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चंबल से ग्वालियर तक पानी लाने के प्रोजेक्ट पर संकट, साडा और जीडीए के इलाके को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नहीं किया जाएगा शामिल - ग्वालियर न्यूज

ग्वालियर में पानी के संकट से निपटने के लिए चंबल नदी से पानी सप्लाई करने के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी, लेकिन अब यह टलता नजर आ रहा है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को लेकर हुई बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि साडा और जीडीए के इलाके को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल नहीं किया जाएगा.

Crisis on water project
पानी प्रोजेक्ट पर संकट
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Published : Dec 10, 2020, 12:05 PM IST

ग्वालियर। चंबल नदी से ग्वालियर तक पानी सप्लाई का प्रोजेक्ट अब टलता नजर आ रहा है, क्योंकि हाल में ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को लेकर हुई बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि साडा और जीडीए के इलाके को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल नहीं किया जाएगा. यदि ऐसा होता है तो यह योजना टल सकती है और जो आर्थिक मदद इस प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार से मिलने वाली थी वह भी रुक जाएगी.

पानी प्रोजेक्ट पर संकट

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड नई दिल्ली ने जुलाई 2018 में नगर निगम का 398.45 का चंबल प्रोजेक्ट मंजूर कर दिया था. 398.45 करोड़ रुपए में 75 फीसदी यानी करीब 320 करोड रुपए का कर्ज नगर निगम को चुकाना था, जबकि 25 फीसदी यानी करीब 100 करोड रुपए राज्य सरकार ने देने की सहमति दी थी. लेकिन विधानसभा चुनाव आते ही यह प्रोजेक्ट फाइलओं में दबा रह गया. पिछले दिनों बीजेपी की सदस्यता अभियान में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के आग्रह पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चंबल से पानी लाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति दे दी थी, लेकिन अब चंबल प्रोजेक्ट का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है.

बीजेपी का दावा है कि चंबल का पानी ग्वालियर को मिलेगा. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि 2018 के चुनाव और 2020 के उपचुनाव में बीजेपी ने चंबल से ग्वालियर पानी लाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. हमने तब भी कहा था यह केवल चुनावी जुमला है और अब जिस तरह की चीजें सामने आ रही है. उससे यह साफ हो गया है कि ग्वालियर वासियों को चंबल से पानी नहीं मिलेगा.

ग्वालियर। चंबल नदी से ग्वालियर तक पानी सप्लाई का प्रोजेक्ट अब टलता नजर आ रहा है, क्योंकि हाल में ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को लेकर हुई बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि साडा और जीडीए के इलाके को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल नहीं किया जाएगा. यदि ऐसा होता है तो यह योजना टल सकती है और जो आर्थिक मदद इस प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार से मिलने वाली थी वह भी रुक जाएगी.

पानी प्रोजेक्ट पर संकट

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड नई दिल्ली ने जुलाई 2018 में नगर निगम का 398.45 का चंबल प्रोजेक्ट मंजूर कर दिया था. 398.45 करोड़ रुपए में 75 फीसदी यानी करीब 320 करोड रुपए का कर्ज नगर निगम को चुकाना था, जबकि 25 फीसदी यानी करीब 100 करोड रुपए राज्य सरकार ने देने की सहमति दी थी. लेकिन विधानसभा चुनाव आते ही यह प्रोजेक्ट फाइलओं में दबा रह गया. पिछले दिनों बीजेपी की सदस्यता अभियान में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के आग्रह पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चंबल से पानी लाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति दे दी थी, लेकिन अब चंबल प्रोजेक्ट का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है.

बीजेपी का दावा है कि चंबल का पानी ग्वालियर को मिलेगा. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि 2018 के चुनाव और 2020 के उपचुनाव में बीजेपी ने चंबल से ग्वालियर पानी लाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. हमने तब भी कहा था यह केवल चुनावी जुमला है और अब जिस तरह की चीजें सामने आ रही है. उससे यह साफ हो गया है कि ग्वालियर वासियों को चंबल से पानी नहीं मिलेगा.

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