ग्वालियर। ग्वालियर में एक बार फिर ETV BHARAT की खबर का असर हुआ है. शहर की स्वर्णरेखा नदी जो अब पूरी तरह से नाले में तब्दील हो चुकी है. उसको संवारने के लिए स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन 120 करोड़ रुपए का डीपीआर तैयार कर रहा है. जिससे जल्द ही लोगों को स्वर्णरेखा नदी से स्वच्छ पानी मिलने की उम्मीद है.
ग्वालियर स्मार्ट सिटी के सीईओ ने ETV BHARAT को बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 120 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है और जल्द ही इसको संवारने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
- जल संसाधन विभाग स्वर्णरेखा नदी में पानी लाने के नाम पर 80 करोड़ रूपये खर्च कर चुका है.
- 12 जून को ईटीवी भारत ने स्वर्णरेखा नदी में फैली गंदगी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया.
- स्मार्ट सिटी सीईओ के मुतबिक स्वर्णरेखा नदी के लिए एक कमेटी बनाई गई है.
- कमेटी में जल संसाधन विभाग, पर्यटन विभाग और नगर निगम को शामिल किया गया है.
- जरूरत पड़ने पर जल संसाधन विभाग से भी राशि ली जाएगी.
- स्वर्ण रेखा नदी को संवारने में लगभग 120 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
- स्वर्णरेखा नदी लंदन की थेम्स नदी की तर्ज पर बनी है, जो सिंधिया रियासत काल में बनी थी.
- सिंधिया रियासत में स्वर्णरेखा ग्वालियर शहर की प्यास बुझाती थी, लेकिन अब इसमें नाले का पानी बह रहा है.