ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने छतरपुर में पदस्थ एक डॉक्टर के अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है. डॉक्टर पर पीएमटी फर्जीवाड़ा में एक छात्र के एडमिशन को लेकर बिचौलिये की भूमिका निभाने का आरोप है. हाईकोर्ट ने डॉक्टर के उस तर्क को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने खुद को कोरोना वारियर बताया था.
दरअसल, छतरपुर में डॉक्टर दीपक कुमार अहिरवार पदस्थ हैं. उनके खिलाफ ग्वालियर के झांसी रोड थाने में परीक्षा अधिनियम कूट रचित दस्तावेज धोखाधड़ी सहित विभिन्न मामलों में केस दर्ज है. अपने सहयोगी राजकुमार राणा के लिए उन्होनें सॉल्वर का इंतजाम किया था और बिचौलिये की भूमिका निभाई थी. सीबीआई ने इसी साल 20 जनवरी को उसके खिलाफ अभियोग पत्र ट्रायल कोर्ट में पेश किया था.
डॉक्टर दीपक कुमार ने सेशन कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दिया था, जिसे खारिज कर दिया गया. बाद में दीपक ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दी, अग्रिम जमानत दिए जाने की मांग की उसका यह तर्क था कि वह कोरोना काल में वारियर के रूप में काम कर रहे हैं और इन दिनों छतरपुर अस्पताल में पदस्थ हैं.
डॉक्टर ने वकील के माध्यम से जमानती आवेदन हाईकोर्ट में लगाया था, लेकिन सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि दीपक कुमार के खिलाफ सीबीआई के पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. अब कोर्ट ने डॉक्टर की जमानत का आवेदन खारिज कर दिया है. इससे पहले उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट निकला हुआ था, अब उसकी गिरफ्तारी का रास्ता लगभग साफ हो गया है.