : Feb 6, 2020, 5:17 PM IST

ग्वालियर। प्रदेश के कद्दावर मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के खिलाफ दायर की गई चुनावी याचिका पर हाईकोर्ट में बहस पूरी होने के बाद फैसले को कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया है. पूर्व विधायक रसाल सिंह ने लहार से चुनाव जीतने वाले डॉक्टर गोविंद सिंह पर अपना आपराधिक रिकॉर्ड और संपत्तियों की जानकारी छुपाने का आरोप लगाते हुए उनका चुनाव निरस्त करने की मांग की है.

मंत्री गोविंद सिंह के खिलाफ चुनावी याचिका पर बहस पूरी

दरअसल पूर्व विधायक रसाल सिंह ने प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक रिकॉर्ड को नामांकन भरते समय आयोग से छुपाया है. साथ ही अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी पूरे तौर पर नहीं बताई है. हालांकि डॉक्टर गोविंद सिंह ने पूर्व में कहा था कि रसाल सिंह द्वारा पेश की गई याचिका प्रचलन योग्य नहीं है, क्योंकि वो निर्धारित समयावधि 45 दिन के भीतर दायर नहीं की गई है. लेकिन कोर्ट ने गोविंद सिंह की याचिका खारिज करने का आवेदन ठुकरा दिया था.

याचिकाकर्ता रसाल सिंह के अधिवक्ता का कहना है कि कोर्ट की अनुमति के बाद वे इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य पेश करेंगे. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का यह भी कहना है कि डॉक्टर गोविंद सिंह को याचिका के बारे में जो भी आपत्ति उठानी थी वो पूर्व में उठानी चाहिए थी. अब बार-बार आपत्ति लगाने से मामला लटकेगा जबकि चुनाव संबंधी याचिका का निराकरण 6 महीने के भीतर होना चाहिए.

ग्वालियर। प्रदेश के कद्दावर मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के खिलाफ दायर की गई चुनावी याचिका पर हाईकोर्ट में बहस पूरी होने के बाद फैसले को कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया है. पूर्व विधायक रसाल सिंह ने लहार से चुनाव जीतने वाले डॉक्टर गोविंद सिंह पर अपना आपराधिक रिकॉर्ड और संपत्तियों की जानकारी छुपाने का आरोप लगाते हुए उनका चुनाव निरस्त करने की मांग की है.

मंत्री गोविंद सिंह के खिलाफ चुनावी याचिका पर बहस पूरी

दरअसल पूर्व विधायक रसाल सिंह ने प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक रिकॉर्ड को नामांकन भरते समय आयोग से छुपाया है. साथ ही अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी पूरे तौर पर नहीं बताई है. हालांकि डॉक्टर गोविंद सिंह ने पूर्व में कहा था कि रसाल सिंह द्वारा पेश की गई याचिका प्रचलन योग्य नहीं है, क्योंकि वो निर्धारित समयावधि 45 दिन के भीतर दायर नहीं की गई है. लेकिन कोर्ट ने गोविंद सिंह की याचिका खारिज करने का आवेदन ठुकरा दिया था.

याचिकाकर्ता रसाल सिंह के अधिवक्ता का कहना है कि कोर्ट की अनुमति के बाद वे इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य पेश करेंगे. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का यह भी कहना है कि डॉक्टर गोविंद सिंह को याचिका के बारे में जो भी आपत्ति उठानी थी वो पूर्व में उठानी चाहिए थी. अब बार-बार आपत्ति लगाने से मामला लटकेगा जबकि चुनाव संबंधी याचिका का निराकरण 6 महीने के भीतर होना चाहिए.

Intro:ग्वालियर
प्रदेश के कद्दावर मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के खिलाफ दायर की गई चुनावी याचिका पर हाईकोर्ट में बहस पूरी होने के बाद फैसले को कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया है। पूर्व विधायक रसाल सिंह ने लहार से चुनाव जीतने वाले डॉक्टर गोविंद सिंह पर अपना आपराधिक रिकॉर्ड और संपत्तियों की जानकारी छुपाने का आरोप लगाते हुए उनका चुनाव निरस्त करने की मांग की है।


Body:दरअसल पूर्व विधायक रसाल सिंह ने प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक रिकॉर्ड को नामांकन भरते समय आयोग से छुपाया है ।साथ ही अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी पूरे तौर पर नहीं बताई है ।हालांकि डॉक्टर गोविंद सिंह ने पूर्व में कहा था कि रसाल सिंह द्वारा पेश की गई याचिका प्रचलन योग्य नहीं है क्योंकि वह निर्धारित समयावधि 45 दिन के भीतर दायर नहीं की गई है लेकिन कोर्ट ने गोविंद सिंह का याचिका खारिज करने का आवेदन ठुकरा दिया था।


Conclusion:याचिकाकर्ता रसाल सिंह के अधिवक्ता का कहना है कि कोर्ट की अनुमति के बाद वे इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य पेश करेंगे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का यह भी कहना है कि डॉक्टर गोविंद सिंह को याचिका के बारे में जो भी आपत्ति उठानी थी वह पूर्व में उठानी चाहिए थी अब बार-बार आपत्ति लगाने से मामला लटकेगा जबकि चुनाव संबंधी याचिका का निराकरण 6 महीने के भीतर होना चाहिए। बाइट जितेंद्र शर्मा... याचिकाकर्ता रसाल सिंह के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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