ग्वालियर। बहुचर्चित व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआई ने गुरुवार को चालान की कॉपी पेश की है. इस मामले में तीन पुराने और 57 नए आरोपी हैं, लेकिन सीबीआई की विशेष कोर्ट ने चालान स्वीकृत करने अथवा नहीं करने पर कोई फैसला फिलहाल नहीं किया गया है. इसके पीछे बुधवार को आया हाईकोर्ट का एक आदेश अड़चन बना है.
हाईकोर्ट के आदेश के आदेश के बाद अटका मामला
हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि कोविड संक्रमण के दौरान एक साथ लगभग पांच दर्जन मुलजिम को पेश करने से संक्रमण का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ सकता है. इसलिए 5-5 की संख्या में ही मुलजिम की पेशी की जाए. मामले में कुछ वरिष्ठ नागरिक भी आरोपी है, इसलिए उन्हें बेहद जरूरी होने की स्थिति में ही कोर्ट में पेश किया जाए.
कई लोग बनाए गए हैं आरोपी
बता दें इस मामले में भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ अजय गोयनका सहित उनके मैनेजमेंट के एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी आरोपी है. वही 27 छात्राएं भी इस मामले में आरोपी बनाई गई हैं, जिन्होंने गलत तरीके से एमबीबीएस की सीटों पर प्रवेश लिया था.
ऐसे होता था स्कैम
आरोपियों के वकील ने बताया कि सरकारी कोटे की सीटों को चिकित्सा शिक्षा विभाग निजी मेडिकल कॉलेज और पूर्व में प्रवेश ले चुके छात्रों की मदद से पहले सीटों को भरा जाता था. पहले प्रवेश ले चुका छात्र अपनी सीट खाली कर देता था, जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन मनमानी फीस वसूल कर छात्रों को एमबीबीएस में प्रवेश देते थे. इसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग और कॉलेज प्रबंधक की मिलीभगत से इस स्कैम को अंजाम दिया जाता था.
फिलहाल सीबीआई की विशेष कोर्ट एडीजे सुरेंद्र श्रीवास्तव की कोर्ट में चालान की कॉपी पेश कर दी गई है. अब कोर्ट को फैसला लेना है कि हाईकोर्ट के नए डायरेक्शन के परिप्रेक्ष्य में वह किस तरह से इस चालान पेशी की कार्रवाई को अंजाम देती है.