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महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह जिले में कुपोषण हुआ बेकाबू, एनआरसी सेंटर हुए फुल - इमरती देवी

कुपोषण किस कदर बेकाबू हुआ है इसका अंदाजा दस्तक अभियान के तहत जांच के दौरान सामने आए आंकड़ों से लगाया जा सकता है. ग्वालियर एनआरसी के तहत 76 बच्चे कुपोषित पाए गए हैं.

मंत्री इमरती देवी के गृह जिले में कुपोषण हुआ बेकाबू
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Published : Jul 9, 2019, 6:48 PM IST

ग्वालियर| जिले में कुपोषण किस कदर बेकाबू हुआ है इसका अंदाजा दस्तक अभियान के तहत जांच के दौरान सामने आए आंकड़ों से लगाया जा सकता है. 10 जून से शुरू हुए दस्तक अभियान में अब तक 91 हजार 785 बच्चों की स्क्रीनिंग कराई गई है. जिसमें से सिर्फ ग्वालियर एनआरसी के तहत 76 बच्चे कुपोषित पाए गए हैं. इनमें से 51 बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया गया है. वहीं 18 बच्चे अभी भी अपनी भर्ती होने की बारी का इंतजार कर रहे हैं.

मंत्री इमरती देवी के गृह जिले में कुपोषण हुआ बेकाबू

ये हालात तो प्रदेश सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह जिले ग्वालियर कि शहरी एनआरसी के हैं. कुछ ऐसी ही हालात ग्वालियर की तीन अन्य एनआरसी सेंटर मोहना, भितरवार और घाटीगांव के भी हैं. सूबे की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह जिले के हालात अगर ये हैं, तो बाकी जिलों की क्या हालत होगी. इस बात को आप बखूबी समझ सकते हैं. एनआरसी प्रभारी डॉ मोनिका यादव का कहना है कि अधिकांश बच्चे जो कुपोषित हैं, उनका सबसे बड़ा कारण है उनकी मां का कमजोर होना. मां के कमजोर होने से बच्चे भी कमजोर पैदा होते हैं.

इसके साथ ही बच्चों को स्तनपान भी नहीं कराया जा रहा है. जिसके चलते कुपोषण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. छोटे बच्चों में होने वाली बीमारियों का पता करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 10 जून से लेकर 20 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत ग्वालियर जिले में 1,78,261 बच्चों की स्क्रीनिंग की जानी है.

ग्वालियर| जिले में कुपोषण किस कदर बेकाबू हुआ है इसका अंदाजा दस्तक अभियान के तहत जांच के दौरान सामने आए आंकड़ों से लगाया जा सकता है. 10 जून से शुरू हुए दस्तक अभियान में अब तक 91 हजार 785 बच्चों की स्क्रीनिंग कराई गई है. जिसमें से सिर्फ ग्वालियर एनआरसी के तहत 76 बच्चे कुपोषित पाए गए हैं. इनमें से 51 बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया गया है. वहीं 18 बच्चे अभी भी अपनी भर्ती होने की बारी का इंतजार कर रहे हैं.

मंत्री इमरती देवी के गृह जिले में कुपोषण हुआ बेकाबू

ये हालात तो प्रदेश सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह जिले ग्वालियर कि शहरी एनआरसी के हैं. कुछ ऐसी ही हालात ग्वालियर की तीन अन्य एनआरसी सेंटर मोहना, भितरवार और घाटीगांव के भी हैं. सूबे की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह जिले के हालात अगर ये हैं, तो बाकी जिलों की क्या हालत होगी. इस बात को आप बखूबी समझ सकते हैं. एनआरसी प्रभारी डॉ मोनिका यादव का कहना है कि अधिकांश बच्चे जो कुपोषित हैं, उनका सबसे बड़ा कारण है उनकी मां का कमजोर होना. मां के कमजोर होने से बच्चे भी कमजोर पैदा होते हैं.

इसके साथ ही बच्चों को स्तनपान भी नहीं कराया जा रहा है. जिसके चलते कुपोषण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. छोटे बच्चों में होने वाली बीमारियों का पता करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 10 जून से लेकर 20 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत ग्वालियर जिले में 1,78,261 बच्चों की स्क्रीनिंग की जानी है.

Intro:ग्वालियर- ग्वालियर जिले में कुपोषण किस कदर बेकाबू हुआ है इसकी बानगी दस्तक अभियान के तहत जांच के दौरान सामने आई आंकड़े दे रहे हैं। 10 जून से शुरू हुए दस्तक अभियान के तहत अब तक 91 हजार 785 बच्चों की स्क्रीनिंग कराई गई है जिसमें से अकेले ग्वालियर शहरी एनआरसी के तहत 76 बच्चे कुपोषण का शिकार होना पाए गए हैं इनमें से 51 बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया गया है। वहीं 18 बच्चे अभी भी अपनी भर्ती होने की बारी का इंतजार कर रही है।


Body:यह हालात तो प्रदेश सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह जिले ग्वालियर कि शहरी एनआरसी के हैं कमोबेश कुछ ऐसी ही हालात ग्वालियर की तीन अन्य एनआरसी सेंटर मोहना , भितरवार और घाटीगांव की भी है। सूबे की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह जिले के हालात अगर यह है तो बाकी जिलों की क्या हालत होगी ।इस बात को आप बखूबी समझ सकते हैं। एनआरसी प्रभारी डॉ मोनिका यादव का कहना है कि अधिकांश बच्चे जो कुपोषित आ रही है उनका सबसे ज्यादा बड़ा कारण है माता का कमजोर होना। जहां माता कमजोर है उससे बच्ची भी कमजोर पैदा होते हैं। इसके साथ ही जो पोषण आहार उन्हें आंगनबाड़ियों के माध्यम से दिया जाता है उसका उपयोग नहीं करती है।


Conclusion:इसके साथ ही बच्चों को स्तनपान भी नहीं कराया जा रहा है जिसके चलते कुपोषण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गौरतलब है कि छोटे बच्चों में होने वाली बीमारियों का पता करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 10 जून से लेकर 20 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत ग्वालियर जिले में 178261 बच्चों की स्क्रीनिंग की जानी है।

बाईट -मोनिका , एनआरसी सेंटर प्रभारी
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