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PMT स्कैम: CBI ने पेश किया पूरक चालान, 28 जनवरी को होगी अगली सुनवाई - supplementary invoice in PMT scam case

पीएमटी स्कैम को लेकर सीबीआई ने विशेष कोर्ट में पूरक चालान पेश कर दिया है. अब मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी, जिसमें हाईकोर्ट ने निर्देश के अनुसार 5-5 आरोपियों को तलब किया जाएगा.

CBI presents supplementary invoice in PMT scam case
PMT स्कैम में चालान
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Published : Jan 7, 2021, 8:05 PM IST

ग्वालियर। सीबीआई ने बहुचर्चित पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में गुरुवार को पूरक चालान पेश कर दिया. इस मामले में तीन पुराने और 57 नए अभियुक्त बनाए गए हैं. स्कैंडल में भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ अजय गोयनका, उनके कॉलेज के स्टाफ छात्र-छात्राओं के साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है. अब इस मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट 28 जनवरी को सुनवाई करेगी.

PMT स्कैम में पेश हुआ चालान

ग्वालियर के झांसी रोड थाने में 2015 में जयप्रकाश परमानंद वाधवा और सर्वेंद्र सिंह सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज बनाने, परीक्षा अधिनियम और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किए गए थे. तीन आरोपियों के खिलाफ पहले ही चालान पेश कर दिया गया था. गुरुवार को 57 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई कोर्ट में चालान पेश किया गया है.

मामला 2011 के पीएमटी फर्जीवाड़े से जुड़ा है, इस मामले में 2014 में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसकी जांच एसआईटी से बाद में सीबीआई ने अपने हाथ में ली थी

इस तरह से होता था घोटाला

सीबीआई ने करीब 4000 पेज के अभियोग पत्र में बताया है कि आरोपियों ने किस तरह से सरकारी कोटे की सीटों का अपने हित के लिए उपयोग किया है. इसमें मेडिकल कॉलेज के ही कुछ छात्र परीक्षार्थी बनकर पीएमटी में अपना सेलेक्शन कराते थे. बाद में वे चिकित्सा शिक्षा विभाग और निजी मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी सीट को खाली कर देते थे, जिसके बाद कालेज प्रबंधन अंतिम दिन सभी सीटें फुल दिखाकर खाली सीटों पर एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले छात्रों से लाखों रुपए का डोनेशन लेता था.

चिरायु मेडिकल कॉलेज प्रबंधक सहित अन्य आरोपी

अपने अभियोग पत्र में सीबीआई ने यह भी बताया है कि चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल में ही करीब 3 दर्जन से ज्यादा छात्र छात्राओं ने इसी तरह से एमबीबीएस में प्रवेश लिया था. इसमें चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक अजय गोयनका उनके प्रबंधन, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल है.

पेशी को लेकर आरोपी की याचिका

एक आरोपी रवि सक्सेना ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बुधवार को आपत्ति जताई थी कि कोरोना संक्रमण के कारण एक साथ इतने आरोपियों को कोर्ट में पेश होने से इंफेक्शन का खतरा रहेगा. इस पर हाईकोर्ट ने कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए 5-5 की संख्या में ही आरोपियों को नए सिरे से नोटिस देकर कोर्ट में पेश होने के निर्देश जारी किए थे. बुजुर्गों के लिए कोर्ट ने कहा है कि बेहद जरूरी होने की स्थिति में ही उन्हें कोर्ट में पेश किया जाए.

आरोपियों में 70 साल के बुजुर्ग से लेकर 22 साल के युवा भी शामिल हैं

सीबीआई द्वारा कोर्ट में पूरक चालान पेश किए जाने की सूचना आरोपियों को भी दी गई थी, जो इस स्कैम में शामिल थे. आधा दर्जन आरोपी कोर्ट में आए भी लेकिन वह पेश नहीं हो सके. अब इस मामले की 28 जनवरी को सुनवाई होगी और नए सिरे से आरोपियों को नोटिस भेजकर पांच-पांच की संख्या में तलब किया जाएगा.

