ग्वालियर। साल 2020 हम से अलविदा कहने वाला है. इस साल प्रदेश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो हमारे दिल और दिमाग में हमेशा याद रहेंगी. बात अगर राजनीति के क्षेत्र में की जाए, तो मध्य प्रदेश के ग्वालियर में इस साल 2021 में सबसे बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम (political happening gwalior 2021) सामने आया था. यहां प्रदेश में पहली बार एक ही शहर के रहने बाले दो केंद्रीय मंत्री बनाए गए. कमलनाथ सरकार गिराकर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia in gwalior) को दूसरे केंद्रीय मंत्री के रूप में मोदी टीम ने शपथ दिलाई. पहले से ही यहां पर केंद्रीय मंत्री के रूप में नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हैं. मतलब अब यहां से अंचल के दोनों दिग्गज नेता पीएम मोदी टीम के सिपाही हैं. यहां की राजनीति अब पूरी तरह से बदल गई है.
एक शहर के दो दिग्गजों को बनाया केंद्रीय मंत्री
प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब एक ही शहर में रहने वाले दोनों दिग्गज नेताओं को मोदी सरकार में जगह मिली है. अंचल में भी ऐसा पहली बार देखने को मिला है. कांग्रेस पार्टी से बगावत करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए. उसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बना दिया. उसके लंबे इंतजार के बाद मोदी सरकार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्री का जिम्मा सौंप दिया. मतलब अंचल में दूसरे केंद्रीय मंत्री अंचल को दूसरे केंद्रीय मंत्री के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया मिल गए.
सिंधिया ने ग्वालियर को दिलाई विशेष पहचान
ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के दिग्गज नेता के रूप में सिर्फ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर थे. सिंधिया के केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद दोनों नेता बराबर की टक्कर में आ गए. सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिलने के बाद उन्होंने बहुत ही कम समय में ग्वालियर को विशेष पहचान दिला दी. उन्होंने ग्वालियर से दर्जनों फ्लाइट शुरू करवाईं. देश में बड़े-बड़े महानगरों के लिए आज ग्वालियर से फ्लाइट शुरू हो चुकी हैं. इसके साथ ही ग्वालियर एयरपोर्ट को भव्य बनाने के लिए उन्होंने मंत्रालय से मंजूरी दे दी है. बहुत जल्द ही ग्वालियर में एक भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा है.
सिंधिया के मंत्री बनने के बाद अंचल में बीजेपी हुई दो फाड़
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को जैसे ही मोदी टीम में जगह मिली, उसके बाद ग्वालियर चंबल अंचल की राजनीति में कई बदलाव देखने को मिले. इससे पहले ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के सिर्फ एक ही दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (narendra singh tomar in gwalior) के रूप में जाने जाते थे, जैसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनाया गया. उसके बाद अंचल में बीजेपी दो गुटों में बंट गई. इसका असर आज भी दिखता है. ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया टीम अलग काम करती है, तो वहीं बीजेपी यानी तोमर टीम अलग काम करती है. इनके समर्थक आज भी अंदरुनी विरोध अपने-अपने नेताओं का करते हैं.
अपने-अपने वर्चस्व के लिए लड़ रहे लड़ाई
ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनने के बाद अगर सबसे ज्यादा असर हुआ है तो वह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर देखने को मिला है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी में इकलौते एक दिग्गज नेता के रूप में जाने जाने थे. ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी उनके इशारे पर चलती थी. जब से सिंधिया केंद्रीय मंत्री बने हैं. उसके बाद बीजेपी को इस अंचल में दूसरा कद्दावर नेता मिल गया है. यही वजह है कि इसका असर साफ तौर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर देखने को मिला.