ETV Bharat / state

Gwalior Politics 2021: सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद मजबूत हुआ ग्वालियर पर दो खेमे में बंट गए समर्थक, पढ़ें विश्लेषण

साल 2021 में ग्वालियर की राजनीति में कई तरह के उतार चढ़ाव आये. ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होना इनमें सबसे बड़ा कदम था. इसका असर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर देखने को मिला. वहीं सिंधिया के भाजपा में आने के बाद ग्वालियर में समर्थक दो गुटों में विभाजित हो गए हैं. आएये देखते हैं सिंधिया के भाजपा में (political happening gwalior 2021) आने के बाद हो रहा है.

Gwalior Politics 2021
ग्वालियर राजनीति 2021
author img

By

Published : Dec 28, 2021, 1:58 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 2:22 PM IST

ग्वालियर। साल 2020 हम से अलविदा कहने वाला है. इस साल प्रदेश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो हमारे दिल और दिमाग में हमेशा याद रहेंगी. बात अगर राजनीति के क्षेत्र में की जाए, तो मध्य प्रदेश के ग्वालियर में इस साल 2021 में सबसे बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम (political happening gwalior 2021) सामने आया था. यहां प्रदेश में पहली बार एक ही शहर के रहने बाले दो केंद्रीय मंत्री बनाए गए. कमलनाथ सरकार गिराकर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia in gwalior) को दूसरे केंद्रीय मंत्री के रूप में मोदी टीम ने शपथ दिलाई. पहले से ही यहां पर केंद्रीय मंत्री के रूप में नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हैं. मतलब अब यहां से अंचल के दोनों दिग्गज नेता पीएम मोदी टीम के सिपाही हैं. यहां की राजनीति अब पूरी तरह से बदल गई है.

ग्वालियर राजनीति 2021

एक शहर के दो दिग्गजों को बनाया केंद्रीय मंत्री
प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब एक ही शहर में रहने वाले दोनों दिग्गज नेताओं को मोदी सरकार में जगह मिली है. अंचल में भी ऐसा पहली बार देखने को मिला है. कांग्रेस पार्टी से बगावत करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए. उसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बना दिया. उसके लंबे इंतजार के बाद मोदी सरकार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्री का जिम्मा सौंप दिया. मतलब अंचल में दूसरे केंद्रीय मंत्री अंचल को दूसरे केंद्रीय मंत्री के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया मिल गए.

सिंधिया ने ग्वालियर को दिलाई विशेष पहचान
ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के दिग्गज नेता के रूप में सिर्फ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर थे. सिंधिया के केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद दोनों नेता बराबर की टक्कर में आ गए. सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिलने के बाद उन्होंने बहुत ही कम समय में ग्वालियर को विशेष पहचान दिला दी. उन्होंने ग्वालियर से दर्जनों फ्लाइट शुरू करवाईं. देश में बड़े-बड़े महानगरों के लिए आज ग्वालियर से फ्लाइट शुरू हो चुकी हैं. इसके साथ ही ग्वालियर एयरपोर्ट को भव्य बनाने के लिए उन्होंने मंत्रालय से मंजूरी दे दी है. बहुत जल्द ही ग्वालियर में एक भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा है.

सिंधिया के मंत्री बनने के बाद अंचल में बीजेपी हुई दो फाड़
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को जैसे ही मोदी टीम में जगह मिली, उसके बाद ग्वालियर चंबल अंचल की राजनीति में कई बदलाव देखने को मिले. इससे पहले ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के सिर्फ एक ही दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (narendra singh tomar in gwalior) के रूप में जाने जाते थे, जैसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनाया गया. उसके बाद अंचल में बीजेपी दो गुटों में बंट गई. इसका असर आज भी दिखता है. ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया टीम अलग काम करती है, तो वहीं बीजेपी यानी तोमर टीम अलग काम करती है. इनके समर्थक आज भी अंदरुनी विरोध अपने-अपने नेताओं का करते हैं.

राज 'काज' 2021: कोरोना से जागरूकता पर स्वास्थ्य आग्रह, आदिवासी वोट के लिए गौरव दिवस! सरकारी आयोजनों की देखें झलकी

अपने-अपने वर्चस्व के लिए लड़ रहे लड़ाई
ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनने के बाद अगर सबसे ज्यादा असर हुआ है तो वह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर देखने को मिला है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी में इकलौते एक दिग्गज नेता के रूप में जाने जाने थे. ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी उनके इशारे पर चलती थी. जब से सिंधिया केंद्रीय मंत्री बने हैं. उसके बाद बीजेपी को इस अंचल में दूसरा कद्दावर नेता मिल गया है. यही वजह है कि इसका असर साफ तौर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर देखने को मिला.

