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आ तो नहीं गई Third Wave: 24 घंटे घर में रहने वाले चार बच्चे कोरोना पॉजिटिव, दुधमुंहीं छह माह की बच्ची भी संक्रमित - कोरोनो थर्ड वेव से कैसे बचें

ग्वालियर में घर में बैठे बच्चों को कोरोना होने के मामले सामने आ रहे हैं. इनमें छह माह से लेकर 16 साल तक के बच्चे शामिल हैं.

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कोरोना तीसरी लहर
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Published : Jul 21, 2021, 11:00 PM IST

ग्वालियर। बच्चे घर से बाहर निकले भी नहीं और वह कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए. एक दिन में चार बच्चों को कोराना होने की पुष्टि के बाद ग्वालियर जिले में दहशत फैल गई है. वैसे भी संभावित तीसरी लहर में बच्चों को ही सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है, कहीं यह बच्चों का संक्रमित होना तीसरी लहर की दस्तक तो नहीं है. केस स्टडी में पता चला है कि घर के सभी बड़े कोरोना टेस्ट में नेगेटिव आए हैं. इसका मतलब साफ है कि बच्चों को संक्रमण अपने बड़ों से ही मिला है. चार संक्रमित में से तीन के परिजन मजदूर हैं. अभी माना जा रहा है कि बाहर से घर लौटते समय इन्होंने मास्क और सेनेटाइजर का ख्याल नहीं रखा और बच्चे संक्रमित हो गए.

कोरोना की तीसरी लहर से लोगों में दहशत.

तीन ग्रामीण और एक शहरी बच्चा हुआ पॉजिटिव
दरअसल, कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक मानी जा रही है. ऐसे में ग्वालियर के भितरवार ब्लॉक के रई गांव में 14 महीने, मछरैया गांव की 8 महीने की बच्ची और मोहनगढ़ गांव की 6 माह का बच्चा, इसके साथ ही ग्वालियर शहर के हजीरा में से 16 साल का नाबालिग कोरोना संक्रमित निकला है. बताया जा रहा है कि 14 महीने की बच्ची को कमजोरी के कारण और आठ महीने की बच्ची को बुखार व दस्त लगने की शिकायत के कारण परिजन इलाज कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भितरवार पहुंचे थे. जहां रैपिड एंटीजन टेस्ट में दोनों को कोरोना होने की पुष्टि हुई है.

पहला केसः 14 महीने की बच्ची को हुआ कोरोना
भितरवार के रई गांव में 14 महीने की बच्ची के माता-पिता मजदूरी करते हैं. बच्चे कमजोर हैं. बच्चे को खांसी और सर्दी होने पर परिजन उसे लेकर स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे थे. यहां डॉक्टर ने बच्ची का एंटीजन टेस्ट किया तो बच्ची कोरोना संक्रमित निकली. इसके बाद उसके परिजन के भी टेस्ट किए गए लेकिन वह संक्रमित नहीं निकले. बच्ची के माता-पिता को वैक्सीन लग गई है, इसलिए उन्हें संक्रमण नहीं हुआ.

दूसरा केसः आठ महीने की बच्ची को हुआ कोरोना
मछरैया गांव में 8 महीने की बच्ची कोरोना संक्रमित निकली है. बच्ची पिछले 15 दिन से घर से बाहर नहीं गई है. मां घर में रहती है, पर पिता बाहर मजदूरी करते हैं. दोनों ने वैक्सीन की एक-एक डोज लगावाई है. घर से बाहर निकले बिना बच्ची संक्रमित हो गई. उसे दो दिन से उल्टी दस्त हो रहे थे. जब हॉस्पिटल दिखाने पहुंचे, तो डॉक्टर ने कोरोना टेस्ट किया जिसमें वह संक्रमित निकली है. बच्ची का कोई भी परिजन संक्रमित नहीं मिला है.

तीसरा केसः मां की गोद से उतरा नहीं बच्चा फिर भी संक्रमित
शिवपुरी के नरवर निवासी 6 महीने का बच्चा यहां मोहनगढ़ में अपनी नानी के घर आया था. यहां उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई तो उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां इलाज के साथ उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट भी किया गया, जिसमें बच्चा संक्रमित निकला. इसके बाद बच्चे को ग्वालियर भर्ती कराया गया. बच्चे की मां, नाना-नानी और अन्य सदस्य की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जबकि बच्चा अपनी मां की गोद में ही रहा है.

