ग्वालियर। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में टैक्स पेयर को काफी राहत दी है.आने वाले साल 2023-24 के लिए नए टैक्स सिस्टम में छूट की सीमा बढ़ाकर 7 लाख तक कर दी गई है. अब इसको लेकर आम लोगों के बीच असमंजस की स्थिति यह बनी हुई है. इस असमंजस की स्थिति को दूर करने के लिए ग्वालियर के जाने-माने वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट आशीष पारीख ने सरल शब्दों में बताया के इस आम बजट में आगे के चुनावों को देखते हुए जो उम्मीद की जा रही थी कि राहत मिलेगी, वैसा ही कुछ देखने को मिला. अब इसमें समझने वाली बात है कि सरकार का क्या मकसद है और वह क्या चाह रही है.
45 लाख करोड़ का बजटः इस संबंध में सीए पारीख ने बताया कि सरकार का जो 45 लाख करोड़ का बजट आया है, उसमें करीब 16 लाख करोड़ डेफिसिट चल रहा है. निश्चित रूप से सरकार के कहीं ना कहीं हाथ बंधे हुए हैं. फिर भी इसके बावजूद पर्सनल इनकम टैक्स के रूप में लोगों को छूट देने का प्रयास किया है. इस आम बजट में सरकार ने सात लाख तक की इनकम को पूरी तरह निल कर दिया है. इसको लेकर कुछ वर्ग असमंजस है और समझ नहीं पा रहा है. आइए अब समझते हैं सरकार के इस इनकम टैक्स के पिटारे में क्या है.
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स्लैब की अलग दर को लेकर गफलतः पारीख का कहना है कि इस बजट में बड़ी बात ये है कि सरकार ने एक नए टैक्स रिजीम की तरफ जाने की कोशिश की है. पुराने ढंग में जो छूट मिलती थी. वह अब नए रिजीम वालों को दी गई है. देखा भी गया था कि लोगों का रुझान पहले तमाम तरह की छूट वाले सिस्टम की तरफ ही था. अब पुरानी और नई स्कीम को बैलेंस करने का प्रयास किया गया है. जैसे साढ़े बावन हजार का स्टैडर्ड डिडक्शन नए में भी दिया है. इसी तरह नए रीजीम में 7 लाख रुपए तक की इनकम पूरी तरह से कर मुक्त हो गई. लेकिन बाकी स्लैब बरकरार रखने से गफलत पैदा हो रही है. जिनमें अलग-अलग स्लैब से अलग-अलग दर से आयकर वसूलने की बात कही गयी है.
ऐसे समझे आयकर की गणनाः
पारीख ने बताया कि अगर मेरी आय 2023-24 में 7 लाख है, तो नए टैक्स रीजीम में मुझे कोई आयकर नहीं देना, लेकिन अगर मेरी आय 8 लाख होती है तो टैक्स की गणना ऐसे होगी निम्न तरह से की जाएगी.
आमदनी | टैक्स दर | टैक्स |
0 से 3 लाख तक | 0% | -- |
3 से 6 तक | 5% | 15000 |
6 से 8 तक | 10 % | 20000 |
इस तरह समझने वाली बात है कि अगर 7 लाख आय है तो करमुक्त है, लेकिन 8 लाख हो जाती है तो 35000 टैक्स देना पड़ेगा.इसी तरह पुरानी रीजीम की ढाई लाख की लिमिट जहां थी तहां बनी हुई है.उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. बेसिक छूट लिमिट भी नए रीजीम में बढ़ाई गई है. जिसे ढाई लाख से बढ़ाकर 3 लाख किया है. इस तरह यह नए के साथ पुराने रीजीम को संतुलित करने का ही काम किया है.