ग्वालियर। जिले के जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन पर टेंडर प्रक्रिया को लेकर कई आरोप लगे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगा है कि उसने 5 करोड़ रुपए की कंप्यूटर खरीदी के लिए एक चहेती फर्म को लाभ पहुंचाने की कोशिश की है.
- खरीद प्रकिया में जल्दबाजी
दरअसल, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कंप्यूटर खरीदी के लिए निविदाकारों को सिर्फ 6 दिन का समय दिया गया, जबकि इस प्रकिया में 10-15 दिन का समय लग जाता है. वहीं, इस कंप्यूटर खरीदी के टेंडर के लिए वहां सिर्फ 2 ही कंपनियां आ पाई हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी निविदा में पहली बार सिर्फ इंटेल का प्रोसेसर मांगा गया है, हालांकि इसमें डेल और एचपी के भी नाम दिए गए हैं लेकिन कंप्यूटर बनाने वाली एचपी कंपनी को इससे बाहर कर दिया गया है.
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- ऑनलाइन परीक्षा के लिए खरीदे गए कंप्यूटर
विश्वविद्यालय प्रशासन यह कंप्यूटर इसलिए खरीद रही है क्योंकि उसे विश्वविद्यालय में ऑनलाइन परीक्षा के लिए एक बड़ा कंप्यूटर सेंटर बनाना है, जिससे कि छात्र-छात्राएं कंप्यूटर पर बैठकर परीक्षा दे सकें. कंप्यूटर खरीद में अनियमितता की शिकायत दूसरे कंपनियों ने राजभवन से की हैं. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निविदा 10 अप्रैल को प्रकाशित की थी और इसकी अंतिम तिथि 16 अप्रैल निर्धारित की गई है. ऐसे में सिर्फ कुछ ही कंप्यूटर डिस्ट्रीब्यूटर जो पहले से इन भारी भरकम शर्तों को पूरा करते हैं, वही इसमें हिस्सा ले सकते हैं.