ग्वालियर। देश और मध्य प्रदेश की राजनीति की चर्चा सिंधिया राजघराने के बगैर पूरी नहीं हो सकती, क्योंकि इस राजघराने के सदस्यों ने सियासी दलों की गाड़ी को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाई है. अब इस राजघराने के सदस्य और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Minister Jyotiraditya Scindia) के पुत्र महाआर्यमन सिंधिया (mahaaryman scindia) सियासी मैदान की दहलीज पर खड़े नजर आने लगे हैं. उनके 26वें जन्मदिन पर आयोजित समारोह ने तो कयासबाजी को भी पंख लगा दिए हैं.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) के पुत्र महाआर्यमन अब 26 साल के हो गए हैं और उन्होंने पहली दफा ग्वालियर में अपना जन्मदिन मनाया. उनकी शिक्षा दून स्कूल, देहरादून और अमेरिका के येल विश्वविद्यालय से हुई है. उन्होंने अभी हाल ही में अमेरिका से एमबीए किया है. कुल मिलाकर उनका ज्यादा वक्त ग्वालियर के बाहर ही बीता है.
ग्वालियर में बुधवार को महाआर्यमन के जन्मदिन के मौके पर भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जयविलास पैलेस में केक काटने का पूरे दिन दौर चला, आतिशबाजी भी हुई और प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से लोग भी यहां पहुंचे. यह जोरदार जलसा रहा. महाआर्यमन के 26वें जन्मदिन (mahaaryman scindia 26th birthday) के महा आयोजन को सियासी चश्में से भी देखा जा रहा है. राजनीतिक पंडित इस बात का अंदाजा लगाने से पीछे नहीं है कि अब जल्दी ही महाआर्यमन सियासी पारी की शुरुआत भी कर सकते हैं. जब महाआर्यमन से संवाददाताओं ने उनकी सियासी पारी को लेकर सवाल किया तो उनका जवाब था कि, मैं पहले लोगों से मिलूंगा, उनसे बात करुंगा और उसके बाद ही राजनीति में आने के बारे में सोचूंगा.
Co-operative Bank Scam: MP में सहकारी बैंक में गड़बड़ी पर 7 अधिकारी सस्पेंड, शिवराज सरकार का एक्शन
बीते कुछ सालों पर गौर करें तो महाआर्यमन सबसे ज्यादा 2018 के लोकसभा चुनाव में अपने पिता ज्येातिरादित्य सिंधिया (Minister Jyotiraditya Scindia) प्रचार के दौरान शिवपुरी में नजर आए थे. इस दौरान उन्होंने कई मंच भी साझा किए थे. इतना ही नहीं पिछले दिनों अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भी महाआर्यमन ग्वालियर के कई कार्यक्रमों में दिखे थे. अब उन्होंने अपना जन्मदिन ग्वालियर में मनाया. इसको लेकर लोग कयास लगा रहे हैं.
Sun Transit November 2021 : ग्रहों के राजा सूर्य का मित्र की राशि में प्रवेश, जानें अपनी राशि पर असर
सिंधिया राजघराने (Scindia dynasty) के करीबी डॉ केशव पांडे का कहना है कि सिंधिया राजघराने के बगैर भारतीय राजनीति का इतिहास पूरा नहीं हो सकता. ग्वालियर की पहचान ही यह परिवार है. जहां तक परिवार के सदस्य महाआर्यमन (mahaaryman scindia) के राजनीति में आने की बात है तो यह निर्णय तो सिंधिया परिवार ही करेगा.आजादी के बाद की राजनीति पर गौर करें तो महाआर्यमन की परदादी विजयराजे सिंधिया (Vijayaraje Scindia), दादा माधवराव सिंधिया और अब पिता ज्योदिरादित्य सिंधिया के अलावा दादी यशोधरा राजे सिंधिया (yashodhara raje scindia), वसुधरा राजे सिंधिया (vasudhara raje scindia)का सियासत में बड़ा कद है.
महाआर्यमन (mahaaryman scindia 26th birthday) भले ही सियासी मैदान में सक्रिय न हों मगर सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय रहते हैं. साथ ही वे अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ खुले तौर पर खड़े नजर भी आते हैं. जब सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी थी तब महाआर्यमन ने एक ट्वीट (mahaaryman scindia twitter handle @AScindia) कर उनका समर्थन किया था और उनका वह ट्वीट खूब चर्चाओं में रहा था. उन्होंने लिखा था, मुझे अपने पिता पर खुद के लिए एक स्टैंड लेने पर गर्व है. विरासत से इस्तीफा देने के लिए साहस चाहिए. इतिहास खुद बोलता है. मेरा परिवार कभी सत्ता का भूखा नहीं रहा. हम भारत और मध्य प्रदेश में एक प्रभावशाली बदलाव करेंगे जहां हमारा भविष्य होगा.
ग्रहण सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें ये सावधानियां
कुल मिलाकर अब लगने लगा है कि सिंधिया राजघराने (Scindia dynasty) का एक और सदस्य सियासी मैदान की दहलीज पर आकर खड़ा है, बस इंतजार है कि वह इसमें प्रवेश कब करेगा.
इनपुट --आईएएनएस