ग्वालियर। कोरोना संक्रमण शहर के साथ-साथ अब गांव में भी तेजी से अपने पैर पसार रहा हैं. यही कारण है कि डबरा तहसील संक्रमण हॉटस्पॉट बन गया हैं. यहां पर 55 से अधिक ऐसे गांव हैं, जो कोरोना की चपेट में आ गए हैं. हर गांव में लोग सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार से पीड़ित हैं, जबकि कई लोगों की जान भी जा चुकी हैं. इसी को लेकर डबरा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक सुरेश राज ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं विधायक ने जिला प्रशासन से मुलाकात कर कहा कि डबरा तहसील में संक्रमण को रोकने के लिए विशेष इंतजाम किए जाए.
विधायक सुरेश राजे का कहना है कि उपचुनाव के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डबरा विधानसभा में 100 बिस्तर के अस्पताल का शिलान्यास किया था, लेकिन अभी तक काम शुरू भी नहीं किया गया. वहीं पुराने अस्पताल की बिल्डिंग भी तोड़ दी गई, पर हालात यह हो चुके है कि बिल्डिंग का मटेरियल तक नहीं उठा हैं. साथ ही उनका कहना है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नेतृत्व में 50 लाख रुपए आईसीयू वार्ड के लिए दिए गए थे, लेकिन उनका कोई अता-पता नहीं हैं. आलम यह है कि 500 से अधिक गांव ऐसे हैं, जो स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं.
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नहीं है कोई स्वास्थ्य सुविधाएं
विधायक सुरेश राजे ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह हर शनिवार और रविवार को यहां पर आते हैं. कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते हैं. खुद भी पहले स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं, लेकिन डबरा तहसील में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से कमजोर हैं. हालात यह हो चुके है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को आसपास के जिलों में भटकना पड़ रहा हैं. न तो यहां पर टेस्टिंग की जा रही है और न ही गंभीर मरीजों के लिए कोई व्यवस्था हैं. इसलिए सरकार से गुजारिश है कि डबरा तहसील में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करें.
उपार्जन केंद्र में नहीं हो रही किसानों की फसल खरीदी
विधायक सुरेश राजे का कहना है कि डबरा तहसील के आसपास के विधानसभा में उपार्जन केंद्रों पर किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही हैं. 15 दिनों से किसानों को इंतजार करना पड़ रहा हैं. उन्हें बारदाने के नाम पर लटकाया जा रहा हैं. इस क्षेत्र के सभी किसान बेहद परेशान है, लेकिन कोई भी सुनने वाला नहीं हैं.