ग्वालियर। लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए अब जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन, प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के दिन सभी ब्लड संचालकों को निर्देश जारी कर दिए हैं. जेएएच की ब्लड बैंक से प्लाज्मा की जांच करने के लिए किट की मांग की है कि किट आते ही प्लाज्मा थेरेपी से इलाज शुरू कर दिया जाएगा.
वहीं जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज में किट उपलब्ध कराने के लिए सरकार को पत्र लिखा है. कोरोना मरीज की प्लाज्मा थेरेपी देने की मांग ब्लड बैंक से की जाएगी. ब्लड बैंक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से ठीक होकर जा रहे मरीजों की सूची लेगा उनसे बात कर उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
कोरोना से ग्रस्त मरीज जब बीमारी को हराकर ठीक हो जाता है. तो उसके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता तैयार हो चुकी होती है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता ही किसी भी वायरस का मुकाबला कर उसे नष्ट करती है. स्वस्थ हो चुके मरीज के शरीर में प्लाज्मा होता है इसमें ही रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है. प्लाज्मा को निकालकर उसकी जांच की जाती है. उसमें कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी तैयार हो चुकी या नहीं. यदि एंटीबॉडी तैयार होती हैं तो उसे गंभीर मरीज के ब्लड ग्रुप में मिलान करने के बाद चढ़ा दिया जाता है और वह बीमारी को हरा देता है.
बता दें कि ग्वालियर में कोरोना संक्रमण के गुरुवार को 121 नए मामले सामने आए थे. जिसमें अभी तक कोरोना संक्रमण से 6 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं 688 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. वहीं ग्वालियर में 1365 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं.