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नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में सड़क पर AIMIM, पुनर्विचार करने की मांग - Citizenship amendment bill

नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 अब कानून में बदल गया है. लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद गुरूवार देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से इस बिल को मंजूरी दी गई. इसके विरोध में ग्वालियर एआईएमआईएम ने एक रैली निकाली और इस बिल को संविधान विरोधी बताते हुए पुनर्विचार की मांग की.

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नागरिकता संशोधन बिल का विरोध
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Published : Dec 13, 2019, 7:58 PM IST

ग्वालियर। नागरिकता संशोधन बिल को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कार्यकर्ताओं ने फूल बाग से संभागीय आयुक्त कार्यालय तक एक रैली निकाली. इस दौरान बिल के विरोध में नारेबाजी भी की गई. एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिल संविधान विरोधी है.

नागरिकता संशोधन बिल का विरोध


लोकसभा में 9 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल 2019 पारित किया गया है. फिर राज्यसभआ में पास होने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति ने मंजूरी भी दे दी है. एआईएमआईएम का कहना है कि इस बिल में संविधान के आर्टिकल 14 और 21 का उल्लंघन किया गया है.


प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मुसलमानों को इस बिल के जरिए दूसरे प्रकार की नागरिकता दिए जाने की आशंका है, जबकि भारतीय संविधान में सभी को समान हक और अधिकार दिए गए हैं. यह बिल भारत की गंगा जमुना तहजीब और भाईचारे को खत्म करने वाला भविष्य में साबित हो सकता है. इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार की जरूरत है.

ग्वालियर। नागरिकता संशोधन बिल को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कार्यकर्ताओं ने फूल बाग से संभागीय आयुक्त कार्यालय तक एक रैली निकाली. इस दौरान बिल के विरोध में नारेबाजी भी की गई. एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिल संविधान विरोधी है.

नागरिकता संशोधन बिल का विरोध


लोकसभा में 9 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल 2019 पारित किया गया है. फिर राज्यसभआ में पास होने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति ने मंजूरी भी दे दी है. एआईएमआईएम का कहना है कि इस बिल में संविधान के आर्टिकल 14 और 21 का उल्लंघन किया गया है.


प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मुसलमानों को इस बिल के जरिए दूसरे प्रकार की नागरिकता दिए जाने की आशंका है, जबकि भारतीय संविधान में सभी को समान हक और अधिकार दिए गए हैं. यह बिल भारत की गंगा जमुना तहजीब और भाईचारे को खत्म करने वाला भविष्य में साबित हो सकता है. इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार की जरूरत है.

Intro:ग्वालियर
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के कार्यकर्ताओं ने फूल बाग से संभागीय आयुक्त कार्यालय तक एक रैली निकाली और बिल के विरोध में नारेबाजी की। उनका कहना है कि यह बिल संविधान विरोधी है जिसका सभी को विरोध करना चाहिए।


Body:दरअसल लोकसभा में 9 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल 2019 पारित किया गया है ए आई एम आई एम का कहना है कि उक्त बिल में संविधान के आर्टिकल 14 और 21 का उल्लंघन किया गया है। ए आई एम आई एम का कहना है कि देश में वे अपनी इच्छा या किसी दवाब से नहीं है बल्कि वह देश को अपना व वतने अजीज मानते हैं ।


Conclusion:कार्यकर्ताओं ने कहा कि मुसलमानों को इस बिल के जरिए दूसरे प्रकार की नागरिकता दिए जाने की आशंका है जबकि भारतीय संविधान में सभी को समान हक और अधिकार दिए गए हैं यह बिल भारत की गंगा जमुना तहजीब और भाईचारे को खत्म करने वाला भविष्य में साबित हो सकता है। इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार की जरूरत है।
बाइट इलियास खान ... नेता ए आई एम आई एम
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