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black fungus का इंजेक्शन दिलाने के नाम पर 50 हजार की ठगी, आरोपी गिरफ्तार

आरोपी ने 2 लाख 40 हजार रुपए में अकाउंटेंट की बेटी को 30 इंजेक्शन दिलाने का झांसा दिया था और 50 हजार रुपए एडवांस लेकर गायब हो गया. जिसके बाद इंजेक्शन न मिलने के कारण ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उसकी एक आंख निकालनी पड़ी है.

Black fungus
ब्लैक फंगस
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Published : May 23, 2021, 7:12 PM IST

ग्वालियर। शहर में ब्लैक फंगस (black fungus) का इंजेक्शन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी ने खुद को जयारोग्य अस्पताल का कर्मचारी बताकर ब्लैक फंगस की मरीज अकाउंटेंट की बेटी से 50 हजार रुपए ठग लिए. आरोपी ने 2 लाख 40 हजार रुपए में अकाउंटेंट की बेटी को 30 इंजेक्शन दिलाने का झांसा दिया था और 50 हजार रुपए एडवांस लेकर गायब हो गया. जिसके बाद इंजेक्शन न मिलने के कारण ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उसकी एक आंख निकालनी पड़ी है.

ब्लैक फंगस
  • यह है पूरा मामला

दरअसल, टीकमगढ़ में रहने वाले 55 वर्षीय रमाकांत मिश्रा आईटीआई (ITI) कॉलेज में बतौर अकाउंटेंट पदस्थ हैं. रमाकांत 19 अप्रैल को कोरोना संक्रमित (corona virus) हुए थी और वह इलाज बाद कोरोना से रिकवर भी हो चुके थे. जिसके कुछ दिन बाद रमाकांत को ब्लैक फंगस की शिकायत हुई. फंगस बढ़ने पर उनकी बेटी रितु मिश्रा ने उन्हें 11 मई को ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया और अकाउंटेंट रमाकांत मिश्रा को ब्लैक फंगस से बचाव के लिए इंजेक्शन की जरूरत थी. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने इंजेक्शन नहीं होने की बात कही और कहा कि यदि इंजेक्शन नहीं मिला तो फंगस को रोकने के लिए मरीज की एक आंख निकालनी पड़ेगी. मद्देनजर रमाकांत मिश्रा की बेटी रितु ने इंजेक्शन के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली. उसे उम्मीद थी कि कोई उनकी मदद जरूर करेगा.

अद्भुत नजारा! बाघिन की मौत के बाद पिता नर बाघ कर रहा शावकों की देखभाल

  • मदद तो मिली नहीं उलटा हुई ठगी

सोशल मीडिया में पोस्ट डालने के बाद 18 मई को रमाकांत मिश्रा की दूसरी बेटी वर्षा के मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने अपना नाम चेतन सविता बताया. उनसे कहा कि वह जयारोग्य अस्पताल में बतौर क्लर्क पदस्थ है और वह उन्हें इंजेक्शन दिलवा सकता है. आरोपी ने कहा कि वह अस्पताल के कागजात और इंजेक्शन के लिए डिमांड लेटर लेकर माधव डिस्पेंसरी जयारोग्य आ जाएं. फिर आरोपी ने रितु से मुलाकात कर कहा कि 30 इंजेक्शन के 2.40 लाख रुपए लगेंगे. इस दौरान आरोपी ने उनसे एडवांस मांगा तो उन्होंने आरोपी के खाते में 50 हजार भेज दिए और फिर आरोपी ने रितु का फोन उठाना बंद कर दिया. जिसके बाद पीड़ित युवती ने मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच में की थी.

ग्वालियर। शहर में ब्लैक फंगस (black fungus) का इंजेक्शन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी ने खुद को जयारोग्य अस्पताल का कर्मचारी बताकर ब्लैक फंगस की मरीज अकाउंटेंट की बेटी से 50 हजार रुपए ठग लिए. आरोपी ने 2 लाख 40 हजार रुपए में अकाउंटेंट की बेटी को 30 इंजेक्शन दिलाने का झांसा दिया था और 50 हजार रुपए एडवांस लेकर गायब हो गया. जिसके बाद इंजेक्शन न मिलने के कारण ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उसकी एक आंख निकालनी पड़ी है.

ब्लैक फंगस
  • यह है पूरा मामला

दरअसल, टीकमगढ़ में रहने वाले 55 वर्षीय रमाकांत मिश्रा आईटीआई (ITI) कॉलेज में बतौर अकाउंटेंट पदस्थ हैं. रमाकांत 19 अप्रैल को कोरोना संक्रमित (corona virus) हुए थी और वह इलाज बाद कोरोना से रिकवर भी हो चुके थे. जिसके कुछ दिन बाद रमाकांत को ब्लैक फंगस की शिकायत हुई. फंगस बढ़ने पर उनकी बेटी रितु मिश्रा ने उन्हें 11 मई को ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया और अकाउंटेंट रमाकांत मिश्रा को ब्लैक फंगस से बचाव के लिए इंजेक्शन की जरूरत थी. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने इंजेक्शन नहीं होने की बात कही और कहा कि यदि इंजेक्शन नहीं मिला तो फंगस को रोकने के लिए मरीज की एक आंख निकालनी पड़ेगी. मद्देनजर रमाकांत मिश्रा की बेटी रितु ने इंजेक्शन के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली. उसे उम्मीद थी कि कोई उनकी मदद जरूर करेगा.

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  • मदद तो मिली नहीं उलटा हुई ठगी

सोशल मीडिया में पोस्ट डालने के बाद 18 मई को रमाकांत मिश्रा की दूसरी बेटी वर्षा के मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने अपना नाम चेतन सविता बताया. उनसे कहा कि वह जयारोग्य अस्पताल में बतौर क्लर्क पदस्थ है और वह उन्हें इंजेक्शन दिलवा सकता है. आरोपी ने कहा कि वह अस्पताल के कागजात और इंजेक्शन के लिए डिमांड लेटर लेकर माधव डिस्पेंसरी जयारोग्य आ जाएं. फिर आरोपी ने रितु से मुलाकात कर कहा कि 30 इंजेक्शन के 2.40 लाख रुपए लगेंगे. इस दौरान आरोपी ने उनसे एडवांस मांगा तो उन्होंने आरोपी के खाते में 50 हजार भेज दिए और फिर आरोपी ने रितु का फोन उठाना बंद कर दिया. जिसके बाद पीड़ित युवती ने मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच में की थी.

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