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खबर का असरः 120 करोड़ रुपये से स्वर्णरेखा की जीवन रेखा बदलने की तैयारी

ग्वालियर में स्वर्णरेखा नदी जो पूरी तरह से नाले में तब्दील हो चुकी है. उसको संवारने के लिए स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन 120 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर रहा है. ETV BHARAT के खबर प्रकाशित करने के बाद ये कार्रवाई की गयी है.

स्वर्ण रेखा नदी
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Published : Jun 26, 2019, 7:15 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर में एक बार फिर ETV BHARAT की खबर का असर हुआ है. शहर की स्वर्णरेखा नदी जो अब पूरी तरह से नाले में तब्दील हो चुकी है. उसको संवारने के लिए स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन 120 करोड़ रुपए का डीपीआर तैयार कर रहा है. जिससे जल्द ही लोगों को स्वर्णरेखा नदी से स्वच्छ पानी मिलने की उम्मीद है.
ग्वालियर स्मार्ट सिटी के सीईओ ने ETV BHARAT को बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 120 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है और जल्द ही इसको संवारने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

नाले में तब्दील हुई स्वर्णरेखा नदी को संवारने के लिए खर्च किए जाएंगे 120 करोड़ रुपए
यह है मामला-
  • जल संसाधन विभाग स्वर्णरेखा नदी में पानी लाने के नाम पर 80 करोड़ रूपये खर्च कर चुका है.
  • 12 जून को ईटीवी भारत ने स्वर्णरेखा नदी में फैली गंदगी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया.
  • स्मार्ट सिटी सीईओ के मुतबिक स्वर्णरेखा नदी के लिए एक कमेटी बनाई गई है.
  • कमेटी में जल संसाधन विभाग, पर्यटन विभाग और नगर निगम को शामिल किया गया है.
  • जरूरत पड़ने पर जल संसाधन विभाग से भी राशि ली जाएगी.
  • स्वर्ण रेखा नदी को संवारने में लगभग 120 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
  • स्वर्णरेखा नदी लंदन की थेम्स नदी की तर्ज पर बनी है, जो सिंधिया रियासत काल में बनी थी.
  • सिंधिया रियासत में स्वर्णरेखा ग्वालियर शहर की प्यास बुझाती थी, लेकिन अब इसमें नाले का पानी बह रहा है.

ग्वालियर। ग्वालियर में एक बार फिर ETV BHARAT की खबर का असर हुआ है. शहर की स्वर्णरेखा नदी जो अब पूरी तरह से नाले में तब्दील हो चुकी है. उसको संवारने के लिए स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन 120 करोड़ रुपए का डीपीआर तैयार कर रहा है. जिससे जल्द ही लोगों को स्वर्णरेखा नदी से स्वच्छ पानी मिलने की उम्मीद है.
ग्वालियर स्मार्ट सिटी के सीईओ ने ETV BHARAT को बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 120 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है और जल्द ही इसको संवारने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

नाले में तब्दील हुई स्वर्णरेखा नदी को संवारने के लिए खर्च किए जाएंगे 120 करोड़ रुपए
यह है मामला-
  • जल संसाधन विभाग स्वर्णरेखा नदी में पानी लाने के नाम पर 80 करोड़ रूपये खर्च कर चुका है.
  • 12 जून को ईटीवी भारत ने स्वर्णरेखा नदी में फैली गंदगी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया.
  • स्मार्ट सिटी सीईओ के मुतबिक स्वर्णरेखा नदी के लिए एक कमेटी बनाई गई है.
  • कमेटी में जल संसाधन विभाग, पर्यटन विभाग और नगर निगम को शामिल किया गया है.
  • जरूरत पड़ने पर जल संसाधन विभाग से भी राशि ली जाएगी.
  • स्वर्ण रेखा नदी को संवारने में लगभग 120 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
  • स्वर्णरेखा नदी लंदन की थेम्स नदी की तर्ज पर बनी है, जो सिंधिया रियासत काल में बनी थी.
  • सिंधिया रियासत में स्वर्णरेखा ग्वालियर शहर की प्यास बुझाती थी, लेकिन अब इसमें नाले का पानी बह रहा है.
Intro:ग्वालियर में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला है शहर की स्वर्णरेखा नदी जो अब पूरी तरह से नाले में तब्दील हो चुकी है उसको संवारने के लिए स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन 120 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर रहा है। जल्द ही लोगों को स्वर्णरेखा नदी से स्वच्छ पानी मिलने की उम्मीद है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी के सीईओ ने ईटीवी भारत को बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 120 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। और जल्दी ही इस को संवारने का काम शुरू कर दिया जाएगा।


Body:गौरतलब है कि इससे पहले जल संसाधन विभाग स्वर्णरेखा में पानी लाने के नाम पर 80 करोड़ रूपये खर्च कर चुका है लेकिन आज तक इस में पानी नहीं आ सका।स्मार्ट सिटी सीईओ के अनुसार स्वर्णरेखा नदी के लिए एक कमेटी बनाई गई है इसमें स्वर्णरेखा नदी के अलावा यह जल संसाधन विभाग ,पर्यटन विभाग और नगर निगम को शामिल किया गया है यदि जरूरत पड़ी तो जल संसाधन विभाग से भी राशि ली जाएगी। सुरभि का नदी को सवारने में लगभग ₹120 खर्च होने का अनुमान है बता दें 12 जून को ईटीवी भारत ने स्वर्णरेखा नदी में फैली गंदगी की खबर को प्रमुखता से दिखाया था जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और स्वर्णरेखा नदी को संवारने का काम शुरू कर दिया है। स्वर्णरेखा नदी लंदन की थेम्स नदी की तर्ज पर बनी हुई है जो सिंधिया रियासत काल में बनी थी। उस समय स्वर्णरेखा नदी ग्वालियर शहर को पानी पिला दी थी लेकिन अब हालात यह है के पानी की जगह इसमें नाले का पानी बह रहा है।


Conclusion:बाईट - महिप तेजस्वी , सीईओ , स्मार्ट सिटी
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