ग्वालियर। जिला उपभोक्ता फोरम ने रेलवे पर पेनाल्टी लगाते हुए कानूनी कार्रवाई में आए खर्च को फरियादी को देने का आदेश दिया है. बता दें ऑनलाइन टिकट बुक कराने और उसे यात्रा के एक दिन पहले कैंसिल कराने के बावजूद रेलवे ने रिफंड नहीं किया था.
दरअसल, गौरव अग्रवाल ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच में 27 अप्रैल 2017 को ऑनलाइन टिकट की बुकिंग कराई थी. लेकिन उसका जाना अचानक कैंसिल हो गया. जिसके बाद गौरव ने ऑनलाइन ही 26 अप्रैल 2017 को तीनों टिकट कैंसिल करा लिए थे, जो आईआरसीटीसी से ऑनलाइन बुक किए थे.
रेलवे ने गौरव अग्रवाल को उसका रिफंड कुल चार हजार 305 रुपये वापस नहीं किए. इसके लिए गौरव ने एक महीने बाद 22 मई 2017 को आईआरसीटीसी अकाउंट पर मेल किया और रिफंड की मांग की. लेकिन रेलवे द्वारा गोलमोल जवाब देकर टरकाता रहा. खास बात यह है कि गौरव अग्रवाल ने कोटक पेमेंट गेटवे द्वारा अपने टिकट ऑनलाइन बुक कराए थे. इसलिए रेलवे ने कंजूमर कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आवेदक प्रथम यात्री नहीं है. वह किसी का साथी है, ऐसे में जो टिकट बुकिंग कोटक पेमेंट गेटवे के माध्यम से बुक हुआ था. उन्हें रिफंड दे दिया गया है.
लेकिन कंजूमर कोर्ट ने रेलवे के इस तर्क को नहीं माना और नोटिस तामील करने के आदेश दिए. इसकी भनक रेलवे को लग गई और 1 दिन पहले यानी 26 सितंबर 2018 को गौरव अग्रवाल के खाते में रिफंड वापस आ गया. रेलवे के इस कृत्य को सेवा में त्रुटि मानते हुए उपभोक्ता फोरम ने पैंतीस सौ रुपए एक महीने के भीतर उपभोक्ता को अदा करने के निर्देश रेलवे को दिए हैं.