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ग्वालियर: कोरोना के बोझ से दबे कुली, काम नहीं होने से हालत खराब

जिले में इन दिनों रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुली काम नहीं मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें फिर से 2020 याद आने लगा है.

coolie sitting at railway station
रेलवे स्टेशन पर बैठे कुली
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Published : Apr 22, 2021, 10:56 PM IST

ग्वालियर। शहर में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसके कारण कोरोना कर्फ्यू लागू है. वहीं, इन दिनों रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुली काम नहीं मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें फिर से 2020 याद आने लगा है.

'2020 फिर से याद आ रहा है'
कुली राय सिंह पाल ने बताया कि पिछले साल लगे लॉकडाउन के दौरान ट्रेनों का संचालन बंद हो गया था. उस समय हमने दूसरे काम कर किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण किया, लेकिन एक बार फिर से कोरोना की दूसरी लहर ने उन्हें वहीं लाकर छोड़ दिया है. कोरोना को देखते हुए कम यात्री आ रहे हैं. इसे देखते हुए वह दो शिफ्ट में काम कर रहे हैं, लेकिन उनके पास काम के नाम पर कुछ भी नहीं है. कई बार तो वे दूरदराज से यहां आकर अपने जेब के पैसे खर्च करके वापस चले जाते हैं.

काम नहीं होने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे कुली

अधिकांश कुली रेलवे स्टेशन के बाहर बैठे यात्रियों का इंतजार करते नजर आते हैं. कुछ समय पहले रेलवे ने कुलियों को गैंगमैन बनने का ऑफर दिया था कुछ कुलियों ने उसे स्वीकार भी कर लिया था, लेकिन जो बाद में भर्ती हुए थे अब दोबारा उसी योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि एक निश्चित राशि वह महीने के अंत में अपने घर तो ले जा सकें. कुलियों का कहना है कि अब वो कोई दूसरा काम देखेंगे,

ग्वालियर। शहर में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसके कारण कोरोना कर्फ्यू लागू है. वहीं, इन दिनों रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुली काम नहीं मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें फिर से 2020 याद आने लगा है.

'2020 फिर से याद आ रहा है'
कुली राय सिंह पाल ने बताया कि पिछले साल लगे लॉकडाउन के दौरान ट्रेनों का संचालन बंद हो गया था. उस समय हमने दूसरे काम कर किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण किया, लेकिन एक बार फिर से कोरोना की दूसरी लहर ने उन्हें वहीं लाकर छोड़ दिया है. कोरोना को देखते हुए कम यात्री आ रहे हैं. इसे देखते हुए वह दो शिफ्ट में काम कर रहे हैं, लेकिन उनके पास काम के नाम पर कुछ भी नहीं है. कई बार तो वे दूरदराज से यहां आकर अपने जेब के पैसे खर्च करके वापस चले जाते हैं.

काम नहीं होने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे कुली

अधिकांश कुली रेलवे स्टेशन के बाहर बैठे यात्रियों का इंतजार करते नजर आते हैं. कुछ समय पहले रेलवे ने कुलियों को गैंगमैन बनने का ऑफर दिया था कुछ कुलियों ने उसे स्वीकार भी कर लिया था, लेकिन जो बाद में भर्ती हुए थे अब दोबारा उसी योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि एक निश्चित राशि वह महीने के अंत में अपने घर तो ले जा सकें. कुलियों का कहना है कि अब वो कोई दूसरा काम देखेंगे,

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