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घूसखोर क्लर्क को चार साल की कैद, 4000 रुपये जुर्माना भी लगा

ग्वालियर में भ्रष्टाचार के मामले में एक क्लर्क को भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने 4 साल के कारावास और 4000 रुपए का अर्थदंड से दंडित किया है.

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भ्रष्टाचार के मामले में भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने क्लर्क को सुनाई सजा
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Published : Dec 29, 2019, 11:36 AM IST

ग्वालियर। शहर के जाने-माने एवं उत्कृष्ट महाविद्यालय एमएलबी के एक क्लर्क को भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने 4 साल के कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही उस पर 4000 रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है. एक दलित छात्र से स्कॉलरशिप का फॉर्म अग्रेषित करने की एवज में क्लर्क ने ये रिश्वत ली थी.

भ्रष्टाचार के मामले में भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने क्लर्क को सुनाई सजा

पहले वर्ष के छात्र छोटेलाल मंडेलिया ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी स्कॉलरशिप का फॉर्म अग्रेषित करने की एवज में क्लर्क घनश्याम कुशवाहा ने ₹2000 रिश्वत मांग रहा है. लोकायुक्त आरक्षक की मौजूदगी में वॉइस रिकॉर्ड में ₹ 1000 लिए जाने पर फार्म अग्रेषित करने की बात क्लर्क ने मानी. इस आधार पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और पांच दिसंबर 2017 को उसे लोकायुक्त पुलिस ने कॉलेज में ही ट्रैप कर लिया गया.

आरोपी क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. सुनवाई के बाद विशेष कोर्ट ने क्लर्क को रिश्वत लेने का दोषी ठहराया और उसे 4 साल की सजा सुनाई. क्लर्क पर 4000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.

ग्वालियर। शहर के जाने-माने एवं उत्कृष्ट महाविद्यालय एमएलबी के एक क्लर्क को भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने 4 साल के कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही उस पर 4000 रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है. एक दलित छात्र से स्कॉलरशिप का फॉर्म अग्रेषित करने की एवज में क्लर्क ने ये रिश्वत ली थी.

भ्रष्टाचार के मामले में भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने क्लर्क को सुनाई सजा

पहले वर्ष के छात्र छोटेलाल मंडेलिया ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी स्कॉलरशिप का फॉर्म अग्रेषित करने की एवज में क्लर्क घनश्याम कुशवाहा ने ₹2000 रिश्वत मांग रहा है. लोकायुक्त आरक्षक की मौजूदगी में वॉइस रिकॉर्ड में ₹ 1000 लिए जाने पर फार्म अग्रेषित करने की बात क्लर्क ने मानी. इस आधार पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और पांच दिसंबर 2017 को उसे लोकायुक्त पुलिस ने कॉलेज में ही ट्रैप कर लिया गया.

आरोपी क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. सुनवाई के बाद विशेष कोर्ट ने क्लर्क को रिश्वत लेने का दोषी ठहराया और उसे 4 साल की सजा सुनाई. क्लर्क पर 4000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.

Intro:ग्वालियर
शहर के जाने-माने एवं उत्कृष्ट महाविद्यालय एमएलबी के एक लिपिक को भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने 4 साल के कारावास की सजा से दंडित किया है उस पर 4000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। एक दलित छात्र से स्कॉलरशिप का फॉर्म अग्रेषित करने के एवज में लिपिक ने यह रिश्वत ली थी।


Body:दरअसल प्रथम वर्ष के छात्र छोटेलाल मंडेलिया ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी स्कॉलरशिप का फॉर्म अग्रेषित करने की एवज में लिपिक घनश्याम कुशवाहा द्वारा ₹2000 की रिश्वत मांगी जा रही है मामला लोकायुक्त आरक्षक की मौजूदगी में वॉइस रिकॉर्डर में ₹1000 लिए जाने पर फार्म अग्रेषित करने की बात लिपिक ने मानी। इस आधार पर उसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई और पांच दिसंबर 2017 को उसे लोकायुक्त पुलिस द्वारा कॉलेज में ही ट्रैप कर लिया गया।


Conclusion:आरोपी लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था सुनवाई के बाद विशेष कोर्ट ने लिपिक को रिश्वत लेने का दोषी ठहराया और उसे 4 साल की सजा से दंडित किया। लिपिक पर 4000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है सजा सुनाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया।
बाइट अरविंद श्रीवास्तव... अधिवक्ता लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर
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