आरटीआई एक्टिविस्ट ने कोर्ट में पेश किया बंद लिफाफा

इस बीच आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने सीबीआई की विशेष कोर्ट में एक बंद लिफाफे में अपनी आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने चार्जशीट की कॉपी देने व कुछ अन्य मेडिकल कॉलेजों में इसी तरह के घोटाले होने का अंदेशा जताया है और उनकी जांच की मांग की है.

ग्वालियर। सीबीआई ने बहुचर्चित पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में गुरुवार को पूरक चालान पेश कर दिया. इस मामले में तीन पुराने और 57 नए अभियुक्त बनाए गए हैं. स्कैंडल में भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ अजय गोयनका, उनके कॉलेज के स्टाफ छात्र-छात्राओं के साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है. अब इस मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट 28 जनवरी को सुनवाई करेगी.

PMT स्कैम में पेश हुआ चालान

ग्वालियर के झांसी रोड थाने में 2015 में जयप्रकाश परमानंद वाधवा और सर्वेंद्र सिंह सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज बनाने, परीक्षा अधिनियम और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किए गए थे. तीन आरोपियों के खिलाफ पहले ही चालान पेश कर दिया गया था. गुरुवार को 57 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई कोर्ट में चालान पेश किया गया है.

मामला 2011 के पीएमटी फर्जीवाड़े से जुड़ा है, इस मामले में 2014 में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसकी जांच एसआईटी से बाद में सीबीआई ने अपने हाथ में ली थी

इस तरह से होता था घोटाला

सीबीआई ने करीब 4000 पेज के अभियोग पत्र में बताया है कि आरोपियों ने किस तरह से सरकारी कोटे की सीटों का अपने हित के लिए उपयोग किया है. इसमें मेडिकल कॉलेज के ही कुछ छात्र परीक्षार्थी बनकर पीएमटी में अपना सेलेक्शन कराते थे. बाद में वे चिकित्सा शिक्षा विभाग और निजी मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी सीट को खाली कर देते थे, जिसके बाद कालेज प्रबंधन अंतिम दिन सभी सीटें फुल दिखाकर खाली सीटों पर एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले छात्रों से लाखों रुपए का डोनेशन लेता था.

चिरायु मेडिकल कॉलेज प्रबंधक सहित अन्य आरोपी

अपने अभियोग पत्र में सीबीआई ने यह भी बताया है कि चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल में ही करीब 3 दर्जन से ज्यादा छात्र छात्राओं ने इसी तरह से एमबीबीएस में प्रवेश लिया था. इसमें चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक अजय गोयनका उनके प्रबंधन, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल है.

पेशी को लेकर आरोपी की याचिका

एक आरोपी रवि सक्सेना ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बुधवार को आपत्ति जताई थी कि कोरोना संक्रमण के कारण एक साथ इतने आरोपियों को कोर्ट में पेश होने से इंफेक्शन का खतरा रहेगा. इस पर हाईकोर्ट ने कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए 5-5 की संख्या में ही आरोपियों को नए सिरे से नोटिस देकर कोर्ट में पेश होने के निर्देश जारी किए थे. बुजुर्गों के लिए कोर्ट ने कहा है कि बेहद जरूरी होने की स्थिति में ही उन्हें कोर्ट में पेश किया जाए.

आरोपियों में 70 साल के बुजुर्ग से लेकर 22 साल के युवा भी शामिल हैं

सीबीआई द्वारा कोर्ट में पूरक चालान पेश किए जाने की सूचना आरोपियों को भी दी गई थी, जो इस स्कैम में शामिल थे. आधा दर्जन आरोपी कोर्ट में आए भी लेकिन वह पेश नहीं हो सके. अब इस मामले की 28 जनवरी को सुनवाई होगी और नए सिरे से आरोपियों को नोटिस भेजकर पांच-पांच की संख्या में तलब किया जाएगा.

आरटीआई एक्टिविस्ट ने कोर्ट में पेश किया बंद लिफाफा

इस बीच आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने सीबीआई की विशेष कोर्ट में एक बंद लिफाफे में अपनी आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने चार्जशीट की कॉपी देने व कुछ अन्य मेडिकल कॉलेजों में इसी तरह के घोटाले होने का अंदेशा जताया है और उनकी जांच की मांग की है.

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