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ग्वालियर की चाहत वाजपेई ने UPSC में हासिल किया 59वां स्थान, भाई को दिया अपनी सफलता का श्रेय

ग्वालियर की चाहत वाजपेई ने यूपीपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक में 59वां स्थान हासिल किया है. उन्होनें अपनी सफलता का श्रेय भाई और माता-पिता को दिया है. उनका कहना है कि अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूर है कि आप अपनी पूरी इच्छाशक्ति से मेहनत करें, तभी अपनी मंजिल पा सकते है.

भाई को दिया सफलता का श्रेय
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Published : Apr 6, 2019, 7:24 PM IST

ग्वालियर। यूपीपीएससी परीक्षा के नतीजे घोषित हो गए है. ग्वालियर की चाहत वाजपेई ने ऑल इंडिया रैंक में 59वां स्थान हासिल किया है. चाहत वाजपेई का कहना है कि बचपन से ही वह IAS बनना चाहती थीं. ताकि वे अधिकारी बनकर समाज को शिक्षित बनाए और उनका जीवन स्तर सुधार सकें. नतीजे घोषित होने के बाद से ही चाहत वाजपेई के परिजनों में खुशी की लहर है.

चाहत बाजपेई का कहना है कि उनका सिलेक्शन तीसरी कोशिश में हुआ है. उनके बड़े भाई रजत दिल्ली में आरबीआई में पदस्थ है. अपने भाई के पास रहकर ही चाहत ने कानपुर आईआईटी से 2016 में बीटेक किया. उसके बाद आईएएस की तैयारी शुरू की. 2 कोशिशों में उनका किसी कारण सिलेक्शन नहीं हो सका. लेकिन उन्होनें हार नहीं मानी. इसलिए इस बार भी उन्होंने सोच रखा था कि सिलेक्शन नहीं होगा तो वे चौथी बार आईएएस को अटेम्ट करेंगी. चाहत के पिता मुरैना में पीएचई विभाग में पदस्थ है. जबकि उनकी मां ग्रहणी है.

चाहत वाजपेई ने हासिल किया 59वां स्थामन

चाहत का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किए जाने की संभावना है. अधिकांश गरीब तबके के लोग शिक्षित नहीं है. महिलाओं की भी संख्या इन में काफी ज्यादा है. सभी लोग शिक्षित हो उनका जीवन स्तर सुधर इसके लिए वह कोशिश करेंगी. चाहत मानती है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है जरूरत है पूरी इच्छशक्ति से अपने गोल को पाने की कोशिश करना.

ग्वालियर। यूपीपीएससी परीक्षा के नतीजे घोषित हो गए है. ग्वालियर की चाहत वाजपेई ने ऑल इंडिया रैंक में 59वां स्थान हासिल किया है. चाहत वाजपेई का कहना है कि बचपन से ही वह IAS बनना चाहती थीं. ताकि वे अधिकारी बनकर समाज को शिक्षित बनाए और उनका जीवन स्तर सुधार सकें. नतीजे घोषित होने के बाद से ही चाहत वाजपेई के परिजनों में खुशी की लहर है.

चाहत बाजपेई का कहना है कि उनका सिलेक्शन तीसरी कोशिश में हुआ है. उनके बड़े भाई रजत दिल्ली में आरबीआई में पदस्थ है. अपने भाई के पास रहकर ही चाहत ने कानपुर आईआईटी से 2016 में बीटेक किया. उसके बाद आईएएस की तैयारी शुरू की. 2 कोशिशों में उनका किसी कारण सिलेक्शन नहीं हो सका. लेकिन उन्होनें हार नहीं मानी. इसलिए इस बार भी उन्होंने सोच रखा था कि सिलेक्शन नहीं होगा तो वे चौथी बार आईएएस को अटेम्ट करेंगी. चाहत के पिता मुरैना में पीएचई विभाग में पदस्थ है. जबकि उनकी मां ग्रहणी है.

चाहत वाजपेई ने हासिल किया 59वां स्थामन

चाहत का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किए जाने की संभावना है. अधिकांश गरीब तबके के लोग शिक्षित नहीं है. महिलाओं की भी संख्या इन में काफी ज्यादा है. सभी लोग शिक्षित हो उनका जीवन स्तर सुधर इसके लिए वह कोशिश करेंगी. चाहत मानती है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है जरूरत है पूरी इच्छशक्ति से अपने गोल को पाने की कोशिश करना.

Intro:ग्वालियर
शहर की एक इंजीनियर युवती चाहत वाजपेई का आईएएस में सिलेक्शन हुआ है उनकी ऑल इंडिया रैंक 59 है अपने माता पिता की दूसरी संतान चाहत की बचपन से ही आईएएस बनने की इच्छा थी ताकि वे अधिकारी बनकर समाज को शिक्षित बनाए और उनका जीवन स्तर सुधार सकें ।


Body:चाहत बाजपेई का आईएएस में सिलेक्शन तीसरी कोशिश में हुआ है उनके बड़े भाई रजत दिल्ली में आरबीआई में पदस्थ है। रजत के पास रहकर ही चाहत ने कानपुर आईआईटी से 2016 में बीटेक करने के बाद आईएएस की तैयारी की शुरू की। 2 कोशिशों में उनका किसी कारण सिलेक्शन नहीं हो सका लेकिन वे मजबूत इच्छाशक्ति वाली लड़की थी इसलिए इस बार भी उन्होंने सोच रखा था कि सिलेक्शन नहीं होगा तो वे चौथी बार आईएएस को अटेम्ट करेंगी। चाहत के पिता मुरैना में पीएचई विभाग में पदस्थ है जबकि उनकी मां ग्रहणी है ।चाहत की शुरू से ही आईएएस बनने की तमन्ना थी इसके लिए उन्होंने अपने चहेते सब्जेक्ट इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को चुना और आईएस में भी इसी सब्जेक्ट को लिया।


Conclusion:चाहत का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किए जाने की संभावना है। अधिकांश गरीब तबके के लोग शिक्षित नहीं है महिलाओं की भी संख्या इन में काफी ज्यादा है। सभी लोग शिक्षित हो उनका जीवन स्तर सुधर इसके वह कोशिश करेंगी। उनसे 14 अप्रैल को दिल्ली में हुए इंटरव्यू के दौरान भी यह पूछा गया था कि इंजीनियरिंग करने के बाद सिविल सेवा में आने का मकसद क्या है तो उन्होंने बड़ी सफाई से बताया था कि सिविल सेवा उनका बचपन का सपना है जिसे वे एक टैक्टिकल विषय को आधार बनाकर उन्होंने इस सपने को पूरा करने की कोशिश की है। चाहत मानती है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है जरूरत है पूरी तन्मयता से अपने गोल को कैसे हासिल किया जा सकता है इस की दिशा में कोशिश होनी चाहिए ।खास बात यह है कि चाहत में आईएएस जैसे कठिन परीक्षा को पास करने के लिए कोई भी नियमित कोचिंग क्लास अटेंड नहीं की थी उन्होंने ज्यादातर घर पर ही तैयारी की ।
बाइट चाहत वाजपेई ...आईएएस सिलेक्टी बाइट एचपी वाजपेई... पिता
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