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मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव, अब बायोफ्यूल और बैटरी से चलने वाली बसों का नहीं लेना पड़ेगा परमिट - not have to take permits

केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद अब बैटरी और बायोफ्यूल से चलने वाली बसों के लिए परिमिट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस पहल की शुरुआत दिल्ली से जयपुर के बीच एक एसी बस चलाकर किया जाएगा.

Biofuel and battery operated buses will not have to take permits
बायोफ्यूल और बैटरी से चलने वाली बसों का नहीं लेना पड़ेगा परमिट
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Published : Jan 27, 2020, 3:54 PM IST

ग्वालियर। केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट को मंजूरी दे दी है. इस फैसले के बाद अब बैटरी और बायोफ्यूल से चलने वाली बसों के लिए परिमिट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

बायोफ्यूल और बैटरी से चलने वाली बसों का नहीं लेना पड़ेगा परमिट

हाल में ही में केंद्रीय सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश शासन की तरफ से शामिल हुए आरटीओ एमपी सिंह ने बताया कि, इस पहल की शुरुआत के लिए प्रयोग के तौर पर दिल्ली से जयपुर के बीच एक एसी बस चलाई जाएगी. यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की बस सर्विस की शुरुआत होगी. बैटरी और बायोफ्यूल बसों को चलाने का सबसे बड़ा उद्देश्य ये है कि, देशभर में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोका जा सके.

उन्होंने बताया कि, प्रदेश के अंदर चलने वाली बसों का परमिट आरटीओ से तो मिल जाता था, लेकिन अंतर्राज्यीय परमिट के लिए बस ऑपरेटर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद अब बैटरी और बायोफ्यूल से चलने वाली बसों के संचालकों को परमिट की जरूरत नहीं पड़ेगी.

ग्वालियर। केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट को मंजूरी दे दी है. इस फैसले के बाद अब बैटरी और बायोफ्यूल से चलने वाली बसों के लिए परिमिट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

बायोफ्यूल और बैटरी से चलने वाली बसों का नहीं लेना पड़ेगा परमिट

हाल में ही में केंद्रीय सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश शासन की तरफ से शामिल हुए आरटीओ एमपी सिंह ने बताया कि, इस पहल की शुरुआत के लिए प्रयोग के तौर पर दिल्ली से जयपुर के बीच एक एसी बस चलाई जाएगी. यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की बस सर्विस की शुरुआत होगी. बैटरी और बायोफ्यूल बसों को चलाने का सबसे बड़ा उद्देश्य ये है कि, देशभर में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोका जा सके.

उन्होंने बताया कि, प्रदेश के अंदर चलने वाली बसों का परमिट आरटीओ से तो मिल जाता था, लेकिन अंतर्राज्यीय परमिट के लिए बस ऑपरेटर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद अब बैटरी और बायोफ्यूल से चलने वाली बसों के संचालकों को परमिट की जरूरत नहीं पड़ेगी.

Intro:ग्वालियर- बैटरी और बायोफ्यूल से चलने वाली बसों के लिए अंतर राज्यीय परिमिट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। अभी हाल में ही दिल्ली में केंद्रीय सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश शासन की तरफ से शामिल हुए आरटीओ एमपी सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने अब ऐसी नीति बनाई है जिसके तहत बैटरी और बायोफ्यूल से चलने वाली बस को अंतर राज्य परमिट लेने की जरूरत नहीं है। पहले इस पहल पर प्रयोग की शुरुआत ऐसी बस सबसे पहली दिल्ली से जयपुर के बीच चलाई जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की बस सर्विस की शुरुआत होगी। बैटरी और बायोफ्यूल बसों का बस चलाने का सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि देशभर में बढ़ते बायु प्रदूषण को रोका जा सके।


Body:परिवहन अधिकारी एमपी सिंह का कहना है कि अभी हाल में ही केंद्र ने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करके कहा है वह वाहन जो बैटरी और बायोफ्यूल से चलता है उसको परमिट लेने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही उनका कहना है। शहर के अंदर या बाहर चलने वाली वाहनों को परमिट अपनी ही जिले से आसानी से मिल जाता है लेकिन जो वाहन एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं उनको अंतर राज्य परमिट लेने में काफी परेशानी होती है। इसी के चलते पहले इस वर्ष की शुरुआत दिल्ली से जयपुर तक होगी और उसके बाद यह योजना सफल रही तो सभी राज्यों के लिए लागू कर दी जाएगी। बैटरी और वायोफ्यूल से चलने वाली बसों में सबसे ज्यादा फायदा यात्रियों को होगा। जो 25 से 30% किराया कम लगेगा। साथ ही बस संचालकों को भी बस का ख़र्चा भी कम आएगा।


Conclusion:बाईट - एम पी सिंह , परिवहन अधिकारी
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