ग्वालियर। ग्वालियर किले पर स्थित सिखों के 6वें गुरु दाता बंदी छोड़ के 400 वर्ष पूरे हो चुके हैं, इस अवसर पर शताब्दी दिवस मनाया जा रहा है, इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी है. यह कार्यक्रम 4 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक चलेगा. बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) भी शामिल हो सकते हैं. इस शताब्दी वर्ष में देश के हर कोने से हजारों की संख्या में सिख धर्म के लोग पहुंचेंगे.
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गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ का क्या है इतिहास
कहा जाता है कि सिखों के 6वें गुरु, गुरु हरगोविंद साहिब को ग्वालियर के किले में कैद किया गया था, जहां पहले से ही 52 हिन्दू राजा कैद में रखे गए थे. जब गुरु जी जेल में पहुंचे तो सभी राजाओं ने उनका सम्मान किया. गुरु हरगोविंद साहब की इस प्रसिद्धि से जहांगीर को झटका लगा और साईं मियां मीर की बात मानते हुए जहांगीर ने उन्हें छोड़ने का फैसला किया, लेकिन गुरु हरगोविंद साहब ने अकेले रिहा होने से मना कर दिया और अपने साथ 52 राजाओं की रिहाई की शर्त रखी, अंत में जहांगीर को गुरु जी की बात मानना पड़ी और कार्तिक की अमावस्या यानि दीपावली के दिन उन्हें 52 राजाओं सहित रिहा कर दिया. तभी से सिख धर्म के लोग कार्तिक अमावस्या को दाता बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाते हैं और इस वर्ष दाता बंदी छोड़ को 400 वर्ष पूरे हो चुके हैं.
कोविड गाइड लाइन का रखा जाएगा ध्यान
दाता बंदी छोड़ कार्यक्रम में पूरे देश भर से सिख समाज के लोग इकट्ठे होंगे, यही वजह है कि कोविड-19 गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए बारी-बारी से कीर्तन यात्राएं पहुंचनी शुरू हो गई हैं, ताकि भीड़ इकट्ठी न हो. आसपास के एरिया से सिख समाज के लोग कीर्तन यात्रा लेकर दाताबंदी छोड़ गुरुद्वारा पहुंच चुके हैं, ताकि मुख्य कार्यक्रम में एक साथ भीड़ इकट्ठे न हो.
तीन दिवसीय कार्यक्रम में रहेंगे ये कार्यक्रम
400 वर्ष पूरे होने पर गुरुद्वारा पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजन होगा, यह कार्यक्रम 4 अक्टूबर से लेकर 6 अक्टूबर तक चलेगा. गुरुद्वारा प्रवक्ता सुखविंदर सिंह के अनुसार इस कार्यक्रम में सभी धर्म के धर्मगुरु उपस्थित होंगे और संदेश देंगे. साथ ही व्याख्यान होंगे और गुरुद्वारे पर जो सेवा भाव से सेवा करता है, उनका सम्मान किया जाएगा.