ग्वालियर। जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 की लड़ाई में तैनात डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को वापस भेजना शुरु कर दिया है. मोतीमहल में बने आपदा नियंत्रण कक्ष और क्वारंटाइन सेंटरों पर ड्यूटी कर रहे 48 डॉक्टर ओर पैरामेडिकल स्टाफ को हटाकर उनके मूल पदस्थापना स्थल पर काम करने के आदेश दिए गए हैं. वहीं जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके वर्मा ने पद छोड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है.
बताया जा रहा है कि, राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों की दखलंदाजी बढ़ने से सीएमएचओ काफी परेशान हैं. जिसके चलते उन्होंने पद छोड़ने की बात कही है. अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि, सीएमएचओ पर फार्मासिस्ट से लेकर डॉक्टरों को मनमाफिक स्थानों पर पदस्थ करने का दबाव बनाया जा रहा है. इससे तंग आकर डॉ. वर्मा ने पद छोड़ने का मन बनाया है. हालांकि डॉ. एसके वर्मा कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.
वहीं एडिशनल कलेक्टर का कहना है कि, जो डॉक्टर हटाए गए हैं. उन्हें इंसीडेंट कमांडर के सहयोग के लिए सीएचसी और पीएचसी सेंटर से लिया गया था. अब उनके काम शुरु हो गए हैं, इस लिए उन्हें वापस उनकी क्लीनिक में भेजा जा रहा है. जिससे वे क्लीनिक में अपना काम संचालित कर सकें. इंसीडेंट कमांडर को किसी प्रकार की कमी न हो, इसके लिए इंटर्न डॉक्टरों की टीम बनाकर दिया गया है. जिससे किसी प्रकार की कोई समस्या न हो. कलेक्टर स्वयं इंसीडेंट कमांडर की मीटिंग लेते हैं, यदि ऐसा कोई मसला आता है, तो कार्रवाई की जाएगी.