ग्वालियर। साल 2020 हम से अलविदा कहने वाला है. इस साल प्रदेश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो हमारे दिल और दिमाग में हमेशा याद रहेंगी. बात अगर राजनीति के क्षेत्र में की जाए, तो मध्य प्रदेश के ग्वालियर में इस साल 2021 में सबसे बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम (political happening gwalior 2021) सामने आया था. यहां प्रदेश में पहली बार एक ही शहर के रहने बाले दो केंद्रीय मंत्री बनाए गए. कमलनाथ सरकार गिराकर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia in gwalior) को दूसरे केंद्रीय मंत्री के रूप में मोदी टीम ने शपथ दिलाई. पहले से ही यहां पर केंद्रीय मंत्री के रूप में नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हैं. मतलब अब यहां से अंचल के दोनों दिग्गज नेता पीएम मोदी टीम के सिपाही हैं. यहां की राजनीति अब पूरी तरह से बदल गई है.

ग्वालियर राजनीति 2021

एक शहर के दो दिग्गजों को बनाया केंद्रीय मंत्री
प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब एक ही शहर में रहने वाले दोनों दिग्गज नेताओं को मोदी सरकार में जगह मिली है. अंचल में भी ऐसा पहली बार देखने को मिला है. कांग्रेस पार्टी से बगावत करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए. उसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बना दिया. उसके लंबे इंतजार के बाद मोदी सरकार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्री का जिम्मा सौंप दिया. मतलब अंचल में दूसरे केंद्रीय मंत्री अंचल को दूसरे केंद्रीय मंत्री के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया मिल गए.

सिंधिया ने ग्वालियर को दिलाई विशेष पहचान
ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के दिग्गज नेता के रूप में सिर्फ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर थे. सिंधिया के केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद दोनों नेता बराबर की टक्कर में आ गए. सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिलने के बाद उन्होंने बहुत ही कम समय में ग्वालियर को विशेष पहचान दिला दी. उन्होंने ग्वालियर से दर्जनों फ्लाइट शुरू करवाईं. देश में बड़े-बड़े महानगरों के लिए आज ग्वालियर से फ्लाइट शुरू हो चुकी हैं. इसके साथ ही ग्वालियर एयरपोर्ट को भव्य बनाने के लिए उन्होंने मंत्रालय से मंजूरी दे दी है. बहुत जल्द ही ग्वालियर में एक भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा है.

सिंधिया के मंत्री बनने के बाद अंचल में बीजेपी हुई दो फाड़
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को जैसे ही मोदी टीम में जगह मिली, उसके बाद ग्वालियर चंबल अंचल की राजनीति में कई बदलाव देखने को मिले. इससे पहले ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के सिर्फ एक ही दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (narendra singh tomar in gwalior) के रूप में जाने जाते थे, जैसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनाया गया. उसके बाद अंचल में बीजेपी दो गुटों में बंट गई. इसका असर आज भी दिखता है. ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया टीम अलग काम करती है, तो वहीं बीजेपी यानी तोमर टीम अलग काम करती है. इनके समर्थक आज भी अंदरुनी विरोध अपने-अपने नेताओं का करते हैं.

राज 'काज' 2021: कोरोना से जागरूकता पर स्वास्थ्य आग्रह, आदिवासी वोट के लिए गौरव दिवस! सरकारी आयोजनों की देखें झलकी

अपने-अपने वर्चस्व के लिए लड़ रहे लड़ाई
ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनने के बाद अगर सबसे ज्यादा असर हुआ है तो वह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर देखने को मिला है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी में इकलौते एक दिग्गज नेता के रूप में जाने जाने थे. ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी उनके इशारे पर चलती थी. जब से सिंधिया केंद्रीय मंत्री बने हैं. उसके बाद बीजेपी को इस अंचल में दूसरा कद्दावर नेता मिल गया है. यही वजह है कि इसका असर साफ तौर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर देखने को मिला.

Last Updated : Dec 28, 2021, 2:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.