ग्वालियर। करीब 15 साल पहले ग्वालियर नगर निगम में जल प्रदाय विभाग में 10 हजार से कम लागत की 12 फाइलें तैयार कर शासन को लाखों का चूना लगाने के मामले में अब पूर्व नगर निगम कमिश्नर विवेक सिंह सहित अन्य अफसरों के खिलाफ 5 अक्टूबर को आरोप तय किए जाएंगे. सभी के खिलाफ गुरुवार को ही आरोप तय होने थे, लेकिन 10 में से 5 आरोपी गैरहाजिर रहे, इस मामले में पूर्व निगम आयुक्त विवेक सिंह, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री केके श्रीवास्तव ,आरके बत्रा, सत्येंद्र सिंह, सहायक यंत्री अजय पांडे ,मोहित जैन,रतन जैन,सुनील गुप्ता, शकुंतला, हरि सिंह ,आदि आरोपियों में शामिल हैं.
इन सभी ने अपने खिलाफ दर्ज लोकायुक्त पुलिस के मामले को खारिज कराने के लिए आवेदन सौंपा था. जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि, 2004 और 2005 में नगर निगम के जल प्रदाय विभाग में संधारण कार्यों की करीब 12 सौ से ज्यादा फाइलें तैयार की गई थीं. इन फाइलों में नलकूप की मोटर पंपों की मरम्मत के काम होना बताए गया था. अनुमति लगभग 10 हजार रखी गई थी. खास बात ये रही कि, ये सभी एक ही हैंडराइटिंग से बनाई गई थी.
इस मामले में गोपनीय शिकायत की गई थी. जिसके आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने जांच की, तो पता चला कि, नगर निगम की जल प्रदाय शाखा में व्यक्तिगत लाभ के लिए बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया था. सभी फाइलों की लागत 10 हजार से कम रखी गई थी, ताकि टेंडर न बुलाने पड़े. भौतिक सत्यापन के दौरान भी पता चला कि, जहां नलकूप नहीं थे. वहां की भी फाइल तैयार की गई थी. अब इस मामले में 5 अक्टूबर को आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किए जाएंगे, दो आरोपियों की जांच के दौरान मौत हो चुकी है.