ग्वालियर। बहुचर्चित PMT फर्जीवाड़ा मामले में चिरायु मेडिकल कॉलेज से जुड़े 43 मामलों पर मंगलवार को अंतिम बहस हुई. कोर्ट ने कुछ मामलों में CBI के जवाब पेश नहीं करने पर 5 फरवरी को अगली सुनवाई की बात कही है. चिरायु मेडिकल कॉलेज के 57 आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ CBI ने विशेष कोर्ट में चालान पेश किया था. 25 जनवरी को CBI का जवाब नहीं आने पर कुछ मेडिकल छात्र रहे आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी गई थी, CBI ने अपना जवाब पेश करने के लिए हाईकोर्ट से कहा था.
इन मामलों में CBI ने जवाब पेश कर दिया है. कुछ नए मामले हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए पेश किए गए हैं, उन पर अंतिम बहस पूरी हो चुकी है. CBI ने एक बार फिर जमानत आवेदनों का विरोध करते हुए कहा है कि आरोपी विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिसका बचाव पक्ष के वकीलों ने विरोध किया. उनका कहना था कि हमारे मुवक्किल CBI को जांच में हर तरह का सहयोग प्रदान कर रहे हैं.
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नए मामलों में CBI ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा है. जिन पर अब 5 फरवरी को बहस होगी. CBI ने चिरायु मेडिकल कॉलेज से जुड़े जिन 57 लोगों को आरोपी बनाया है, उनमें ज्यादातर आरोपी वे लोग हैं जो चिरायु मेडिकल कॉलेज से MBBS कर चुके हैं. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज के संचालक अजय गोयनका सहित कई अधिकारी और डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन के कुछ कर्मचारी शामिल हैं. CBI की विशेष कोर्ट में कोविड-19 गाइडलाइन के परिपालन में पांच-पांच की संख्या में आरोपियों की पेशी हो रही है. बुधवार को भी पांच आरोपियों की मामले में पेशी है.
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इस तरह से होता था घोटाला
CBI ने करीब 4000 पेज के अभियोग पत्र में बताया है कि आरोपियों ने किस तरह से सरकारी कोटे की सीटों का अपने हित के लिए उपयोग किया है. इसमें मेडिकल कॉलेज के ही कुछ छात्र परीक्षार्थी बनकर PMT में अपना सेलेक्शन कराते थे. बाद में वे चिकित्सा शिक्षा विभाग और निजी मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी सीट को खाली कर देते थे, जिसके बाद कालेज प्रबंधन अंतिम दिन सभी सीटें फुल दिखाकर खाली सीटों पर MBBS में प्रवेश लेने वाले छात्रों से लाखों रुपए का डोनेशन लेता था.