ग्वालियर। कहावत हैं, जिसे मेहनत की रुखी सूखी रोटी खाना पसंद हो, उसे दूसरे की भरी हुई थाली पर नियत खराब करना गंवारा नहीं होता है. कुछ ऐसा ही साबित किया है ग्वालियर के ऑटो ड्राइवर राम सिंह बाथम ने. पेशे से ऑटो चालक राम सिंह ने महामारी के इस दौर में अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए ऑटो में छूटे आर्मी अफसर के सामान को वापस कर उनका दिल जीत लिया. आर्मी अफसर के बैग में 50 हजार रुपए, लैपटॉप और जरूरी सरकारी दस्तावेज रखे हुए थे, जो उनसे ऑटो से उतरते वक्त गलती से छूट गया था.
दरअसल, मुरैना के अंबाह में रहने वाले देवेश शर्मा आर्मी में लेफ्टिनेंट हैं. उनके परिवार में किसी बुजुर्ग की मौत होने पर उन्हें इमरजेंसी में बीती रात ग्वालियर आना पड़ा. ट्रेन से उतरने के बाद उन्होंने स्टेशन से गोला का मंदिर चौराहे के लिए ऑटो लिया. यहां वे अपने भाई के साथ उतर कर चले गए, लेकिन उनका एक बैग ऑटो में ही छूट गया. घर पहुंच कर उन्हें अपना बैग याद आया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. इस बीच उन्होंने गोला का मंदिर थाना और अन्य संपर्क से ऑटो चालक को ढूंढने की कोशिश की. उधर ऑटो चालक राम सिंह जब अपने घर पहुंचे, तो उन्होंने ऑटो में बैग रखा देखा. अपने बेटे विकास को उन्होंने पूरी बात बताई. बैग की तलाशी लेने पर उसमें 50 हजार रुपये, लैपटॉप, आर्मी के कागजात सहित अन्य सामान रखा मिला. इसी में आर्मी अफसर का मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ था. तत्काल राम सिंह ने आर्मी अफसर को फोन लगाया और कहा कि उनका बैग ऑटो में छूट गया है और वो इंदिरा नगर में रहते हैं, वहां आकर अपना बैग कलेक्ट कर सकते हैं.
राम सिंह बाथम का फोन आते ही लेफ्टिनेंट देवेश शर्मा ने राहत की सांस ली और उसे गोला का मंदिर थाने पर बुलाकर बैग लिया. पुलिस की मौजूदगी में राम सिंह बाथम ने फौजी अफसर का बैग उनके हवाले कर दिया. खुश होकर फौजी अफसर ने राम सिंह को पांच हजार इनाम स्वरूप दिए और भविष्य में भी मदद का भरोसा दिया है. फौजी अफसर का कहना है कि, अगर राम सिंह जैसी सोच हर व्यक्ति की हो, तो देश तरक्की कर सकता है. उन्होंने राम सिंह और पुलिस का शुक्रिया अदा किया है.