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कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान खुद को लगाई थी आग, इलाज के दौरान मौत - Congress councilor Ashish Khan

ग्वालियर में कलेक्टर की जनसुनवाई में आत्मदाह का प्रयास करने वाले अनिल बरार की इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक के परिजन पार्षद और प्रशासनिक अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

अनिल बरार की इलाज के दौरान हुई मौत
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Published : Nov 24, 2019, 10:23 PM IST

ग्वालियर। जिले में कलेक्टर की जनसुनवाई में आत्मदाह का प्रयास करने वाले अनिल बरार का इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक के परिजन क्षेत्रीय पार्षद और प्रशासनिक अधिकारियों पर लापरवाही करने का आरोप लगा रहे हैं.

अनिल बरार की इलाज के दौरान हुई मौत

जनसुनवाई के दौरान लगाई थी आग
19 नवम्बर को ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में भितरवार निवासी अनिल बरार ने आत्मदाह करने का प्रयास किया था. इस घटना में गंभीर रूप से झुलसने पर अनिल को पुलिस ने इलाज के लिए जयारोग्य अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया था. आज इलाज के दौरान अनिल ने दम तोड़ दिया. पुलिस एवं प्रशासन की मौजूदगी में मृतक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.

आत्मदाह के पीछे की कहानी ये है
रामसेवक का आरोप है कि कुछ दिनों पहले अनिल ने एक मढ़ैया बनाई थी, जिसे भितरवार में वार्ड नंबर-6 से कांग्रेस पार्षद आशीष खान ने तुड़वा दिया थी. आगे उन्होंने कहा कि अनिल ने अपनी जमीन पर मढ़ैया बनाई औऱ साल 1998 में उन्हें जमीन का पट्टा दिया गया था. जिसमें जमीन का कुछ हिस्सा ही शामिल था, इसकी उसने अधिकारियों से भी शिकायत की थी. लेकिन सुनवाई नहीं होने से अनिल निराश था, इसी के चलते 19 नवंबर को कलेक्टर की जन सुनवाई में अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर पहुचा था और उसने खुद को आग लगा ली.

ग्वालियर। जिले में कलेक्टर की जनसुनवाई में आत्मदाह का प्रयास करने वाले अनिल बरार का इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक के परिजन क्षेत्रीय पार्षद और प्रशासनिक अधिकारियों पर लापरवाही करने का आरोप लगा रहे हैं.

अनिल बरार की इलाज के दौरान हुई मौत

जनसुनवाई के दौरान लगाई थी आग
19 नवम्बर को ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में भितरवार निवासी अनिल बरार ने आत्मदाह करने का प्रयास किया था. इस घटना में गंभीर रूप से झुलसने पर अनिल को पुलिस ने इलाज के लिए जयारोग्य अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया था. आज इलाज के दौरान अनिल ने दम तोड़ दिया. पुलिस एवं प्रशासन की मौजूदगी में मृतक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.

आत्मदाह के पीछे की कहानी ये है
रामसेवक का आरोप है कि कुछ दिनों पहले अनिल ने एक मढ़ैया बनाई थी, जिसे भितरवार में वार्ड नंबर-6 से कांग्रेस पार्षद आशीष खान ने तुड़वा दिया थी. आगे उन्होंने कहा कि अनिल ने अपनी जमीन पर मढ़ैया बनाई औऱ साल 1998 में उन्हें जमीन का पट्टा दिया गया था. जिसमें जमीन का कुछ हिस्सा ही शामिल था, इसकी उसने अधिकारियों से भी शिकायत की थी. लेकिन सुनवाई नहीं होने से अनिल निराश था, इसी के चलते 19 नवंबर को कलेक्टर की जन सुनवाई में अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर पहुचा था और उसने खुद को आग लगा ली.

Intro:एंकर--ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में आत्मदाह का प्रयास करने वाले अनिल बरार की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक के परिजन क्षैत्रीय पार्षद और प्रशासनिक अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही मृतक का भाई खुद को सिंधिया समर्थक बता रहा है। जबकि प्रशासन अनिल बरार को अतिक्रमणकारी बता रहा है। Body:वीओ-1आपको बता दें कि 19 नवम्बर को ग्वालियर कलेक्टर की जन सुनवाई में भितरवार निवासी अनिल बरार ने आत्मदाह करने का प्रयास किया था। इस घटना में गंभीर रूप से झुलसने पर अनिल को पुलिस ने इलाज के लिए जयारोग्य अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया था। आज इलाज के दौरान अनिल ने दम तोड़ दिया। पुलिस एवं प्रशासन की मौजूदगी में मृतक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। अनिल की मौत की सूचना मिलते ही एडीएम किशोर कान्याल और अधीनस्त अमला मौके पर पहुच गया। मृतक अनिल के बड़े भाई रामसेवक बरार ने बताया कि उसका भाई पेशे से मजदूर था और वॉल पुट्टी भरने का काम करता था। रामसेवक का आरोप है कि कुछ दिनों पहले अनिल ने एक मढ़ैया बनाई थी जिसे भितरवार में वार्ड नम्बर 6 से कांग्रेस पार्षद आशीष खान ने तुड़वा दिया था। आगे उन्होंने कहा कि अनिल ने अपनी जमीन पर मढ़ैया बनाई है। वर्ष 1998 में उन्हें जमीन का पटटा दिया गया था, जिसमें जमीन का कुछ हिस्सा ही शामिल था। इसकी उसने अधिकारियों से भी शिकायत की थी, लेकिन सुनवाई नहीं होने से अनिल निराश था। इसी के चलते 19 नवम्बर को कलेक्टर की जन सुनवाई में अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर पहुचा था। जहां उसने खुद को आग लगा ली। Conclusion:वीओ-2 वही रामसेवक का दावा है उनका पूरा परिवार कांग्रेसी है। वे स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के समय से कांग्रेस से जुड़े हैं। वहीं भितरवार एसडीएम के के गौड़ के मुताबिक अनिल अतिक्रमणकारी था, सरकारी जमीन पर कब्जा किये जाने के कई मामले हैं जिनमें पूरा परिवार लिप्त है। एसडीएम की जांच में ये बात सामने आई है। फिलहाल अनिल के शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया है और परिजनों के साथ शव को भितरवार भेज दिया गया है, जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बाइट-1 रामसेवक बरार (मृतक अनिल बरार का बड़ा भाई)

बाइट-2 रामनरेश यादव (थाना प्रभारी विश्वविद्यालय ग्वालियर)

बाइट-3 केके गौर (एसडीएम ग्वालियर)
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