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चौथा केसः खांसी-जुकाम के बाद हुआ कोरोना
ग्वालियर के हजीरा में 16 साल के लड़का भी संक्रमित मिला है. बच्चे के पिता एक प्राइवेट जॉब करते हैं और मां घर पर ही रहती थी. खांसी जुकाम की दवा लेने के लिए अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने पहले कोरोना टेस्ट कराया, जिसमें बच्चा पॉजिटिव आया. नाबालिग के माता-पिता वैक्सीन लगवा चुके हैं. जबकि लड़के को अभी वैक्सीन नहीं लगी है. वह दोस्तों के साथ बाहर खेलने गया था. उसके बाद से तबीयत खराब हुई.

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पन्ना में सर्दी-जुकाम से तीन बच्चों की मौत हो गई, वहीं 14 बच्चे बीमार हैं, इस मौत के बाद लोगों में दहशत है, कहीं ये कोरोना (Corona) की तीसरी लहर (Third Wave) तो नहीं हैं. बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और सभी बच्चों का सैंपल लिये.

ग्वालियर। बच्चे घर से बाहर निकले भी नहीं और वह कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए. एक दिन में चार बच्चों को कोराना होने की पुष्टि के बाद ग्वालियर जिले में दहशत फैल गई है. वैसे भी संभावित तीसरी लहर में बच्चों को ही सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है, कहीं यह बच्चों का संक्रमित होना तीसरी लहर की दस्तक तो नहीं है. केस स्टडी में पता चला है कि घर के सभी बड़े कोरोना टेस्ट में नेगेटिव आए हैं. इसका मतलब साफ है कि बच्चों को संक्रमण अपने बड़ों से ही मिला है. चार संक्रमित में से तीन के परिजन मजदूर हैं. अभी माना जा रहा है कि बाहर से घर लौटते समय इन्होंने मास्क और सेनेटाइजर का ख्याल नहीं रखा और बच्चे संक्रमित हो गए.

कोरोना की तीसरी लहर से लोगों में दहशत.

तीन ग्रामीण और एक शहरी बच्चा हुआ पॉजिटिव
दरअसल, कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक मानी जा रही है. ऐसे में ग्वालियर के भितरवार ब्लॉक के रई गांव में 14 महीने, मछरैया गांव की 8 महीने की बच्ची और मोहनगढ़ गांव की 6 माह का बच्चा, इसके साथ ही ग्वालियर शहर के हजीरा में से 16 साल का नाबालिग कोरोना संक्रमित निकला है. बताया जा रहा है कि 14 महीने की बच्ची को कमजोरी के कारण और आठ महीने की बच्ची को बुखार व दस्त लगने की शिकायत के कारण परिजन इलाज कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भितरवार पहुंचे थे. जहां रैपिड एंटीजन टेस्ट में दोनों को कोरोना होने की पुष्टि हुई है.

पहला केसः 14 महीने की बच्ची को हुआ कोरोना
भितरवार के रई गांव में 14 महीने की बच्ची के माता-पिता मजदूरी करते हैं. बच्चे कमजोर हैं. बच्चे को खांसी और सर्दी होने पर परिजन उसे लेकर स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे थे. यहां डॉक्टर ने बच्ची का एंटीजन टेस्ट किया तो बच्ची कोरोना संक्रमित निकली. इसके बाद उसके परिजन के भी टेस्ट किए गए लेकिन वह संक्रमित नहीं निकले. बच्ची के माता-पिता को वैक्सीन लग गई है, इसलिए उन्हें संक्रमण नहीं हुआ.

दूसरा केसः आठ महीने की बच्ची को हुआ कोरोना
मछरैया गांव में 8 महीने की बच्ची कोरोना संक्रमित निकली है. बच्ची पिछले 15 दिन से घर से बाहर नहीं गई है. मां घर में रहती है, पर पिता बाहर मजदूरी करते हैं. दोनों ने वैक्सीन की एक-एक डोज लगावाई है. घर से बाहर निकले बिना बच्ची संक्रमित हो गई. उसे दो दिन से उल्टी दस्त हो रहे थे. जब हॉस्पिटल दिखाने पहुंचे, तो डॉक्टर ने कोरोना टेस्ट किया जिसमें वह संक्रमित निकली है. बच्ची का कोई भी परिजन संक्रमित नहीं मिला है.

तीसरा केसः मां की गोद से उतरा नहीं बच्चा फिर भी संक्रमित
शिवपुरी के नरवर निवासी 6 महीने का बच्चा यहां मोहनगढ़ में अपनी नानी के घर आया था. यहां उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई तो उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां इलाज के साथ उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट भी किया गया, जिसमें बच्चा संक्रमित निकला. इसके बाद बच्चे को ग्वालियर भर्ती कराया गया. बच्चे की मां, नाना-नानी और अन्य सदस्य की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जबकि बच्चा अपनी मां की गोद में ही रहा है.

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